लखनऊ में निजी अस्पतालों ने चस्पा किया नोटिस- ऑक्सीजन नहीं है, कृपया अपने मरीजों को यहाँ से ले जाएं

राजधानी दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ में भी ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है। शहर के कुछ निजी अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी के बाद मरीजों को कहीं और ले जाने की नोटिस चस्पा क्र दी है।

Mithilesh DharMithilesh Dhar   21 April 2021 1:00 PM GMT

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लखनऊ में निजी अस्पतालों ने चस्पा किया नोटिस- ऑक्सीजन नहीं है, कृपया अपने मरीजों को यहाँ से ले जाएंराजधानी लखनऊ के बाहर चस्पा की गयी नोटिस। तस्वीरें सोशल मीडिया से मिली। 

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। राजधानी दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ में भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गयी है। निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। अस्पतालों के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया है कि ऑक्सीजन नहीं है, मरीज को कहीं और ले जाएँ। लखनऊ के मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने भी फेसबुक के माध्यम से बताया कि निजी अस्पताल ऑक्सीजन न होने की वजह से मरीजों को एडमिट नहीं ले रहे हैं।

लखनऊ के गोमती नगर स्थित निजी अस्पातल मेयो को प्रदेश सरकार ने कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाया है। मेयो अस्पताल की तरफ से सीएमओ को चिट्ठी भी लिखी गई है, जिसमें ऑक्सीजन की कमी को लेकर जल्द से जल्द सप्लाई देने की मांग की गई है।

मेयो अस्पताल की तरफ लिखी गयी चिट्ठी।

मेयो अस्पताल में एडमिट एक मरीज के चचेरे भाई ने नाम न बताने की शर्त पर गांव कनेक्शन को फोन पर बताया, "अस्पताल की तरफ से हमें सुबह ही बता दिया गया था कि यहाँ अब ऑक्सीजन नहीं है। आप अपने मरीज को लेकर कहीं और जाइए, लेकिन हम लेकर जाएं कहाँ?"

"सुबह से कम से कम 10 अस्पतालों के चक्कर लगा चुका हूँ। बेड तो मिल भी रहा, लेकिन ऑक्सीजन कहीं नहीं हैं और मेरा भाई तो बिना ऑक्सीजन के मर ही जायेगा।" वे आगे कहते हैं।

मेयो अस्पताल की और से चप्सा की गयी नोटिस।

लखनऊ के गोमतीनगर वास्तुखंड के मेकवेल अस्पताल में भी ऑक्सीजन की दिक्कत हो गई है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से यहाँ भी नोटिस लगा दिया गया है और परिजनों को अपने मरीज ले जाने के लिए कह दिया गया है।

सांसद कौशल किशोर ने कहा, इस वजह से हो रही दिक्कत

लखनऊ के मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने फेसबुक पोस्ट लिखकर बताया कि आखिर यह दिक्कत क्यों हो रही है। अपने पोस्ट में वे लिखते हैं-

"लखनऊ में ऑक्सीजन गैस प्लांट के कुछ मालिकों ने मुझे बताया की ड्रग इंस्पेक्टर ने प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस देने पर रोक लगा रखी है। केवल सरकारी अस्पतालों में ही ऑक्सीजन गैस सप्लाई करने को कहा है। प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस न दें। प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस के बगैर मरीज मर रहे हैं तो मरने दें। यह बात ऑक्सीजन गैस प्लांट के दो मालिकों ने मुझसे बताई है। इसके अलावा सैकड़ों लोग मुझे रोज फोन करके ऑक्सीजन गैस की डिमांड कर रहे हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों को अस्पताल के मालिक अस्पताल से भगा रहे हैं। उनका कहना है कि ऑक्सीजन गैस मिल नहीं पा रही है लखनऊ में हो रही ताबड़तोड़ मौतें ऑक्सीजन गैस ना मिलने की वजह से हो रही है इस संबंध में जब आज मैंने चार्ज लिए ड्रग इंस्पेक्टर से वार्ता की तो उन्होंने कहा कि मैंने किसी को मना नहीं किया। इसलिए ऑक्सीजन गैस प्लांट के मालिकों से मेरा आग्रह है कि प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस की सप्लाई ना रोके। ऑक्सीजन की सप्लाई डिमांड के अनुसार पूरी करें। गैस के अभाव में मरने वाले लोगों की जान बचाएं।"

मेकवेल अस्पताल की और चप्सा की गयी नोटिस।

मुख्यमंत्री का दावा, प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं

हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा है की मांग के अनुरूप ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रहा है। उन्होंने भारत सरकार से आवंटित ऑक्सीजन को यथाशीघ्र प्रदेश में उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।

उन्होंने बताया की ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में संतुलन बना रहे, इसलिए सभी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन का ऑडिट कराया जाना चाहिए। ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ त्वरित और कठोरतम कार्रवाई की जाए। अति गंभीर परिस्थिति को छोड़कर किसी भी इंडिविजुअल व्यक्ति को ऑक्सीजन की आपूर्ति न की जाए। केवल संस्थागत आपूर्ति ही होगी।

ऑक्सीजन लेने ट्रेन से भेजे जा रहे टैंकर

सीएम योगी के निर्देश पर ऑक्सीजन की उपलब्धता तत्काल बढ़ाने के लिए लखनऊ से टैंकर ट्रेन द्वारा झारखंड के बोकारो भेजे जा रहे हैं। ये टैंकर बोकारो से ऑक्सीजन भरकर लखनऊ आएंगे। सीएम योगी के निर्देश पर तेजी से ऑक्सीजन उपलब्धता बढ़ाने के लिए सड़क और ट्रेन दोनों मार्गों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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