हर वक्त दिमाग में रहती है शॉपिंग तो हो सकती है ये बीमारी
Shrinkhala Pandey | Aug 16, 2017, 16:16 IST
लखनऊ। शॉपिंग करना हम में से कई लोगों का शौक होता है खासकर महिलाओं का। कुछ लोग तो शापिंग के इस कदर दिवाने होते हैं कि चाहे उस चीज की जरुरत हो या न हो लेकिन खरीदने के लिए परेशान रहते हैं लेकिन चाहकर भी वो अपनी ये आदत नहीं बदल पाते। अगर आपमें भी कुछ इस तरह के लक्षण दिखते हैं तो जान लीजिए कि ये भी एक तरह का मानसिक विकार है जिसे कंपलसिव बाईंग डिसऑर्डर कहा जाता है।
इस डिसऑर्डर में हुए शोधों के अनुसार जिस व्यक्ति को शॉपिंग एडिक्शन होता है वह एंग्जायटी, लो सेल्फ-एस्टीम, इटिंग डिसऑर्डर, पेरफ़ेक्शनिज़्म, इम्पुल्सिवेनेस्स, मूड स्विंग्स जैसी कई मानसिक समस्याओ से भी परेशान होता है।
इस डिसऑर्डर के तहत इंसान अपने आप को शॉपिंग करने से नहीं रोक पाता भले उसे उन सामानों की कोई खास जरूरत न हो। इस अवस्था में पीड़ित व्यक्ति को खरीददारी करने की बहुत ज्यादा इच्छा होती है इससे पीड़ित को न सिर्फ मानसिक संघर्ष का सामना पड़ता है बल्कि,आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक और शादीशुदा रिश्ते में भी असर देखने को मिलता है।
ऑनलाइन शॉपिंग भी ज्यादा खरीददारी करने की आदत को बढ़ावा देती है। जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी होती है वे ज्यादा खरीदारी करके इसे पूरा करने की कोशिश करते है। कई लोग सोशल एक्सेप्टेन्स को बढ़ाने के लिए भी इसका सहारा लेते हैं। एक दूसरे की देखादेखी भी लोग ऐसा करते हैँ।
इस डिसऑर्डर में हुए शोधों के अनुसार जिस व्यक्ति को शॉपिंग एडिक्शन होता है वह एंग्जायटी, लो सेल्फ-एस्टीम, इटिंग डिसऑर्डर, पेरफ़ेक्शनिज़्म, इम्पुल्सिवेनेस्स, मूड स्विंग्स जैसी कई मानसिक समस्याओ से भी परेशान होता है।
इस डिसऑर्डर के तहत इंसान अपने आप को शॉपिंग करने से नहीं रोक पाता भले उसे उन सामानों की कोई खास जरूरत न हो। इस अवस्था में पीड़ित व्यक्ति को खरीददारी करने की बहुत ज्यादा इच्छा होती है इससे पीड़ित को न सिर्फ मानसिक संघर्ष का सामना पड़ता है बल्कि,आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक और शादीशुदा रिश्ते में भी असर देखने को मिलता है।