सोलर चरखों से तीन गुना अधिक बढ़ जाएगा खादी का उत्पादन

गाँव कनेक्शन | May 15, 2017, 21:04 IST

लखनऊ। प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि खादी को और अधिक लोकप्रिय एवं रोजगारपरक बनाये जाने के लिए सोलर चरखों को खादी उत्पादन को मान्यता प्रदान की जाये। इससे उत्पादन में बहुत अधिक वृद्धि होगी। उन्होंने केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र को एक पत्र लिखकर सोलर चर्खों को मान्यता प्रदान करने का आग्रह किया है।

पचौरी ने अपने पत्र में लिखा है कि सामान्य चर्खे से सूत का उत्पादन लगभग 500 ग्राम होता है वहीं सोलर चरखेसे 1500 से 2000 ग्राम तक सूत का उत्पादन होगा। इस तरह से सामान्य चरखे की अपेक्षा सोलर चरखे के उपयोग से सूत की तीन गुना उत्पादन वृद्धि होगी। सामान्य चर्खें से दैनिक मजदूरी लगभग 200 रुपये प्राप्त होती है वहीं तीन गुना उत्पादन वृद्धि से तीन गुना आय में वृद्धि होगी।

अर्थात एक मजदूर 600 रुपये प्राप्त करेगा। सोलर चरखे के प्रयोग से गुणवत्ता में वृद्धि होने से खादी लोकप्रिय होगी। उत्पादकता, गुणवत्ता एवं आय में वृद्धि के साथ घरों में रोशनी की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी। सोलर चर्खों के उपयोग से बुन्देलखण्ड, प्रदेश के तराई क्षेत्रों एवं नक्सल प्रभावी क्षेत्रों में रोजगार सृजन की आपार संभावनायें विद्यमान हैं।



उन्होंने कहा कि परम्परागत/एन0एम0सी0 के द्वारा उत्पादित सूत से ही खादी बनायी जाती है जिसमें खादी आयोग द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर ही दैनिक मजदूरी लगभग 200 रुपये का भुगतान किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह मजदूरी देश में प्रचलित नियम निर्देशों के अनुसार न्यूनतम दैनिक मजदूर से काफी कम है। ऐसी स्थिति में उत्पादन अथवा मजदूरी बढ़ाया जाना ही एक मात्र विकल्प है।

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