कोरोना में कैसे हो बच्चों का इलाज, स्वास्थ्य मंत्रालय के नई गाइडलाइंस की 5 बड़ी बातें

गाँव कनेक्शन | Jun 10, 2021, 10:54 IST
कोविड की दूसरी लहर में कई बच्चों में भी कोरोना का संक्रमण देखा गया है। आशंका है कि तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है। बच्चों की बीमारी, दवा, मास्क आदि को लेकर स्वाथ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइन जारी की हैं।
Corona Virus
कोरोना की दूसरी लहर कमजोर जरूर पड़ी है, लेकिन अभी भी एक लाख से नये मामले रोज आ रहे हैं। इस बीच तीसरी लहर की आशंका भी कायम है। आशंका जताई जा रही है कि तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन तहत डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस (DGHS)ने बच्चों में कोरोना और इलाज को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं।

गाइडलाइंस में कहा गया है कि कोविड-19 से पीड़ित बच्चों को एंटी वायरल रेमडेसिविर का इंजेक्शन न दिया जाए। डॉक्टरों को सलाह दी गई हैं कि बच्चों को स्टेरॉयड देने से भी बचे। बच्चों को पौष्टिक भोजन देने की सलाह दी गई है ताकि उनकी इम्युनिटी बेहतर रहे। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी गाइडलाइंस की 5 बड़ी बातें।

1. बच्चे और कोरोना की दवा


बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, कमजोरी, सूंघने की क्षमता या स्वाद की कमी बच्चों में COVID19 के सामान्य लक्षण हैं। कोविड 19 के माध्यम और गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। मध्यम मामले में SpO2 (ऑक्सीजन) का लेवल 90-93 प्रतिशत के बीच होगा जबकि गंभीर मामलों में ये 90 से कम भी हो सकती है।

एसिम्प्टोमेटिक बच्चों के लिए कोविड-19 संक्रमण की कोई खास दवा की आवश्यकता नहीं है। मामूली लक्षण में डॉक्टर की सलाह से पैरासीटामोल दे। गले में खरास, कफ़ खासी होने पर बड़े बच्चों को गरारा कराएं, जबकि मध्यम लक्षणों के मामलों में आक्सीजन थेरेपी शुरू की जाए।

2. रेमडेसिवर की मनाही, स्टेरॉडयल से भी बचें


डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस की नई गाइड लाइंस के मुताबिक संक्रमित बच्चों को सामान्य परिस्थतियों में रेमडेसिविर न दिया जाए। इसके अलावा स्टेरॉडय न देने की सलाह दी गई है। मंत्रालय ने गाइडलाइंस में कहा है कि ज्यादा गंभीर मामलों में मरीजों को स्टेरॉयड दी जाए।

3. बारह साल के ऊपर के बच्चों को 6 मिनट का वॉक


नई गाइडलाइंस में 12 वर्ष से अधिक उम्र के जिसमें सामान्य और हल्के लक्षण वाले बच्चों को माता-पिता या अभिभावक की देखकर में वॉक टेस्ट की सलाह दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि है बच्चे की उंगली में ऑक्सीमीटर लगाकर उसे 6 मिनट तक चलाया जाए। इस दौरान अगर उनका सेचुरेरशन 94 (SpO2) से कम पाया जाए तो उनमें सांस लेने में तकलीफ देखी जा सकती है। ऐसी परिस्थतियों में बच्चों के अस्पताल में भर्ती किए जाने पर निर्णय लिया जाना चाहिए।

हालांकि मंत्रालय ने साफ किया है कि जिन बच्चों को अस्थमा है उन्हें ये टेस्ट न करने की सलाह दी जाती है। गाइडलाइंस में भ्रम से बचने के लिए ये भी कहा गया है कि अगर मरीज (बच्चे) में कोविड के गंभीर लक्षण दिखते हैं तो बिना ऑक्सीजन थेरैपी को बिना देरी शुरु किया जाए।

4. सीटी स्कैन बेहद जरूरी होने पर


बच्चों को लेकर जारी कोविड की नई गाइडलाइंस को लेकर मंत्रालय ने कहा है कि बच्चों बेहद जरूरी होने पर ही बच्चों का सीटी स्कैन किया जाए।

कोरोना की दूसरी लहर में धडल्ले से लोगों के किए जा रहे CT scan पर सवाल उठे थे।

5. पांच साल 5 से कम वालों के लिए मास्क जरूरी नहीं


नई गाइडलाइंस में सुझाव दिया गया है कि 5 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों को मास्क की आवश्यकता नहीं है। लेकिन 6 से 11 आयुवर्ग के बच्चे माता-पिता और अभिभावकों की देखरेख में मास्क का उपयोग कर सकते हैं। 12 वर्ष से उम्र के बच्चे सामान्य लोगों की तरह मास्क का उपयोग करें। मास्क का उपयोग करते समय ध्यान रखें कि आप के हाथ साबुन से धुले या सैनेटाइज हों।

Tags:
  • Corona Virus
  • covid 19
  • story

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.