ये विधि अपनाने पर बचेगा कीटनाशक का खर्च
Divendra Singh | Apr 25, 2018, 16:11 IST
ज्यादातर किसान एक ही खेत में लगातार तीन-चार फसलें उगाते हैं, जिससे मिट्टी में कीट व बीमारियों के रोगाणु पनपते रहते हैं और कई खरपतवार भी वृद्धि करते रहते हैं, ऐसे में किसान गर्मियों में गहरी जुताई कर इनसे छुटकारा पा सकता है।
केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के निदेशक डॉ. विनय कुमार मिश्रा बताते हैं, “जुताई से ढीली हुई मिट्टी में हवा की नाइट्रोजन को भूमि में स्थिर करने वाले जीवाणु सक्रिय हो जाते हैं, जिससे रासायनिक उर्वरकों की भी बचत होती है। दो-तीन साल में एक बार अवश्य किसानों को गर्मियों की गहरी जुताई करनी चाहिए।”
डॉ. विनय कुमार मिश्रा, निदेशक ,केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, लखनऊ
रबी की गेहूं, जौ, सरसों आदि फसलों की कटाई के बाद मई-जून माह में खरीफ की फसलों की बुवाई से पहले सामान्य से दो-तीन सेमी ज्यादा गहरी जुताई करनी चाहिए। रबी फसलों के अवशेष को भी जुताई के साथ खेत में मिला दें, इससे कार्बनिक पदार्थ बढ़ेंगे और हानिकारक कीट नष्ट हो जाते हैं। साथ ही खरपतवार भी सूखकर नष्ट हो जाते हैं। इससे खेत में लंबे समय तक नमी बनी रहेगी और फसलों को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होगी। गहरी जुताई से फसल को दीमक कीट के नुकसान से बचाने में सहायक होती है।
खेत में 15 अप्रैल से 15 मई तक गहरी जुताई करें। कम से कम 20 से 30 सेंटीमीटर तक गहरा हल चलाएं। खेत में खरपतवार होने की स्थिति में 10 से 15 दिन के अंतराल में जुताई को दोहराएं। खेत में कीट-पतंगे नष्ट करने के लिए सुबह सात से 11 बजे तक व शाम चार से छह बजे तक जुताई करें।
केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के निदेशक डॉ. विनय कुमार मिश्रा बताते हैं, “जुताई से ढीली हुई मिट्टी में हवा की नाइट्रोजन को भूमि में स्थिर करने वाले जीवाणु सक्रिय हो जाते हैं, जिससे रासायनिक उर्वरकों की भी बचत होती है। दो-तीन साल में एक बार अवश्य किसानों को गर्मियों की गहरी जुताई करनी चाहिए।”
रबी की फसलों की कटाई के बाद जब खेत खाली हो जाते हैं, तब अप्रैल-मई के महीने में खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए। इससे खेत को बिना रासायनिक दवाओं के ही फसल कीट, रोग और खरपतवारों से मुक्ति मिल जाती है।
इससे भूमि की उर्वरा शक्ति और फसल पैदावार पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके लिए किसान गर्मियों में खाली खेतों की गहरी जुताई करके कुछ दिनों तक खाली रखकर भूमि की सेहत सुधार तथा रोग व कीटों से बचाव कर सकते हैं। गहरी जुताई करने से खेत की जलधारण क्षमता भी बढ़ती है।