उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों को दी बड़ी राहत: सोलर पंप, गन्ने के दाम और उर्वरक-बीज पर बड़े फैसले
Gaon Connection | Nov 14, 2025, 18:50 IST
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने सूर्य प्रताप शाही 14 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रबी सीजन की तैयारी, उर्वरक, बीज की उपलब्धता, PM - कुसुम योजना, गन्ने के दाम में बढ़ोतरी और किसानों को मिलने वाली आर्थिक सहायता से जुड़े कई ज़रूरी फैसलों पर जानकारी दी। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में बीज और उर्वरक की कोई कमी नहीं है और सरकार किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई बड़े कदम उठा रही है।
लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों के लिए जारी की गई योजनाओं और रबी सीजन के प्रबंधन पर विस्तार में जानकारी दी।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि कैबिनेट ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (PM-कुसुम योजना) को इस वर्ष भी जारी रखने की मंजूरी दे दी है, जिसके तहत 40,251 नए सोलर पंप लगाए जाएंगे और किसानों को इन पंपों पर 60 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।ये योजना डीज़ल पंपों पर निर्भरता कम करेगी, प्रदूषण घटाएगी और सिंचाई को अधिक विश्वसनीय बनाएगी। योजना पर कुल ₹758.11 करोड़ खर्च किए जाएंगे, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों का योगदान रहेगा।
उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों को राहत देते हुए राज्य सरकार ने गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (SAP) में वृद्धि की है। अगेती किस्म के गन्ने का दाम ₹370 से बढ़ाकर ₹400 प्रति क्विंटल और सामान्य किस्म का दाम ₹360 से बढ़ाकर ₹390 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह निर्णय आगामी पेराई सीजन में गन्ना किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बीज वितरण पर जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा रबी फसलों के लिए 11.12 लाख क्विंटल प्रमाणित और फाउंडेशन बीज 50% अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिनमें से लगभग 5 लाख क्विंटल बीज किसानों को सौंपे जा चुके हैं। दलहन को बढ़ावा देने के लिए 31,918 किसानों को और तिलहन के लिए 5,37,268 किसानों को नि:शुल्क मिनी-किट दिए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि गन्ने के साथ इन फसलों की सह-खेती से किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।
उन्होंने बताया कि बेमौसम बारिश के बाद फसल बीमा योजना के तहत किसानों के दावों का सर्वे कराया जा रहा है। सरकार अब तक ₹92.67 करोड़ का भुगतान कर चुकी है और जल्द ही 1,75,125 किसानों को ₹101.60 करोड़ की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। इसके साथ ही PM-किसान योजना के लाभ के लिए ई-KYC को अनिवार्य बताते हुए उन्होंने किसानों से जल्द प्रक्रिया पूरी करने की अपील की।
कॉन्फ्रेंस के आखिर में उन्होंने बताया कि 17 नवंबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी मिलकर वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में कृषि क्षेत्र की भूमिका पर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेंगे।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि कैबिनेट ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (PM-कुसुम योजना) को इस वर्ष भी जारी रखने की मंजूरी दे दी है, जिसके तहत 40,251 नए सोलर पंप लगाए जाएंगे और किसानों को इन पंपों पर 60 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।ये योजना डीज़ल पंपों पर निर्भरता कम करेगी, प्रदूषण घटाएगी और सिंचाई को अधिक विश्वसनीय बनाएगी। योजना पर कुल ₹758.11 करोड़ खर्च किए जाएंगे, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों का योगदान रहेगा।
उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों को राहत देते हुए राज्य सरकार ने गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (SAP) में वृद्धि की है। अगेती किस्म के गन्ने का दाम ₹370 से बढ़ाकर ₹400 प्रति क्विंटल और सामान्य किस्म का दाम ₹360 से बढ़ाकर ₹390 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह निर्णय आगामी पेराई सीजन में गन्ना किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बीज वितरण पर जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा रबी फसलों के लिए 11.12 लाख क्विंटल प्रमाणित और फाउंडेशन बीज 50% अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिनमें से लगभग 5 लाख क्विंटल बीज किसानों को सौंपे जा चुके हैं। दलहन को बढ़ावा देने के लिए 31,918 किसानों को और तिलहन के लिए 5,37,268 किसानों को नि:शुल्क मिनी-किट दिए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि गन्ने के साथ इन फसलों की सह-खेती से किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।
उन्होंने बताया कि बेमौसम बारिश के बाद फसल बीमा योजना के तहत किसानों के दावों का सर्वे कराया जा रहा है। सरकार अब तक ₹92.67 करोड़ का भुगतान कर चुकी है और जल्द ही 1,75,125 किसानों को ₹101.60 करोड़ की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। इसके साथ ही PM-किसान योजना के लाभ के लिए ई-KYC को अनिवार्य बताते हुए उन्होंने किसानों से जल्द प्रक्रिया पूरी करने की अपील की।
कॉन्फ्रेंस के आखिर में उन्होंने बताया कि 17 नवंबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी मिलकर वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में कृषि क्षेत्र की भूमिका पर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेंगे।