सावधान ! तेज़ी से फ़ैल रहा है डेंगू बिना बुखार भी आपको ये हो सकता है

Ambika Tripathi | Oct 02, 2023, 09:53 IST
देश के कई राज्य डेंगू की चपेट में हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में अभी भी इसके मरीज सामने आ रहे हैं। कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिसमें मरीज को शुरू में बुखार आया ही नहीं।
#dengue fever
"जब मैं डॉक्टर के पास गई तो इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि मुझे डेंगू हो सकता है। न बुखार था न बदन पर कोई चकत्ते, बस कुछ दिनों से पीठ में दर्द था और कमजोरी।" उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले की निवासी सरोज पांडे ने हैरानी जताते हुए गाँव कनेक्शन से कहा।

सरोज प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 343 किलोमीटर दूर गाज़ीपुर जिले के लट्ठूडीह गाँव में रहती हैं।

सरोज को डेंगू हुआ है इसकी जानकारी तब हुई जब डॉक्टर ने खून की जाँच कराने को कहा। रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि उनके प्लेटलेट्स काउंट कम है।

यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, नॉएडा में एसोसिएट डायरेक्टर डॉ राजीव सिंह कहते हैं, "इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि बिना बुखार डेंगू नहीं हो सकता है। कभी कभी डेंगू के प्रारंभिक चरण में बुखार नहीं आता है बाद में आ सकता है।"

"ऐसा भी होता है कि डेंगू का बुखार बहुत कम ग्रेड का है और मरीज बुखार समझ ही नहीं पाता। इसलिए बुखार न होने के बावज़ूद भी डेंगू के लक्षणों को नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए।" डॉ राजीव ने कहा।

डेंगू का बढ़ता प्रकोप

लखनऊ से करीब 27 किलोमीटर दूर बाराबंकी में डेंगू के मरीज अचानक बढ़े हैं।

हजाराबाग के रहने वाले दिनेश तिवारी ने गाँव कनेक्शन को बताया, "हमारे यहाँ डेंगू की समस्या अचानक बढ़ी है,अधिक जलभराव के कारण पानी जमा हुआ शायद उससे हुआ है। कई लोग यहाँ बीमार हैं, स्वास्थ्य विभाग सबकी जाँच और इलाज कर रहा है।"

दिनेश ने गाँव कनेक्शन को बताया हजाराबाग की कई गलियों में अभी भी पानी का जमाव है।

Also Read: डॉक्टर से समझिए डेंगू के सही इलाज का तरीका

लखनऊ से बाराबंकी के रास्ते पड़ने वाले चिनहट गाँव में कुछ स्कूली बच्चों को डेंगू ने अपनी चपेट में ले लिया था जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आ गई।

उच्च प्राथमिक कन्या विद्यालय चिनहट की प्रिंसिपल सरोज पंत कहती हैं, "बारिश के बाद डेंगू तेज़ी से फैला है, हालाँकि अब ख़तरे की बात यहाँ तो नहीं लगती है लेकिन जब स्कूल के कुछ बच्चों को हुआ तो डर जरूर लगा। करीब में अस्पताल होने से समय पर इलाज हो गया। स्वास्थ्य विभाग के लोग आए साफ-सफाई के साथ एंटी लार्वा स्प्रे, फॉगिंग और डेंगू बचाव के प्रति जागरुकता अभियान चलाया जिससे गाँव के लोगों को इससे बचने में मदद मिली है।"

लखनऊ के चन्दनगर आलमबाग के सामुदायिक स्वास्थ्य के प्रभारी डॉक्टर सैय्यद रजा मानते हैं इस साल डेंगू का फैलाव अचानक हुआ है।

"पहले केस कम आ रहे थे लेकिन अभी बढ़ने लगे हैं, बारिश के बाद केस में बढ़ावत होता है इसलिए पानी में एन्टी लारवा की दवा जरूर डालें, अगस्त, सितम्बर ऐसा महीना है जिसमें मच्छर ज़्यादा पनपते हैं। ये मच्छर अधिक ऊपर नहीं उड़ सकते हैं इसलिए पैरों में काटते हैं और दिन में ही काटते हैं।" डॉक्टर सैय्यद रजा ने गाँव कनेक्शन से कहा।

"अगर हर कोई पूरा कपड़ा पहने जिससे पैर हाथ ढका रहे तो काफी मदद इससे होगी। ऐसे में अगर बुखार होता भी है तो बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा कतई न लें।" वे आगे कहते हैं।

डेंगू बुखार क्या है

डेंगू बुखार एक वायरल रोग है जो एडीज एजिप्टी मच्छर से फैलता है। यह मच्छर रात में हमला करने वाले मलेरिया के मच्छरों के उलट दिन के समय मनुष्यों को काटता है। इसे 'हड्डी तोड़ बुखार' के रूप में भी जाना जाता है, जो बुखार से पीड़ित लोगों की मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द के कारण होता है।

जब कोई इसके मच्छर से संक्रमित होता है, तो वायरस 2 से 7 दिनों तक खून में घूमता रहता है, यानी बुखार होने में इतना समय लगता है। अगर कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से ठीक हो जाता है, तो वह स्थायी रूप से इस बीमारी से प्रतिरक्षित हो जाता है। भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिणी चीन, ताइवान, मैक्सिको और मध्य अमेरिका जैसे कई देशों में ये हर साल लोगों को अपनी चपेट में लेता है। करीब 500,000 लोग इस बीमारी से प्रभावित होते हैं और मृत्यु दर 2.5 प्रतिशत है।

डेंगू से बचाव का तरीका

उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों से अपील की है कि इस बीमारी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। प्रदेश के अस्पतालों में प्लेटलेट्स, खून और बेड की कोई कमी नहीं है। जरूरत पड़ने पर डेंगू के हर मरीज को भर्ती करने का इंतजाम है।

मौसम बदलने की वजह से लोगों को वायरल बुखार भी आ रहा है। अगर लक्षण दिखाई देते हैं तो डेंगू की जाँच जरूर कराएं। कहीं पर भी पानी जमा न होने दें।

सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल ठीक रहता है। घर की खिड़कियाँ सील हों (जाली लगी) तो अच्छा है। नींबू और संतरे में लौंग चिपकाने से भी इसकी खुशबू के कारण मच्छर और मक्खियाँ घर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं।

रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इससे डेंगू फैल सकता है। जिन बर्तनों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होना हो उनमें रखे हुए पानी को नियमित से बदलते रहें।

सरकार की तरफ से गाँव गाँव इस बात की जानकारी दी जा रही है कि इसका इलाज भी मुफ्त है। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में डेंगू से निपटने के इंतजाम हैं। तेज बुखार या दूसरे लक्षण दिखते ही तुरंत जाँच कराएँ। सभी अस्पतालों को डेंगू की रोकथाम के निर्देश दे दिए गए हैं।

उत्तराखंड में भी डेंगू के मामले तेजी से बढ़े हैं। प्रदेश के सात जिलों में 70 और लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें सबसे अधिक 32 मामले पौड़ी जिले में मिले हैं। खास बात ये है कि यहाँ के कुछ गाँवों में डेंगू से निपटने के लिए स्थानीय लोगों ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। वे न सिर्फ लोगों को इस बीमारी से बचने के उपाय बता रहे हैं बल्कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने में मदद भी कर रहे हैं।

Also Read: अगर बुखार में आपको या आपके अपनों में ये लक्षण हैं तो डेंगू हो सकता है

देहरादून के अदूवाला गाँव में रहने वाले शिव कुमार जोशी कहते हैं, "पहले मुझे बुखार हुआ तो लगा मौसम बदले से ऐसा हो रहा है, लेकिन तीन दिन बाद जाँच से मालूम हुआ डेंगू है, लेकिन अब ठीक हूँ। हम लोग खुद भी आस पास लोगों को बता रहे हैं इससे बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है। "

वो कहते हैं, "मेरी बहन चंपावत में है उसे भी बुखार हुआ है लेकिन अभी खून की रिपोर्ट नहीं आई है इसलिए कह नहीं सकते उसे डेंगू है या नहीं।"

ऊधमसिंह नगर और चमोली में भी कई लोग डेंगू की चपेट में हैं जिनका इलाज चल रहा है।

मौसम बदल रहा है। सुबह-शाम हल्की ठंडक होने लगी है, लेकिन डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर की सक्रियता कम नहीं हो रही है। हर रोज़ डेंगू मरीजों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। मैदान हो या फिर पहाड़, सब जगह लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं।

Also Read: डेंगू-मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों से बचाएगी छोटी सी मछली

Tags:
  • dengue fever

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.