यूपी सरकार किसानों को कर रही सावधान, खेती को राहु-केतु करते हैं परेशान

Ashwani Nigam | Aug 11, 2017, 19:49 IST

लखनऊ। अभी तक आपने सुना होगा कि किसानों को मौसम विभाग, कृषि वैज्ञानिकों और अधिकारियों की सलाह से खेती करना चाहिए, लेकिन कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि राहु-केतु के प्रभाव को देखते हुए किसानों को खेती का कोई काम नहीं करना चाहिए।

कृषि विभाग के अनुसार, किसानों को गृह नक्षत्रों और राहु-केतु को देखकर खेती करना चाहिए। विभाग ने इसके लिए बाकायदा एडवाजरी जारी की है। उत्तर प्रदेश सरकार ब्रह्मांडीय शक्तियों के समावेश के आधार पर खेती को बढ़ाने की बात कर रहा है। इसे सरल भाषा में बायो-डायनमिक खेती कहा गया है।

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर तकनीकी जानकारी कॉलम में बायो डायनामिक खेती के बारे में जानकारी दी गई है जिसमें राहु-केतु के फसल पर पड़ने वाले प्रभाव को बताया गया है।

बायो-डायनमिक खेती में कहा गया है कि कृषि कार्यों को पंचांग और राशियों के आधार पर करके किसान ज्यादा उत्पादन पा सकते हैं। इस योजना को जमीन पर उतारने का जिम्मा भी उस सरकारी एजेंसी को दिया गया है, जो विश्व बैंक की आर्थिक मदद से चलती है।

यूपी कृषि विभाग की स्टेट नोडल एजेंसी फॉर एग्रीकल्चर डायवर्सिफिकेशन के तकनीकी समन्वयक डॉ. विमल सिंह चंदेल गाँव कनेक्शन को बताते हैं, “चार दशक में रसायनों के अंधाधुंध इस्तेमाल के कारण कीट और खरपतवार के संक्रमण में वृद्धि हुई है। ऐसे में इससे खेती को बचाने के लिए बायो-डायनमिक खेती को व्यवसायिक तौर पर बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है।“

बायो-डायनमिक सिद्धांत में बताया गया है कि प्रत्येक महीने चंद्रमा एक दिन शनि और किसी महीने में दो दिन विपरीत दिशा में आते हैं। ऐसे में इस दिन किसी प्रकार के कृषि काम के लिए उपयुक्त होते हैं। यहां पर बताया गया है कि दो बार चंद्रमा पृथ्वी के पथ से गुजरते हुए सूर्य के पथ को काटता है।

सामान्य भाषा में इसे राहु और केतु के नाम से जाना जाता है। इस दिन किसानों को कोई भी कृषि काम नहीं करना चाहिए। वेबसाइट में जानकारी के अनुसार, फूल वायु से संबंधित हैं और फूल पर मिथुन, तुला और कुंभ राशि का असर होता है। फल और बीज का संबंध अग्नि से होता है। मेष, धनु और सिंह राशि का इस पर प्रभाव पड़ता है।

खेत, फल फूल और पौधों का गृह नक्षत्रों, सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी से क्या संबंध और उसका क्या फर्क पड़ता है, ये उद्यान एवं प्रसंस्करण विभाग की वेबसाइट पर विस्तार से बताया गया है। उद्यान एवं प्रसंस्करण विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित लेख के अनुसार, बायो-डायनमिक सिद्धांत के तहत चंद्रमा एक महीने में लगभग 29.5 दिनों में पृथ्वी का पूरा चक्कर लगाता है।

इस अवस्था में यह बारह राशियों से गुजरता है। प्रत्येक राशि पर यह ढाई से सवा तीन दिन तक रहते हुए दूसरी राशि पर पहुंचता है। इन 12 राशियों को यूनानी भाषा में एक प्रतीक के रूप में अलग-अलग जीवों और वस्तुओं के आकार से चित्रित किया गया है। ये 12 राशियां चार मुख्य तत्वों भूमि, जल, वायु और अग्नि को प्रभावित करती हैं।

यूपी डॉप्स के तकनीकी समन्वयक डॉ. विमल सिंह चंदेल आगे बताते हैं, “बायो-डायनमिक पांचांग और राशियों के अनुसार खेती की तैयारी की जाती है। इस खेती में सिर्फ जैविक खाद का ही इस्तेमाल किया जाता है। इस विधि से खेती करने से उच्च गुणवत्ता का उत्पादन, खेती में जैविक क्रियाओं को प्रोत्साहन, भूमि की उर्वरा शक्ति में निरंतर वृद्धि, साथ ही पर्यावरण प्रदूषण को कम करना है।”

हालांकि योजना के बारे में कई किसानों से बात की गई तो उन्हें कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन विभाग प्रचार-प्रसार का दावा करता है। उत्तर प्रदेश उद्यान एवं प्रसंस्करण विभाग के निदेशक डॉ. एसपी जोशी बताते हैं, “बायो-डायनमिक खेती की योजना यूपीडास्प ने कुछ साल पहले शुरू की थी। इस खेती के बारे बताया गया था कि यह कृषि में ब्रह्मांडीय शक्तियों के समाकलन के आधार पर की जाती है।’’

बताए राशियों का खेती से संबंध

उद्यान एवं प्रसंस्करण विभाग की वेबसाइट पर बताया गया है कि विभिन्न राशियों का खेती के विभिन्न तत्वों से क्या संबंध है। पौधों की जड़ पृथ्वी से संबंधित है, जिस पर कन्या, मकर और वृष राशि का प्रभाव पड़ता है। वहीं, पत्ती का संबंध जल यानी पानी से है। पत्ती पर कर्क, वृश्चिक और मीन राशि का प्रभाव होता है।

गांव कनेक्शऩ ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Tags:
  • uttar pradesh
  • farmer
  • Farming
  • UP government
  • weather department
  • Agricultural scientists
  • Agricultural department
  • कृषि विभाग
  • हिंदी समाचार
  • Samachar
  • समाचार
  • hindi samachar
  • Bio-dynamic farming
  • rahu ketu