By Anand Dutta
माओवाद, उग्रवाद से प्रभावित खूंटी के आदिवासी और गैर आदिवासी किसान लेमनग्रास के सहारे अपने ऊपर लगे अफीम के खेती के दाग को हटाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
माओवाद, उग्रवाद से प्रभावित खूंटी के आदिवासी और गैर आदिवासी किसान लेमनग्रास के सहारे अपने ऊपर लगे अफीम के खेती के दाग को हटाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
By Anand Dutta
यूनिसेफ के झारखंड प्रमुख प्रशांत दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में बताया कि ये लड़कियां अभी नाबालिग हैं, ऐसे में उनके मानसिक और शारीरिक विकास से संबंधित चीजों के लिए यूनिसेफ मदद करेगा और जरूरी काउंसिलिंग मुहैया कराएगा।
यूनिसेफ के झारखंड प्रमुख प्रशांत दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में बताया कि ये लड़कियां अभी नाबालिग हैं, ऐसे में उनके मानसिक और शारीरिक विकास से संबंधित चीजों के लिए यूनिसेफ मदद करेगा और जरूरी काउंसिलिंग मुहैया कराएगा।
By Anand Dutta
इस साल भारत की अंडर-17 फुटबॉल टीम टर्की, भूटान में मैच खेलने गई। इसके बाद गोवा में फिर कैंप लगा और फिर मार्च के शुरूआत में खिलाड़ी वापस अपने घर लौट आईं, फिर लॉकडाउन शुरू हो गया। इसके साथ ही इन खिलाड़ियों के जीवन जीने की जद्दोहहद भी।
इस साल भारत की अंडर-17 फुटबॉल टीम टर्की, भूटान में मैच खेलने गई। इसके बाद गोवा में फिर कैंप लगा और फिर मार्च के शुरूआत में खिलाड़ी वापस अपने घर लौट आईं, फिर लॉकडाउन शुरू हो गया। इसके साथ ही इन खिलाड़ियों के जीवन जीने की जद्दोहहद भी।
By Anand Dutta
अगले साल होने जा रहे अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्व कप की तैयारियों को लेकर फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) भी गंभीर हो चला है। लॉकडाउन में इन खिलाड़ियों के फिटनेस, मेंटल हेल्थ, डाइट आदि को कैसे ठीक रखा जा सकता है, इस पर लगातार काम कर रहा है।
अगले साल होने जा रहे अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्व कप की तैयारियों को लेकर फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) भी गंभीर हो चला है। लॉकडाउन में इन खिलाड़ियों के फिटनेस, मेंटल हेल्थ, डाइट आदि को कैसे ठीक रखा जा सकता है, इस पर लगातार काम कर रहा है।
By Anand Dutta
देश के 6,000 से अधिक छात्र रूस में मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। कोरोनावायरस महामारी के दौरान ये छात्र भारत वापस लौट आए थे। अब यूनिवर्सिटी प्रशासन इन पर वापस आने का दबाव डाल रहा है जबकि महामारी का प्रकोप अभी भी जारी है।
देश के 6,000 से अधिक छात्र रूस में मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। कोरोनावायरस महामारी के दौरान ये छात्र भारत वापस लौट आए थे। अब यूनिवर्सिटी प्रशासन इन पर वापस आने का दबाव डाल रहा है जबकि महामारी का प्रकोप अभी भी जारी है।
By Anand Dutta
गांव कनेक्शन ने सारंडा के जंगल में रहने वाले ग्रामीणों खासकर गर्भवती महिलाओं की दिक्कतों को प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्थानीय जिला प्रशासन को इन गांवों तक हर सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।
गांव कनेक्शन ने सारंडा के जंगल में रहने वाले ग्रामीणों खासकर गर्भवती महिलाओं की दिक्कतों को प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्थानीय जिला प्रशासन को इन गांवों तक हर सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।
By Anand Dutta
लगभग तीन साल पहले रघुवर दास की पूर्ववर्ती सरकार में अस्थायी नौकरी पाए झारखंड के अति नक्सल प्रभावित 12 जिलों के लगभग 2500 सहायक पुलिसकर्मी तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के पहले नौकरी को स्थायी करने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर वे बीते एक सप्ताह से राजधानी रांची में आंदोलनरत हैं, जबकि माओवादी उनके घर पर पोस्टर चिपका कर उन्हें नक्सली गतिविधियों में शामिल होने का ऑफर दे रहे हैं।
लगभग तीन साल पहले रघुवर दास की पूर्ववर्ती सरकार में अस्थायी नौकरी पाए झारखंड के अति नक्सल प्रभावित 12 जिलों के लगभग 2500 सहायक पुलिसकर्मी तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के पहले नौकरी को स्थायी करने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर वे बीते एक सप्ताह से राजधानी रांची में आंदोलनरत हैं, जबकि माओवादी उनके घर पर पोस्टर चिपका कर उन्हें नक्सली गतिविधियों में शामिल होने का ऑफर दे रहे हैं।
By Anand Dutta
बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (बीएयू) के अलावा राज्य में कुल नौ कॉलेज हैं जहां कृषि से संबंधित पढ़ाई होती है। साल 1989 से कोई वैकेंसी नहीं आई है। इस लिहाज से देखें तो 2019 के सत्र तक कुल 2770 छात्र पढ़कर निकल चुके हैं, लेकिन राज्य में उनके लिए रोजगार के कोई अवसर नहीं हैं।
बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (बीएयू) के अलावा राज्य में कुल नौ कॉलेज हैं जहां कृषि से संबंधित पढ़ाई होती है। साल 1989 से कोई वैकेंसी नहीं आई है। इस लिहाज से देखें तो 2019 के सत्र तक कुल 2770 छात्र पढ़कर निकल चुके हैं, लेकिन राज्य में उनके लिए रोजगार के कोई अवसर नहीं हैं।
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झारखंड के सरकारी अल्पसंख्यक विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को विभागीय उदासीनता के कारण बीते 6 साल से वेतन नहीं मिला है।
झारखंड के सरकारी अल्पसंख्यक विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को विभागीय उदासीनता के कारण बीते 6 साल से वेतन नहीं मिला है।
By Anand Dutta
झारखंड के जमशेदपुर में एक रेस्टोरेंट है, जहां सिर्फ इशारों में ही आप ऑर्डर कर सकते हैं। क्योंकि ज्यादातर जो कर्मचारी (स्टॉफ) है वो साइन लैंग्वेंज ही समझते हैं, देखिए वीडियो
झारखंड के जमशेदपुर में एक रेस्टोरेंट है, जहां सिर्फ इशारों में ही आप ऑर्डर कर सकते हैं। क्योंकि ज्यादातर जो कर्मचारी (स्टॉफ) है वो साइन लैंग्वेंज ही समझते हैं, देखिए वीडियो