ये क्या हैप्पी विमेंस डे-फे लगा रखा है?
By नीलेश मिसरा
हम टैक्स देते हैं ताकि शहर गाँव जैसा लगे
By नीलेश मिसरा
आज कल हम ऐसे ही एक बड़े शहर के गाँव में हैं। काम ढूंढने आये थे। घर से दूर हैं, परिवार से दूर हैं, खेत खलिहान से दूर हैं, गाय गोरु से दूर हैं, किन्तु फिर भी अगर दिल की बात बताएं तो ये गाँव भी अपने गाँव से कुछ ज्यादा अलग नहीं है।
आज कल हम ऐसे ही एक बड़े शहर के गाँव में हैं। काम ढूंढने आये थे। घर से दूर हैं, परिवार से दूर हैं, खेत खलिहान से दूर हैं, गाय गोरु से दूर हैं, किन्तु फिर भी अगर दिल की बात बताएं तो ये गाँव भी अपने गाँव से कुछ ज्यादा अलग नहीं है।
नीलेश मिसरा के शब्दों में जानिए 'हज़रतगंज'
By नीलेश मिसरा
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मक़सद नहीं...
By नीलेश मिसरा