मानसून की झमाझम बारिश से खिले किसानों के चेहरे, जानकार बोले- महंगाई कम करेगी ये बारिश

Ashwani NigamAshwani Nigam   6 July 2017 8:16 PM GMT

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मानसून की झमाझम बारिश से खिले किसानों के चेहरे, जानकार बोले- महंगाई कम करेगी ये बारिशधान की रोपाई जारी।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश समेत भारत के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हो रही है। इस बारिश से किसानों के चेहरे तो खिले हैं, कृषि विभाग भी राहत की सांस ले रहा है। जानकारों का मानना है मानसून की यही रफ्तार रही तो खरीफ सीजन में अच्छी बुवाई होगी, और अच्छे उत्पादन ने आने वाले वक्त में महंगाई रोकने में मदद मिलेगी।

पिछले तीन दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार पिछले तीन साल बाद ऐसा मौका आया है, जब प्रदेश में जुलाई के पहले सप्ताह में औसत 90.3 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा 122.2 मिलीमीटर की 73.9 प्रतिशत है। जिसका सीधा असर खेतों में नजर आ रहा है, धान की रोपाई तेजी से हो रही है। उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशक डॉ. आईएन मुखर्जी ने बताया '' लगातार हो रही बारिश से धान के अलावा मक्का, ज्वार, बाजरा, उर्द, मूंग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन, तिल और अरहर की बुवाई को भी मदद मिल रही है।'' उत्तर प्रदेश में इस बार कुल खरीफ फसलों की बुवाई का लक्ष्य 91.58 लाख हेक्टेयर तय किया गया है।

तस्वीरों में: अच्छे मानसून के साथ शुरू हुई धान की रोपाई

इस बारिश से जहां आज किसानों को राहत मिल रही है वहीं आने वाले दिनों में अच्छी बुआई का असर उत्पादन और महंगाई पर भी पड़ेगा। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची के डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर इकोनामिक्स के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. रामप्रवेश सिंह ने बताया '' अच्छी मानसूनी बरसात से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे खाद्यान्नों की मूल्यवृद्धि भी नियंत्रित रहेगी।''

अरहर की फसल। फाइल फोटो

मानसून से यूपी के ज्यादातर जिलों में अच्छी बारिश

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद की मौसम आधारित राज्य स्तरीय कृषि परामर्श समूह की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से अधिकतर जिलों में अच्छी बरसात शुरू हो चुकी है। इससे खरीफ की अन्य फसलों के साथ ही साथ खासकर धान की बुवाई में तेजी आई है। मानसून की लगातार हो रही बारिश से धान की रोपाई और धान की नर्सरी डालने वाले किसानों को मदद मिल रही है।

कृषि विभाग को अभी तक जो आंकड़े मिले हैं उसके मुताबिक पूरे प्रदेश में 10.49 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है, जो लक्ष्य का 11.46 प्रतिशत है। इसमें से प्रदेश में धान की बुवाई का निर्धारित कुल लक्ष्य 59.66 लाख हेक्टेयर है, जिसके मुकाबले 5.65 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है। वहीं धान की नर्सरी 3.97 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 3.65 लाख हेक्टेयर में धान की नर्सरी डाली जा चुकी है।

धान की रोपाई जारी।

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मानसून की भविष्यवाणी सच हो रही

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग अमौसी लखनऊ के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया, ''उत्तर प्रदेश में अच्छी मानसूनी बरसात हो रही है। मौसम विज्ञान विभाग ने इस साल सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की थी, जो सच होती दिख रही है।'' वहीं नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर मेट्रोलाजी विभाग के वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ. एके सिंह ने बताया ' देश में मानसून का सीजन चार महीनों का होता है। मानसून जून में शुरू होता है और सितंबर तक सक्रिय रहता है। दीर्घावधि पूर्वानुमान के दौरान मौसम विभाग कई पैमानों का इस्तेमाल कर इन चार महीनों के दौरान होने वाली मानसूनी बारिश की मात्रा को लेकर संभावना जारी करता है।'' उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानसून की अच्छी बारिश से किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई करने में मदद मिल रही है।

बारिश से खेतों में है पर्याप्त पानी

उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के गड़वार ब्लाक के रूस्तमपुर के किसान राकेश सिंह ने बताया, ''अच्छी बरसात होने से खेतों में अच्छा पानी जमा हो गया है। बिजली और डीजल की बचत हो रही है।’’ उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हो रही अच्छी बारिश से कृषि विभाग भी संतोष की सांस ले रहा है। विभाग का कहना है कि बरसात बढ़िया होने से खरीफ की बुवाई में किसानों की लागत घटेगी और उत्पादन भी अच्छा होगा।

अच्छी बारिश से अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती- प्रो. राम प्रवेश सिंह

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, प्रो. डॉ. रामप्रवेश सिंह ने आगे कहते हैं, कृषि का अर्थव्यवस्था में योगदान है, इसलिए पूरी अर्थव्यवस्था को मानसून मजबूती प्रदान करेगा। मानसून के चार महीनों में अगर ऐसी ही झमाझम बारिश होती रही तो नदियों, जलाशयों का जलस्तर बढ़ेगा। साथ ही बिजली उत्पादन अच्छा होगा। प्रदेश में पानी की समस्या का भी काफी हद तक समाधान होगा। एक तरफ जहां नदियों, तालाबों में पर्याप्त पानी होगा, वहीं भूजल भी रिचार्ज होगा।”

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