मदरसों के लिए योगी सरकार ने दिया 400 करोड़ का बजट मगर लगा दी ये शर्त

Rishi MishraRishi Mishra   12 July 2017 4:22 PM GMT

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मदरसों के लिए योगी सरकार ने दिया 400 करोड़ का बजट मगर लगा दी ये शर्तयोगी आदित्यनाथ

लखनऊ। मदरसों के लिए 400 करोड़ का बजट तय किया गया है। मगर केवल धार्मिक शिक्षा देकर सरकार की ओर मदद की गुहार लगाना बेकार होगा। मदरसों को अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और कंप्यूटर का ज्ञान देना अनिवार्य होगा। आधुनिक शिक्षा की व्यवस्था न होने पर सरकार इस वित्तीय वर्ष में मदरसों का कोई आर्थिक मदद नहीं करेगी।

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राज्य बजट में मदरसों को दिये जाने वाले अनुदान के साथ आधुनिक शिक्षा को अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदेश में केवल 10 फीसदी के करीब मदरसों में ही आधुनिक शिक्षा के जरूरी इंतजाम हैं। जिसमें गणित, विज्ञान, कंप्यूटर और अंग्रेजी को पढ़ाने की व्यवस्था की गई है। बाकी सभी केवल इस्लामिक शिक्षा ही देते हैं। इनको अब तक अनुदान मिलता रहा है।

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मदरसा बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार बनने के बाद एक महीने के भीतर ही प्रदेश भर के सभी बड़े मदरसा संचालकों को बुलवा कर उनको स्पष्ट कर दिया गया था कि, सरकार केवल उन्हीं मदरसों को ही अनुदान देगी, जिनमें गणित, विज्ञान, कंप्यूटर और अंग्रेजी पढ़ाने के लिए जरूरी संसाधन और शिक्षक होंगे। इस व्यवस्था पर अब अमल भी शुरू कर दिया गया है।

प्रदेश में करीब तीन हजार मान्यता प्राप्त मदरसे

अखिलेश सरकार में जम कर बांटी गई थीं मान्यता पिछले साल अक्तूबर में यूपी मदरसा शिक्षा परिषद ने तमाम बैठकों के बाद 1370 मदरसों को मान्यता दिए जाने का निर्णय लिया । 1100 मदरसों को स्थायी और 270 मदरसों को अस्थायी मान्यता दिए जाने का निर्णय लिया गया । इसके अलावा 120 मदरसों को अपग्रेड किया गया। परिषद के तत्कालीन रजिस्ट्रार मोहम्मद तारिक ने बताया प्रदेश में अभी तक कुल 2993 स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसे हैं।

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मगर इस सरकार में अनुदान के लिए बने कड़े नियम

राज्य के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने बताया कि,मदरसों को अनुदान के लिए करीब 400 करोड़ रुपये का बजट है। मगर ये अनुदान उन्हीं मदरसों को मिलेगा, जो इस्लामिक शिक्षा के साथ ही साथ आधुनिक शिक्षा भी दे रहे हों। जिसमें गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और कंप्यूटर की कक्षाएं चलना अनिवार्य होगा। ताकि इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने के साथ मुख्यधारा में आकर अन्य रोजगार पाने की स्थिति में भी आ जाएं।

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मदरसा शिक्षा का बुरा हाल

प्रदेश में मदरसा शिक्षा का बुरा हाल है। मान्यता प्राप्त करीब तीन हजार मदरसे हैं, मगर गलियों मोहल्लों में हजारों की संख्या में गैर मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित किये जा रहे हैं। करीब 10 फीसदी मदरसों में आधुनिक शिक्षा के इंतजाम भी हैं। मगर बाकी सभी जगह केवल इस्लामिक शिक्षा ही दी जाती है। राजधानी के कंघी टोला में मदरसा संचालित करने वाले हाफिज मोहम्मद सरफराज बताते हैं कि, मदरसों के लिए आधुनिक शिक्षा के इंतजाम जुटाना टेढ़ी खीर होगा।

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हमारे पास जो सरकारी इमदाद आती है, उसमें केवल जारी व्यवस्थाओं को ही कायम रख पाना ही संभव है। इनके अतिरिक्त नये इंतजाम कर पाना बहुत मुश्किल होगा। अकबरी गेट इलाके में रहने वाले मदरसा छात्र इकराम अली कहते हैं कि अब तक तो हमको इस्लामिक शिक्षा के अतिरिक्त अंग्रेजी और कंप्यूटर के अलग रुपया खर्च करना पड़ता है मगर सरकार के इस नियम के चलते हो सकता है मदरसों में भी ये व्यवस्था शुरू कर दी जाए। इससे छात्रों को काफी लाभ होगा।

         

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