नोटबंदी: इस डॉक्टर ने समझा मरीजों के दर्द को अपना, करेंगे मुफ्त इलाज़
दरख्शां कदीर सिद्दीकी | Nov 19, 2016, 15:19 IST
लखनऊ। नोटबंदी के चलते जहां एक ओर सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों के दर्द को अनदेखा किया जा रहा है, वहीं मरीजों के दर्द को अपना दर्द समझने वाले डॉक्टर उमंग खन्ना ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए मरीजों का इलाज बिना पैसे लिए करने की घोषणा की है।
नक्खास में डॉक्टर उमंग खन्ना होम्योपैथी नाम से अपना क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर खन्ना का कहना है कि हमारे यहां हर रोज 250 मरीज इलाज के लिए आते हैं। हमारे यहां डायबिटीज से लेकर सभी रोगों का इलाज होता है। कई सालों से हमारा क्लीनिक चल रहा तब से मरीज इलाज के लिए आते हैं। आज नोटबंदी को लेकर मरीज अपना इलाज नही करा पा रहा है।
एक दिन पहले न्योरोलाजिकल डिसआर्डर का मरीज किसी बड़े डाक्टर ने पास पाँच हज़ार रूपये लेकर गया, डाक्टर की फीस 1500 थी। डाक्टर ने इलाज देने से मना कर दिया। और कहा कि पहले 1500 रूपये के सौ-सौ के नोट लेकर आओ, तब देखेंगे। इस घटना से मेरा मन द्रवित हो गया और मैंने यह कदम उठाया। मरीज का इलाज सबसे जरूरी है पैसा तो बाद में भी आ जाएगा।
हमारे यहां आज से जो भी मरीज आए, अगर उनके पास पैसा नही था तो भी उनको वापस नही किया गया। न ही उसका नाम और पता लिया गया, जिसे उनका अपमान हों। लोग आने में शर्मा रहे हैं। लोगों तक यह बात पहुचेगी तो वह इलाज कराने आ जाएंगे, चाहे उनके पास पैसा हो या न हो।
उन्होंने बताया कि हिन्दुस्तान के किसी भी कोने से मरीज हमारे व्हाट्सएप नम्बर 09415786380 पर मर्ज़ का नाम भेज कर डाक्टर का दवाओं का प्रिस्क्रेप्सन ले सकते हैं।
इस बारे में मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कुमार का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में तो मरीज को मुफ्त में इलाज मिल जाता है, लेकिन प्राईवेट डाक्टरों को हम इसके लिए बाध्य नही कर सकते। हमने सभी डाक्टरों को एक गाइडलाइन भेजी है कि वह चेक से अपनी फीस लें और महाराष्ट्र सरकार ने तो इसे लागू भी कर दिया है। अगर इस तरह की सुविधा मरीजों के लिए यूपी में भी हो जाएं तो इससे उनको काफी लाभ मिलेगा। और रही बात इलाज करा लें और बाद में पैसा देने की तो अगर कोइ डाक्टर ऐसा करता है तो यह काबिले तारीफ है।