सीज़न के आख़िरी आम के स्वाद के साथ अपने पसंदीदा फल को करिए विदा

Bidyut Majumdar | Jul 22, 2025, 10:30 IST
इस सीज़न आपने दशहरी, चौसा और सफेदा आम का स्वाद नहीं चखा है तो ये सप्ताह ही आख़िरी मौका है। बारिश शुरू होते ही आम की इन किस्मों ने अपनी विदाई की तैयारी शुरू कर दी है।
mango varieties
अपने स्वादिष्ट आमों के लिए प्रसिद्ध लखनऊ का दशहरी आम पुरानी यादों और संतुष्टि के मिश्रण के साथ जाने की ओर है। देशभर के बाज़ार में आम लगभग 5 महीने उपलब्ध रहते हैं। लेकिन नवाबों के शहर का दशहरी मई से जुलाई तक ही नज़र आता है। यही वज़ह है कि आम के शौकीनों को बड़ी उत्सुकता से दशहरी आमों के अगले सीज़न में आने का इंतज़ार रहता है।

महाराष्ट्र, विशेष रूप से रत्नागिरी से अल्फांसो आम की शुरूआती आपूर्ति, लज़ीज स्वाद से मौसम की शुरुआत करती है। हालाँकि ये अल्फांसो आम काफी महँगे होते हैं, लेकिन इनका अनूठा मीठा स्वाद इन्हें हर पैसे के लायक बनाता है। जैसे-जैसे मौसम आगे बढ़ता है, बंगनपल्ली, तोतापुरी और स्वर्णरेखा जैसी अन्य किस्में बाज़ारों में आ जाती हैं, जो अपने अनोखे स्वाद से आम के शौकीनों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।

366669-359802-dasheri-mother-tree-history-kakori-malihabad-lucknow-mango-farming
366669-359802-dasheri-mother-tree-history-kakori-malihabad-lucknow-mango-farming

हाल के वर्षों में, गुजराती केसर आम ने लोकप्रियता हासिल की है, जिससे व्यापारियों ने लखनऊ के महँगे बाज़ार को लक्ष्य बनाया है। गुजरात में केसर आम की बढ़ती ख़ेती के कारण उत्तर प्रदेश में अधिक उपलब्धता संभव हो सकी, जिससे यह स्थानीय लोगों के बीच एक पसंदीदा विकल्प बन गया है।

लखनऊ से दशहरी आम के आगमन से पहले, बिहार और पूर्वी यूपी से गुलाब खास और मालदा जैसी शुरुआती किस्में आम प्रेमियों के स्वाद को बढ़ा देते हैं। हालाँकि, 50 दिनों से अधिक समय के लिए बाज़ार का निर्विवाद राजा आंध्र प्रदेश की बंगनपल्ली किस्म है, जो अपनी बेहतरीन गुणवत्ता और आकर्षक फलों के रंग के लिए प्रसिद्ध है। इसका बढ़ता उत्पादन दशहरी सीज़न के चरम पर पहुँचने से पहले आम की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करता है।

366670-hero-image-42
366670-hero-image-42
लखनऊ सफेदा की थोड़ी बहुत खूबसूरती बरकरार है

अच्छी क्वालिटी का दशहरी आम जून के अंतिम मध्य में बाजार में प्रवेश करता है, जिससे शहर अपनी सुगंधित मिठास से भर जाता है। लगभग एक महीने तक, ये आम से लेकर खास तक सभी को अपने स्वाद से खुश कर देता है।

जुलाई के पहले सप्ताह बाद भी इसके असाधारण स्वाद का आनंद उठा सकते हैं। हालाँकि, जुलाई के पहले सप्ताह में जैसे-जैसे मानसून की बारिश अधिक होती जाती है, फलों की स्थिति ख़राब होने लगती है, जिससे उनको रखने की क्षमता प्रभावित होती है।

बाज़ार में ब्राइड ऑफ रशिया, बॉम्बे ग्रीन, कासु उल खास, हुसन-ए-आरा, बेनजीर और बेनजीर संडीला जैसी शुरुआती किस्मों की कम होती उपलब्धता पर अफसोस भी है। पूरी उत्तर प्रदेश का गौरजीत सीमित मात्रा में उपलब्ध तो है, लेकिन यह कुछ जगहों पर प्रीमियम मूल्य टैग के साथ आता है।

366671-hero-image-45
366671-hero-image-45
भारी वर्षा के कारण दशहरी का बिगड़ता रंग रूप

लखनऊ सफेदा, चौसा और फजली सहित बाद की किस्में मौसम बढ़ने के साथ बाज़ार पर छा जाती हैं। आम्रपाली और मल्लिका आम के साथ नई किस्में कहीं-कहीं उपलब्ध हो जाती है|

भले ही दशहरी,लंगड़ा या सफेदा जैसे आमों का अंत करीब आ रहा है, आम के शौकीनों को निराश होने की जरूरत नहीं है। आम की आपूर्ति अगस्त तक जारी रहती है, लखनवी दशहरी सीज़न की विदाई के बाद भी आम प्रेमियों की लालसा को पूरा करने के लिए पश्चिमी यूपी, हरियाणा, पंजाब और जम्मू से फल आते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चौसा को कोल्ड स्टोर में रखकर अगस्त में मार्केट में उपलब्ध कराते हैं।

(डॉ शैलेंद्र राजन, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के पूर्व निदेशक हैं)

Tags:
  • mango varieties

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.