उत्तर प्रदेश में गाँव के लोग तैयार कर रहे हैं विकास का नया रोडमैप

Gaon Connection | Nov 06, 2025, 17:47 IST

‘समर्थ उत्तर प्रदेश - विकसित उत्तर प्रदेश @2047’ महासंकल्प के तहत अब तक 73 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं। ग्रामीण और शहरी नागरिकों ने कृषि, शिक्षा, रोजगार और बुनियादी ढांचे पर अपने विचार साझा किए। यह पहल यूपी के भविष्य का जन-रोडमैप तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम बन गई है।

उत्तर प्रदेश में आम लोग विकास का नया खाका तैयार कर रहे हैं, इसमें गाँव से शहरों के बढ़-चढ़ का हिस्सा ले रहे हैं। ‘समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047: समृद्धि का शताब्दी पथ महासंकल्प’ अभियान पूरे प्रदेश में जनसंवाद का सबसे बड़ा मंच बनता जा रहा है। इस महाअभियान के तहत प्रदेश के 75 जिलों में अधिकारियों और समाज के प्रबुद्ध नागरिकों ने छात्रों, शिक्षकों, किसानों, उद्यमियों, स्वयंसेवी संगठनों, मीडिया प्रतिनिधियों और आम नागरिकों से संवाद स्थापित किया - ताकि उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य के रूप में बदलने की दिशा तय की जा सके।

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कृषि, ग्रामीण विकास और शिक्षा पर जनता का फोकस

प्राप्त सुझावों के विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ है कि लोगों की सबसे अधिक रुचि कृषि, ग्रामीण विकास और शिक्षा से जुड़े मुद्दों में है। अभियान को मिले सुझावों में कृषि से जुड़े 19.3 लाख, ग्रामीण विकास से 14.1 लाख, और शिक्षा से 16.4 लाख सुझाव शामिल हैं।
इनके अलावा उद्योग, आईटी, पर्यटन, समाज कल्याण और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी व्यापक राय सामने आई है।

उम्र के आधार पर देखें तो 31 वर्ष से कम आयु वर्ग से 36 लाख से अधिक, 31 से 60 वर्ष के बीच के नागरिकों से 33.5 लाख, और 60 वर्ष से ऊपर के नागरिकों से 3.4 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं। यह बताता है कि युवा वर्ग इस संवाद का सबसे सक्रिय हिस्सा है।

सबसे अधिक सुझाव देने वाले जिलों में जौनपुर (7.42 लाख) पहले स्थान पर रहा, जबकि संत कबीर नगर (6.89 लाख) दूसरे और गाजीपुर (3.37 लाख) तीसरे स्थान पर रहे।

जनता के विचारों में झलकता है भविष्य का खाका

महासंकल्प अभियान में मिले सुझावों में लोगों ने न केवल समस्याएं गिनाईं बल्कि समाधान भी सुझाए। महोबा के योगेश नायक ने सुझाव दिया कि कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीक, बेहतर सिंचाई प्रणाली और सौर पंपों का उपयोग बढ़ाया जाए। छोटे किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज और डिजिटल मंडी सुविधाओं की जरूरत पर भी जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि पशुपालन, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों के लिए बीमा योजनाएं और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए।

फतेहपुर के प्रशांत कुमार का मानना है, “विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश” का सपना तभी साकार होगा जब शिक्षा और कौशल विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने नई शिक्षा नीति के अनुरूप तकनीकी शिक्षा, डिजिटल लर्निंग और अनुसंधान-आधारित अध्ययन को बढ़ावा देने की बात कही।

कुशीनगर के आदित्य मिश्र ने प्रशासनिक सुधारों की दिशा में सुझाव दिए - जिनमें फास्ट ट्रैक कोर्ट, एआई आधारित केस मैनेजमेंट, पारदर्शी भूमि रिकॉर्ड, स्मार्ट ग्रिड और हरित इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी योजनाएँ शामिल हैं। वहीं फर्रुखाबाद के रजत गुप्ता ने कहा कि युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार देने के लिए राज्य में हरियाणा, तमिलनाडु और गुजरात की तरह बड़ी कंपनियों को आमंत्रित किया जाए, जिससे लखनऊ और कानपुर जैसे औद्योगिक केंद्र प्रदेश को नई दिशा दे सकें।

51,000 से अधिक ग्राम सभाओं में जनता से संवाद

अभियान के अंतर्गत 65 जिला पंचायतों, 821 क्षेत्र पंचायतों और 51,828 ग्राम पंचायतों में संवाद कार्यक्रम और विशेष बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। नगर निगमों और नगर पालिकाओं में भी लोगों से राय लेने का क्रम जारी है। यह पहल एक ऐसे विज़न डॉक्यूमेंट के रूप में विकसित हो रही है जिसमें जनता की आवाज़ सीधे नीति निर्माण में शामिल होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महासंकल्प को “जनभागीदारी से विकास की दिशा तय करने का अभियान” बताया है। उनका मानना है कि प्रदेश की समृद्धि तभी संभव है जब विकास की योजनाएँ जनता की ज़रूरतों और सुझावों के आधार पर बनें।

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