मलिहाबाद से क्यों गायब हो रहीं हैं दुर्लभ किस्मों के आम की विरासत
मलिहाबाद से क्यों गायब हो रहीं हैं दुर्लभ किस्मों के आम की विरासत

By Dr Shailendra Rajan

आम के लिए मशहूर मलिहाबाद के कुछ पुराने बागों में अभी भी गिलास, जौहरी सफेदा जैसी दुर्लभ किस्में हैं, लेकिन इनमें से ज़्यादातर के पेड़ गायब हो गए हैं। रसपुनिया, याकुती, भूदिया, रस भंडार जैसी दुर्लभ किस्में तो अब इक्का दुक्का दिख जाए तो बड़ी बात है। क्या है वजह इन दुर्लभ किस्मों के गायब होने की ? बता रहे हैं केंद्रीय उपोष्ण बागवानी सँस्थान, लखनऊ के पूर्व निदेशक डॉ शैलेंद्र राजन -

आम के लिए मशहूर मलिहाबाद के कुछ पुराने बागों में अभी भी गिलास, जौहरी सफेदा जैसी दुर्लभ किस्में हैं, लेकिन इनमें से ज़्यादातर के पेड़ गायब हो गए हैं। रसपुनिया, याकुती, भूदिया, रस भंडार जैसी दुर्लभ किस्में तो अब इक्का दुक्का दिख जाए तो बड़ी बात है। क्या है वजह इन दुर्लभ किस्मों के गायब होने की ? बता रहे हैं केंद्रीय उपोष्ण बागवानी सँस्थान, लखनऊ के पूर्व निदेशक डॉ शैलेंद्र राजन -

इस बार छुट्टियों में बच्चों को सिखाइए माइक्रोग्रीन्स उगाना
इस बार छुट्टियों में बच्चों को सिखाइए माइक्रोग्रीन्स उगाना

By Dr Shailendra Rajan

माइक्रोग्रीन्स आपके खाने को स्वादिष्ट और पौष्टिक बना सकते हैं। इन्हें उगाना रोमांचक और खासकर बच्चों के लिए सीखने के अलावा एक दिलचस्प खेल भी है।

माइक्रोग्रीन्स आपके खाने को स्वादिष्ट और पौष्टिक बना सकते हैं। इन्हें उगाना रोमांचक और खासकर बच्चों के लिए सीखने के अलावा एक दिलचस्प खेल भी है।

हज़ारों साल पुराने 'आम' की दिल्ली दरबार में ख़ास प्रदर्शनी
हज़ारों साल पुराने 'आम' की दिल्ली दरबार में ख़ास प्रदर्शनी

By Dr Shailendra Rajan

दिल्ली मैंगो फेस्टिवल का हर किसी को इंतज़ार रहता है। आम के इस दरबार में जहाँ किसानों को बाज़ार मिलता है, वहीं पारंपरिक किस्मों की पैदावार से जुड़ीं जानकारी भी मिलती है। इस साल भी इसमें आम से जुड़े तमाम संस्थानों और किसानों ने हिस्सा लिया।

दिल्ली मैंगो फेस्टिवल का हर किसी को इंतज़ार रहता है। आम के इस दरबार में जहाँ किसानों को बाज़ार मिलता है, वहीं पारंपरिक किस्मों की पैदावार से जुड़ीं जानकारी भी मिलती है। इस साल भी इसमें आम से जुड़े तमाम संस्थानों और किसानों ने हिस्सा लिया।

छोटी जगह में भी लगा सकते हैं आम की अम्बिका और अरुणिका किस्में
छोटी जगह में भी लगा सकते हैं आम की अम्बिका और अरुणिका किस्में

By Dr Shailendra Rajan

इन दोनों किस्मों की सबसे खास बात है, इसे देश के किसी भी राज्य में लगा सकते हैं। चाहे वो उत्तराखंड हो या फिर उड़ीसा का समुद्र तटीय क्षेत्र के बाग। अंबिका किस्म गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश सहित कई प्रदेशों में भी फल देती है।

इन दोनों किस्मों की सबसे खास बात है, इसे देश के किसी भी राज्य में लगा सकते हैं। चाहे वो उत्तराखंड हो या फिर उड़ीसा का समुद्र तटीय क्षेत्र के बाग। अंबिका किस्म गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश सहित कई प्रदेशों में भी फल देती है।

आपके पसंदीदा दशहरी आम पर असर डाल रहा जलवायु परिवर्तन
आपके पसंदीदा दशहरी आम पर असर डाल रहा जलवायु परिवर्तन

By Dr Shailendra Rajan

लगातार मौसम में बदलाव से मई और जून के महीने में कई बार बारिश होने लगी है, ज्यादा बारिश से फल तो पकने लगते हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता पर असर पड़ता है।

लगातार मौसम में बदलाव से मई और जून के महीने में कई बार बारिश होने लगी है, ज्यादा बारिश से फल तो पकने लगते हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता पर असर पड़ता है।

आम की लाल किस्मों के बारे में जानते हैं?
आम की लाल किस्मों के बारे में जानते हैं?

By Dr Shailendra Rajan

अभी तक आप आम की दशहरी, चौसा, लंगड़ा, सफेदा जैसी किस्मों के बारे में जानते होंगे, लेकिन आप आम की लाल किस्मों जैसे हुस्नारा, वनराज, सुरखा, पूसा अरुणिमा, पूसा प्रतिभा जैसी किस्मों के बारे में जानते हैं?

अभी तक आप आम की दशहरी, चौसा, लंगड़ा, सफेदा जैसी किस्मों के बारे में जानते होंगे, लेकिन आप आम की लाल किस्मों जैसे हुस्नारा, वनराज, सुरखा, पूसा अरुणिमा, पूसा प्रतिभा जैसी किस्मों के बारे में जानते हैं?

आम की मल्लिका किस्म की खासियतें जानते हैं आप
आम की मल्लिका किस्म की खासियतें जानते हैं आप

By Dr Shailendra Rajan

अच्छी तरह से पका हुआ मल्लिका आम अल्फांसो, दशहरी और चौसा जैसी शीर्ष किस्मों में से किसी को भी मात दे सकता है। लेकिन पेड़ से फल को सही समय पर तोड़ना सबसे महत्वपूर्ण होता है, नहीं तो आम का असली स्वाद नहीं मिल पाता।

अच्छी तरह से पका हुआ मल्लिका आम अल्फांसो, दशहरी और चौसा जैसी शीर्ष किस्मों में से किसी को भी मात दे सकता है। लेकिन पेड़ से फल को सही समय पर तोड़ना सबसे महत्वपूर्ण होता है, नहीं तो आम का असली स्वाद नहीं मिल पाता।

पहली बार लंदन में लोग चखेंगे यूपी के जामुन का स्वाद, निर्यात से बढ़ी जामुन की व्यवसायिक खेती की संभावनाएं
पहली बार लंदन में लोग चखेंगे यूपी के जामुन का स्वाद, निर्यात से बढ़ी जामुन की व्यवसायिक खेती की संभावनाएं

By Dr Shailendra Rajan

सीजन की शुरुआत में, जामुन बाजार पर सबसे महंगा स्वदेशी फल है। लोग एक किलोग्राम के लिए 300 रुपये देने से नहीं हिचकते हैं। मई के अंतिम सप्ताह के दौरान, यह वास्तव में आम की किस्मों की तुलना में अधिक महंगा होता है।

सीजन की शुरुआत में, जामुन बाजार पर सबसे महंगा स्वदेशी फल है। लोग एक किलोग्राम के लिए 300 रुपये देने से नहीं हिचकते हैं। मई के अंतिम सप्ताह के दौरान, यह वास्तव में आम की किस्मों की तुलना में अधिक महंगा होता है।

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