HomeGUESTChandrani SinhaList Viewकोविड-19 और असम की महिला चाय मजदूरों में बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य बीमारीBy Chandrani Sinhaअसम के 800 चाय बागानों में चाय तोड़ने वाली महिलाओं का जीवन कठिन है। उनके पास एक दिन में तोड़ने के लिए 15 किलोग्राम चाय की पत्तियों का एक कोटा है, जिसके लिए उन्हें 275 रुपए का दैनिक वेतन मिलता है। महामारी ने उनके दुख को बढ़ा दिया है और अवसाद, चिंता विकार आदि के मामले बढ़ गए हैं, लेकिन इन गरीब महिलाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं न के बराबर हैं। असम के 800 चाय बागानों में चाय तोड़ने वाली महिलाओं का जीवन कठिन है। उनके पास एक दिन में तोड़ने के लिए 15 किलोग्राम चाय की पत्तियों का एक कोटा है, जिसके लिए उन्हें 275 रुपए का दैनिक वेतन मिलता है। महामारी ने उनके दुख को बढ़ा दिया है और अवसाद, चिंता विकार आदि के मामले बढ़ गए हैं, लेकिन इन गरीब महिलाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं न के बराबर हैं। Related News