इस प्रयोगशाला के खुलने से अब देश में पैदा हो सकेंगी सिर्फ बछिया

किसानों की आय बढ़ाने के लिए इस केंद्र की स्थापना की गई है। इस प्रयोगशाला में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक से 90 प्रतिशत बछिया पैदा होगी। इससे दूध उत्पादन बढ़ेगा साथ पशुपालकों को भी लाभ होगा।

Diti BajpaiDiti Bajpai   13 Jun 2018 11:25 AM GMT

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इस प्रयोगशाला के खुलने से अब देश में पैदा हो सकेंगी सिर्फ बछिया

लखनऊ। देश में दूध उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए उत्तराखंड के ऋषिकेश के श्यामपुर गांव में देश की पहली सेक्स सॉर्टेड सीमेन प्रयोगशाला बनाई गई है। इस प्रयोगशाला में आधुनिक तकनीक की मदद से सिर्फ बछिया ही पैदा की जाएगी। साथ ही पशुपालकों सस्ती दरों पर कई नस्लों के सीमन उपलब्ध कराए जाएंगे।

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राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत इस प्रयोगशाला की शुरुआत की गई है। हाल में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह जी ने इस केंद्र का शिलान्यास किया था। इस प्रयोगशाला को 47 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है, जिसे अमेरिकी कंपनी के सहयोग से संचालित किया जाएगा। इस प्रयोगशाला के निर्माण के लिए 90 प्रतिशत धनराशि केंद्र और 10 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार खर्च करेगी।

"किसानों की आय बढ़ाने के लिए इस केंद्र की स्थापना की गई है। इस प्रयोगशाला में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक से 90 प्रतिशत बछिया पैदा होगी। इससे दूध उत्पादन बढ़ेगा, साथ ही पशुपालकों को भी लाभ होगा।" उत्तराखंड लाइव स्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड (यूएलडीबी) के सीईओ डाॅ. एमएस नयाल ने बताया, "अब देश में ही विदेशी नस्ल की होलस्टीन, फ्रिजियन, क्रॉसब्रीड के साथ-साथ देसी नस्ल के गायों का सीमन मिल जाएगा।" इस केंद्र के बन जाने पशुपालकों को सस्ती दरों पर सीमेन उपलब्ध होगा।

सेवानिवृत उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद् के सीईओ डॉ. बीबीएस यादव ने बताया, "देश में सेक्स सोर्टेड सीमन की कीमत बहुत ज्यादा है, जिससे किसान इसको खरीद नहीं पाता है। इस केंद्र से बनने से किसानों को सस्ती दरों पर यह सीमन उपलब्ध होगा। कृत्रिम गर्भाधान कराने पर कभी-कभी सेक्सस नहीं होता है जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान भी होता है। लेकिन इस तकनीक के जरिए 90 प्रतिशत बछिया ही पैदा होती है, जिससे किसानों को लाभ होगा।"

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वर्तमान में इस केंद्र में 25 लाख सीमेन डोसेज का प्रतिवर्ष उत्पादन हो रहा है। अब यहां से जनरल सीमेन डोसेज के साथ-साथ लिंग चयनित वीर्य भी किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। दूसरे राज्यों के पशुपालक भी इसका लाभ उठा सकेंगे। इस प्रयोगशाला में अमेरिका से उपकरण को मंगवाया जाएगा। साथ ही इसका संचालन भी अमेरिकी तकनीशियन करेंगे।


क्या है सेक्स सोर्टेड सीमन

सामान्य सीमन में x वा y दोनों ही तरह के क्रोमोजोम को कैरी करने वाले स्पर्म होते हैं। यानी एक ही सीमन सैंपल में कुछ स्पर्म x क्रोमोसोम वाले होते हैं तथा कुछ स्पर्म क्रोमोसोम y वाले होते हैं| ऐसे सीमन से एआई (कृत्रिम गर्भाधान) करने पर यदि x क्रोमोसोम वाला स्पर्म अंडे को फर्टिलाइज करता है तो बछिया पैदा होती है और यदि y क्रोमोसोम वाला क्रोमोसोम अंडे को फर्टिलाइज करता है तो बछड़ा पैदा होता है।

सेक्स सोर्टेड सीमन में सिर्फ एक ही तरह के क्रोमोजोम (x या y) को कैरी करने वाले स्पर्म होते हैं। यानी एक सीमन सैंपल में सभी स्पर्म x क्रोमोसोम कैरी करने वाले होते हैं या सभी स्पर्म y क्रोमोसोम कैरी करने वाले होते हैं। x क्रोमोसोम वाले सेक्सड सीमन से AI करने पर बछिया पैदा होती तथा y क्रोमोसोम वाले सेक्सड सीमन से AI करने पर बछड़ा पैदा होता है| इसलिए इस तकनीक के इस्तेमाल से 90 प्रतिशत बछिया ही पैदा होती है।

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