मोटापा बन रहा है वैश्विक समस्या, पिछले चार दशकों में 10 गुना बढ़े मोटापे के मरीज़

गाँव कनेक्शन | Oct 11, 2017, 17:23 IST

डब्ल्यूएचओ की बुधवार की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में मोटापे से ग्रस्त बच्चों और किशोरों की आबादी पिछले चार दशकों में दस गुना बढ़ गई है, जो एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन गया है। अगर इसकी ओर ध्यान नहीं दिया गया तो हालात और ख़राब हो सकते हैं।

वर्ल्ड ओबेसिटी डे पर डब्ल्यूएचओ और इंपीरियल कॉलेज लंदन ने दुनिया भर में बचपन और किशोर मोटापे पर अपना नवीनतम अध्ययन जारी किया, जो चिकित्सा जर्नल द लैनसेट में प्रकाशित किया गया।

उन्होंने पाँच वर्षों में लगभग 13 करोड़ लोगों की वजन और ऊंचाई का विश्लेषण किया, जिनमें से 3.15 करोड़ लोग पांच से 1 9 आयु वर्ग के और 9.74 करोड़ लोग 20 और उससे अधिक आयु वर्ग के थे। यह महामारी विज्ञान के अध्ययन में शामिल सबसे बड़ी संख्या है। 1,000 से अधिक लोगों ने अध्ययन में भाग लिया जिसमें लोगों बॉडी मास इंडेक्स चेक किया गया और देखा गया 1975 से 2016 के बीच दुनियाभर में लोगों में मोटापा किस तरह से बदल गया।

आंकड़े बताते हैं कि 1975 में दुनिया के बच्चों और किशोरों में मोटापे की दर एक प्रतिशत से भी कम थी, यानि लगभग 50 लाख लड़कियां और 60 लाख लड़के दुनिया भर में मोटापे से ग्रसित थे जबकि 2016 में लगभग 6 करोड़ लड़कियां व 7.4 करोड़ लड़के मोटापे से ग्रस्त पाए गए।

डब्ल्यूएचओ में गैर-संचारी रोगों की निगरानी और जनसंख्या-आधारित रोकथाम के लिए कार्यक्रम समन्वयक डॉ. फियोना बुल ने कहा कि इस आंकड़े से यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि दुनिया भर में मोटापा एक कितनी बड़ी समस्या बनती जा रही है और यह चेतावनी भी दे रहा है कि अगर हमने अभी से इस पर रोक न लगाई तो यह समस्या विकराल रूप ले सकती है।

मोटापे से कैसे बचा जा सकता है इस बारे में डब्ल्यूएचओ ने बचपन में होने वाले मोटापे को कम करने के लिए योजना बनाई है जिसमें, बच्चों को जंक फूड कम खाने, शारीरिक श्रम वाला काम करने के लिए कहा गया है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान देखभाल, बचपन का आहार, शारीरिक गतिविधि, स्कूल-आयु के बच्चों के लिए स्वास्थ्य और पोषण और वजन प्रबंधन को शामिल किया गया है।

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