20वीं पशुगणना: देश में 18 फीसदी बढ़ी गायों की संख्या, 61 फीसदी घटे गधे

Diti BajpaiDiti Bajpai   17 Oct 2019 6:34 AM GMT

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20वीं पशुगणना: देश में 18 फीसदी बढ़ी गायों की संख्या, 61 फीसदी घटे गधे

लखनऊ। देश में जारी हुई 20वीं पशुगणना में जहां गायों की आबादी में 18 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है, वहीं गधों की संख्या की 61 फीसदी घट गई है। पशुगणना के अनुसार देश में पशुधन संख्या 53.57 करोड़ हो गई है जबकि पिछली गणना में 51.2 करोड़ थी।



देश में हर पांच साल पर पशुगणना होती रही है लेकिन इस बार गणना आने में काफी समय लगा। पिछली बार यह गणना वर्ष 2012 में की गई थी। केंद्रीय मत्स्यपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक गायों की संख्या 14.51 करोड़ है, जबकि गोधन (गाय-बैल) की आबादी 0.8 फीसदी बढ़कर करीब 18.25 करोड़ हो गई है। देश में भैंस की आबादी पिछली पशुगणना के मुकाबले करीब एक फीसदी बढ़कर 10.98 करोड़ हो गई है। दुधारू पशुओं (गाय और भैंस) की आबादी छह फीसदी बढ़कर 12.53 करोड़ हो गई है। देश में पोल्ट्री यानी कुक्कुटों (मुर्गा-मुर्गी) की आबादी 16.8 फीसदी से बढ़कर 85.18 करोड़ हो गई है।

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गाय, भैंस के बाद रिपोर्ट में देश में भेड़ों की संख्या बीती पशुगणना के मुकाबले 14.1 फीसदी बढ़कर करीब 7.43 करोड़ हो गई है। बकरी की आबादी 10.1 फीसदी बढ़कर करीब 14.89 करोड़ हो गई है जबकि सूअर की संख्या 12.03 फीसदी घटकर 90.6 लाख हो गई है। मिथुन की आबादी 30 फीसदी बढ़कर 3.9 लाख जबकि याक की आबादी 24.67 फीसदी घटकर 58,000 रह गई है। देश में घोड़ों और टट्टओं की आबादी 45.6 फीसदी घटकर 3.4 लाख रह गई है। खच्चर की कुल आबादी 57.1 फीसदी घटकर 84,000 रह गई। वहीं, गधों की आबादी पिछली पशुगणना के मुकाबले 61.23 फीसदी घटकर महज 1.2 लाख रह गई है।



वहीं विदेशी या संकर और देसी मवेशियों की आबादी 5.04 करोड़ और 14.21 करोड़ हो गई है। देसी गाय की आबादी में पिछली पशुगणना के मुकाबले 2019 में 10 फीसदी की वृद्धि हुई है। विदेशी या संकर गोधन की आबादी पिछली पशुगणना की तुलना में इस साल 26.9 फीसदी बढ़ी है। हालांकि कुल देसी गोधन की संख्या छह फीसदी घट गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2012-2019 के दौरान देसी गोधन की आबादी में गिरावट की दर बीती पशुगणना 2007-12 के मुकाबले नौ फीसदी से कम है। रिपोर्ट के मुताबिक ऊंट की आबादी भी 37.1 फीसदी घटकर महज 2.5 लाख रह गई।

बिहार और झारखंड में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी

आंकड़ों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में मवेशियों की संख्या सबसे ज्यादा है इसके बाद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र का नंबर आता है। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में मवेशियों में संख्या एक करोड़ 22 लाख थी जो वर्ष 2019 में बढ़कर एक करोड़ 53 लाख हो गई है। वहीं झारखंड में मवेशी की संख्या 87 लाख थी जो वर्ष 2019 में एक करोड़ 12 लाख हो गई। हालांकि उत्तर प्रदेश में 3 फीसदी, मध्यप्रदेश में 4 फीसदी, महाराष्ट्र में 10 फीसदी और ओडिशा में 15 फीसदी मवेशियों की कुल संख्या में कमी दर्ज की गई।

दूध दही के प्रदेश पंजाब हरियाणा में घटी भैंसों की संख्या

भैसों का कुनबा कहे जाने पंजाब और हरियाणा में भारी गिरावट देखी गई है। 20वीं पशुगणना के मुताबिक हरियाणा में वर्ष 2012 में 61 लाख जो वर्ष 2019 में 44 लाख रह गई यानि 28.22 फीसदी गिरावट आई। वहीं पंजाब में भैंसों की संख्या में 22.17 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। पंजाब में वर्ष 2012 में भैंसों की संख्या 52 लाख थी जो वर्ष 2019 में 40 लाख रह गई है। पंजाब और हरियाणा में जहां इनकी संख्या घटी है वहीं मध्य प्रदेश में 25 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 7 फीसदी भैंसों की संख्या बढ़ी है।

राजस्थान में कम हुई ऊंटों की संख्या

राजस्थान में ऊंट की संख्या सबसे ज्यादा है उसके बाद गुजरात, हरियाणा और यूपी का नंबर आता है। पिछले सात सालों में इन राज्यों में ऊंट की संख्या में कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में 34 फीसदी, यूपी में 69 फीसदी, हरियाणा में 72 फीसदी और गुजरात में 9 फीसदी की कमी आई है।

पशुधन

20वीं पशुगणना

19वीं पशुगणना

अंतर

गाय

192.49

190.90

0.83

भैंस

109.85

108.70

1.00

बकरी

148.88

135.17

10.10

भेड़

74.26

65.06

14.10

सूकर

9.06

10.29

-12.03

कुक्कुट

851.81

16.80

16.80

कुल

535.78

512.06

4.60


     

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