लद्दाख में जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को सही बाजार उपलब्ध कराने में मदद कर रहा एपीडा

गाँव कनेक्शन | Jul 23, 2021, 05:32 IST
एपीडा लद्दाख के उत्पादों की ब्रांडिंग और प्रचार के लिए विशेष सहायता प्रदान करेगा। इस कदम के जरिए वर्ष 2025 तक लद्दाख को एक जैविक क्षेत्र बनाने का लक्ष्य हासिल करना है।
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लद्दाख में जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को उनके जैविक उत्पादों का सही दाम दिलाने के लिए एपीडा ने क्षेत्र के अधिकारियों के साथ साझेदारी की है, इस कदम से इलाके के किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।

लद्दाख से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने, किसानों के साथ-साथ उद्यमियों की आय में बढ़ोतरी के लिए एपीडा, संघ राज्य क्षेत्र के बागवानी, कृषि, वाणिज्य एवं उद्योग विभागों और उच्च उन्नतांश अनुसंधान रक्षा संस्थान (डीआईएचएआर) के अधिकारियों के साथ मिलकर एक व्यापक कार्ययोजना तैयार कर रहा है।

इसी सिलसिले में लद्दाख में हाल ही में विभिन्न दौर की बातचीत के बाद फल, दवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले सी बकथॉर्न, खुबानी और जैविक उत्पादों जैसे कृषि उपजों की पहचान, उनका उत्पान बढ़ाने के लिए की गई है। इसके तहत पहचान प्रणाली शुरू करने, किसानों की कार्यक्षमता बढ़ाने और उत्पादों के मूल्य संवर्धन के कार्य किए जाएंगे।

एपीडा के अधिकारियों ने लद्दाख के अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान खेती में रसायनों के न्यूनतम या उपयोग नहीं करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। एपीडा ने लद्दाख के उत्पादों की ब्रांडिंग में मदद करने के लिए जल्द से जल्द रसायनों और उर्वरकों का उपयोग न करने और पहचान प्रणाली शुरू करने का आग्रह किया है। इस कदम के जरिए वर्ष 2025 तक लद्दाख को एक जैविक क्षेत्र बनाने का लक्ष्य हासिल करना है।

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मिशन ऑर्गेनिक डेवलपमेंट इनिशिएटिव के तहत लद्दाख के अधिकारियों ने एक जैविक अध्ययन समूह बनाया है। (Photo: Indi Tourists/Flickr)

इसके तहत एपीडा उद्यमियों, अधिकारियों, किसानों सहित संबंधित पक्षों के क्षमता निर्माण, लद्दाख के उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग और लद्दाख को एक 'जैविक' क्षेत्र बनाने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। एपीडा लद्दाख के उत्पादों की ब्रांडिंग और प्रचार के लिए विशेष सहायता प्रदान करेगा। इसके तहत खास तौर से सी बकथॉर्न की ब्रांडिंग पर उसका खासा जोर रहेगा। जो कि विटामिन सी, ओमेगा और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर फल है।

मिशन ऑर्गेनिक डेवलपमेंट इनिशिएटिव के तहत लद्दाख के अधिकारियों ने एक जैविक अध्ययन समूह बनाया है, जो 'जैविक' प्रमाण पत्र देने के दस्तावेजों का मसौदा और उसके प्रमाणीकरण करने की प्रक्रिया को तैयार कर रहा है और उसे विभिन्न चरणों में लागू कर रहे है। डीआईएचएआर द्वारा लद्दाख प्रशासन तकनीकी सहायता दी जा रही है। जिसके जरिए किसानों को -25 डिग्री सेंटीग्रेट पर पत्तेदार सब्जियां उगाने में मदद मिल रही है।

लद्दाख में कृषि क्षेत्र के व्यापक विकास के लिए एपीडा, लेह और लद्दाख जिलों के कृषि और बागवानी विभागों, जम्मू के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, डीआईएचएआर और उद्यमियों के साथ मिलकर लगातार काम कर रहा है।

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