बारिश से फसलों को हो रहा नुकसान, किसान परेशान
Ajay Mishra | Mar 10, 2017, 12:06 IST
अजय मिश्रा, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
कन्नौज। गुरुवार देर रात शुरू हुई बारिश किसानों के लिए आफ़त बन कर आई। देर रात शुरू हुई बारिश अगले दिन भी होती रही। उद्यान वैज्ञानिक डॉ. अमर सिंह ने बताया कि "खेतों में जो आलू तैयार है वो खुद रहा है बरसात होने से आलू को नुकसान हो सकता है। लहसुन की फसल में भी पानी नुकसानदेय है।" 'गांव कनेक्शन' से बातचीत में डॉ. सिंह ने कहा कि ज्यादा बरसात से टमाटर में भी सड़न और फंगस लगेगा। जायद के टमाटर में नुकसान नहीं है।
जो लहसुन खुदने के लिए तैयार है उसको भी पानी से नुकसान है। जिस गेहूं की फसल में किसानों ने पानी लगा दिया है बरसात से फसल गिर जायेगी। जो गेहूं छोटा है या समय से बोया गया या बालियां नहीं निकली उसको फायदा होगा।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. वीके कनौजिया का मत है कि "बरसात के बाद अगर हवा चल गई तो फसलों को नुकसान होगा। जरुरी नहीं है पर ऐसे मौसम में ओले गिरने की भी सम्भावना रहती है।"वह आगे बताते हैं कि जो मटर, चना और दलहन की फसल परिपक्वता की ओर है उसे भी नुकसान है। हालांकि कन्नौज में इसका क्षेत्रफल कम ही है। डॉ. कनौजिया कहते हैं कि अगर बरसात ज्यादा रहती है उसमें फंगस लग सकता है।
डॉ. वीके कनौजिया कहते हैं कि सूखने के बाद ही आलू की पैकिंग की जाये। उसके बाद ही किसान कोल्ड स्टोरेज में भण्डारण करें। सब्जी की फसल की किसान बारिश के बाद देखभाल करें। चकत्ते पड़ने की सम्भावना बन जाती है। प्याज की नई फसल में पानी भरने से नुकसान होगा इसलिए सब्जी में एक लीटर पानी में आधा ग्राम कारबिज जिंक का छिड़काव करें।
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कन्नौज। गुरुवार देर रात शुरू हुई बारिश किसानों के लिए आफ़त बन कर आई। देर रात शुरू हुई बारिश अगले दिन भी होती रही। उद्यान वैज्ञानिक डॉ. अमर सिंह ने बताया कि "खेतों में जो आलू तैयार है वो खुद रहा है बरसात होने से आलू को नुकसान हो सकता है। लहसुन की फसल में भी पानी नुकसानदेय है।" 'गांव कनेक्शन' से बातचीत में डॉ. सिंह ने कहा कि ज्यादा बरसात से टमाटर में भी सड़न और फंगस लगेगा। जायद के टमाटर में नुकसान नहीं है।
जो लहसुन खुदने के लिए तैयार है उसको भी पानी से नुकसान है। जिस गेहूं की फसल में किसानों ने पानी लगा दिया है बरसात से फसल गिर जायेगी। जो गेहूं छोटा है या समय से बोया गया या बालियां नहीं निकली उसको फायदा होगा।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. वीके कनौजिया का मत है कि "बरसात के बाद अगर हवा चल गई तो फसलों को नुकसान होगा। जरुरी नहीं है पर ऐसे मौसम में ओले गिरने की भी सम्भावना रहती है।"वह आगे बताते हैं कि जो मटर, चना और दलहन की फसल परिपक्वता की ओर है उसे भी नुकसान है। हालांकि कन्नौज में इसका क्षेत्रफल कम ही है। डॉ. कनौजिया कहते हैं कि अगर बरसात ज्यादा रहती है उसमें फंगस लग सकता है।
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