पेट के संक्रमण को दूर करेगी नियमित जीवनशैली
Bidyut Majumdar | Apr 18, 2017, 20:07 IST
लखनऊ। ज्यादातर बीमारियों की शुरुआत पेट से होती है। पेट के संक्रमण के प्रमुख कारण अनियमित दिनचर्या और गलत खान-पान हैं। ऐसा देखा गया है कि लोग पेट साफ करने के लिए किसी न किसी दवा का प्रयोग स्वयं से करते रहते हैं, जबकि बिना डॉक्टर की सलाह के इसके प्रयोग से परहेज करना चाहिए।
गर्मी के मौसम में खान-पान में थोड़ी सी लापरवाही की वजह से पेट का संक्रमण हो जाता है। पेट की इस समस्या का कारण अलग-अलग तरह का वायरस भी हो सकता है। आज हम आपको पेट के संक्रमण से बचने के लिए कुछ घरेलू उपायों के बारे में बता रहे हैं, जिससे इस तरह की इंफेक्शन से राहत मिल करती है।
डॉ. आलोक पाण्डेय, जनरल फिजिशियन, गोंडा
लौंग शरीर में छोटे से छोटे बैक्टिरिया को जड़ से खत्म कर देता है। पेट की इंफेक्शन में यह काफी असरदार है।
शुद्ध शहद को दालचीनी पाउडर के साथ मिक्स कर के खाने से पेट से जुड़ी हर समस्या ठीक हो जाती है। गैस्टिक प्राब्लम में यह कारगार नुस्खा है।
पेट की इंफेक्शन से निजात पाने के लिए 1 चम्मच हल्दी पाउडर में 6 छोटे चम्मच शहद मिक्स कर के एक हवा बंद जार में रख दें। फिर इसे दिन में दो बार आधा-आधा चम्मच खाएं। ऐसा करने पर संक्रमण जल्दी ठीक हो जाएगा।
पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए सुबह खाली पेट पानी के साथ जरा सी हींग का सेवन करने से लाभ होता है।
केले में पोटैशियम होता है जोकि पेट के लिए अच्छा होता है। यह आसानी से पच भी जाता है और पेट को भी ठीक कर देता है।
पेट में गड़बड़ी हो तो आसानी से पता चल जाता है। इसमें न सिर्फ पेट मरोड़ के साथ दर्द करता है, बल्कि डायरिया, उल्टी और पेट दर्द जैसी समस्याएं नजर आने लगती हैं। अगर आपका खाया खाना लंबे समय तक पच नहीं रहा है, अगर पेट फूला सा महसूस हो रहा है या लगातार पेट दर्द के साथ उल्टियां हो रही हैं, तो ये सब पेट के संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं।
इससे बचने के लिए बाहर का खाना न खाएं। ऐसे खाने को ढक कर भी नहीं रखा जाता। खराब खाना या काफी देर से रखा खाना तो बिल्कुल न खाएं। साफ पानी पिएं। किसी भी संक्रमित या गंदी चीज को छूने के बाद साबुन और पानी से हाथ धोएं। मैले कपड़े या घर की गंदगी साफ करते समय दस्ताने पहनें।
कभी ज्यादा खाने या असमय खाने से पेट में संक्रमण हो जाता है। कई बार खराब खाना खाने से भी यह संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा बैक्टीरिया भी इसका कारण हो सकते हैं। एक तरह से यह पेट और आंतों में होने वाला संक्रमण है, जो उपरोक्त किसी भी कारण से हो सकता है। पेट से जुड़ी समस्याओं की शुरुआत यहीं से होती है।
पेट संक्रमण का एक कारण फूड प्वायजनिंग भी है। फूड प्वायजनिंग में भोजन के जरिये विषैले तत्व आपके शरीर में प्रवेश करते हैं और आप बीमार हो जाते हैं। फिर भले ही इस बीमारी का कारक वायरस बनें या बैक्टीरिया। खुला खाना या देर तक रखा खाना आपके पेट को संक्रमित कर सकता है। अगर आपको किसी चीज को खाने से एलर्जी है तो वह भी आपके पेट में संक्रमण का बड़ा कारण बन सकता है।
हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। आवश्यकता सिर्फ इस बात की है कि इस क्षमता को हम कैसे योग, आसन, प्राणायाम, प्राकृतिक, आयुर्वेदिक उपचार आदि द्वारा बरकरार रख पाते हैं। इसके लिए जरूरी है नियमित दिनचर्या। समय पर ताजा भोजन करना और नियमित व्यायाम से आप पेट के संक्रमण से बचे रह सकते हैं।
अगर आप पेट के संक्रमण से परेशान रहते हैं तो यह लिवर खराब होने का संकेत है। इसे पहचान सकते हैं और इसका इलाज करा सकते हैं।
गर्मी के मौसम में खान-पान में थोड़ी सी लापरवाही की वजह से पेट का संक्रमण हो जाता है। पेट की इस समस्या का कारण अलग-अलग तरह का वायरस भी हो सकता है। आज हम आपको पेट के संक्रमण से बचने के लिए कुछ घरेलू उपायों के बारे में बता रहे हैं, जिससे इस तरह की इंफेक्शन से राहत मिल करती है।
डॉ. आलोक पाण्डेय, जनरल फिजिशियन, गोंडा
1. लौंग
2. शहद
3. हल्दी
4. हींग
5. केला
लक्षण
कैसे करें बचाव
पेट का संक्रमण कैसे होता है
फूड पॉइजनिंग
नियमित जीवनशैली अपनाएं
उपचार
- गुनगुना पानी पिएं तथा यथासंभव कम मसाले का खाना खाएं। पेट का दर्द असहनीय हो तो शीघ्र किसी अनुभवी डॉक्टर के परामर्श से अल्ट्रासाउंड कराएं।
- इसमें डायरिया और उल्टी की वजह से शरीर से पानी के साथ-साथ सोडियम, पोटेशियम और अन्य मिनरल भी कम हो जाते हैं। इसलिए पानी के साथ-साथ इलेक्ट्राल पाउडर लें। ऐसे में आपको नमक और चीनी का घोल भी पीना चाहिए।
- अधिक डकारें आना भोजन के पाचन में गड़बड़ी का कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप न सिर्फ आयुर्वेदिक औषधि ले सकते हैं, बल्कि अजवाइन के इस्तेमाल से भी इस समस्या से निदान पा सकते हैं।
- भोजन एवं दिनचर्या के नियमों का ठीक से पालन करें। समय पर खाना खाएं।
- अधिक गर्म चाय, कॉफी एवं शराब जैसे उत्तेजक पदार्थ इस समस्या को बढ़ा देते हैं। इनके सेवन से बचें।
- भोजन में सलाद की मात्रा बढ़ाएं और ठंडा दूध, ककड़ी, खीरा, तरबूज आदि का सेवन करें।
- लिवर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों जैसे शराब, दर्द निवारक दवाओं, बुखार की दवा आदि का इस्तेमाल बंद कर दें और अपने लिवर की जांच कराएं।
इन बातों पर भी दें ध्यान
- आपके मुंह से बदबू आए तो समझे कि लिवर में कुछ गड़बड़ी है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मुंह में अमोनिया ज्यादा रिसता है।
- त्वचा का रंग उड़ जाए और उस पर सफेद रंग के धब्बे पड़ने लगे हैं तो इसे लिवर स्पॉट के नाम से जाना जाता है।
- यदि आपके लिवर पर वसा जमा हुआ है और वह बड़ा हो गया है तो आपको पानी भी नहीं हजम होगा।
- लिवर अपनी सेहत बिगड़ने पर एक एंजाइम पैदा करता है, जिसका नाम है बाइल। यह स्वाद में बहुत खराब लगता है। यदि आपके मुंह में कड़वाहट लगे तो इसका मतलब है कि आपके मुंह में बाइल पहुंच रहा है, सावधान हो जाएं।
- जब लिवर बड़ा हो जाता है तो पेट में सूजन आ जाती है, जिसको हम अकसर मोटापा समझने की भूल कर बैठते हैं।