भिंडी किसानों ने इस समय नहीं बरती सावधानी तो उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान
Lokesh Mandal shukla | Mar 25, 2018, 12:55 IST
रायबरेली। मौसम में हो रहे लगातार परिवर्तन और बढ़ते हुए तापमान से अब भिंडी किसानों को सावधानी बरतनी होगी। इस मौसम में भिंडी की फसल में लगने वाले रोगों और कीटों पर अगर किसानों ने नहीं ध्यान दिया तो उन्हें इससे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इलाहबाद लखनऊ राज्यमार्ग पर स्थित बछरावां ब्लॉक से पूर्व दिशा में चार किलोमीटर देवधी गाँव के अजय राजपूत (35 वर्ष) बताते हैं, “हरिनारायण जो पिछले तीन साल से भिंडी की खेती कर रहा है, पिछले साल उसकी लापरवाही की वजह से उसकी फसल जोराई रोग से बर्बाद हो गई।”ऐसे ही शिवगढ़ ब्लॉक के किसान शिवबरन पासी (46 वर्ष) बताते हैं, “हम खेतों में मजदूरी करते हैं। पिछले साल गाँव के ही संपन्न किसान राम बहादुर जिन्होंने तीन बीघे की भिंडी की खेती हम मजदूरों से करवाई थी लेकिन एक खेत में जरा सी लापरवाही से खेत में भूनगी का रोग लग गया था जिससे राम बहादुर का काफी नुकसान हो गया। वो तो समय रहते उसका उपचार करवा दिया नहीं तो सारी फसल बर्बाद हो जाती।”
भिंडी की खेती में लगने वाले रोगों के बारे में बताते हुए खुशहाली कृषि केंद्र के शिवगढ़ के इंचार्ज रविन्द्र प्रताप सिंह (35 वर्ष) बताते हैं, “जोराई रोग में हरे रंग का कीड़ा लगता है, जो सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इससे बचने के लिए किसानों को बायर की फेम और लरविन को साथ मिला कर पानी के साथ छिड़काव करना चहिए। अगर भुनगी रोग लग जाए तो उसके लिए इमिटा क्लोराइड का छिड़काव करना चहिए।”
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इलाहबाद लखनऊ राज्यमार्ग पर स्थित बछरावां ब्लॉक से पूर्व दिशा में चार किलोमीटर देवधी गाँव के अजय राजपूत (35 वर्ष) बताते हैं, “हरिनारायण जो पिछले तीन साल से भिंडी की खेती कर रहा है, पिछले साल उसकी लापरवाही की वजह से उसकी फसल जोराई रोग से बर्बाद हो गई।”ऐसे ही शिवगढ़ ब्लॉक के किसान शिवबरन पासी (46 वर्ष) बताते हैं, “हम खेतों में मजदूरी करते हैं। पिछले साल गाँव के ही संपन्न किसान राम बहादुर जिन्होंने तीन बीघे की भिंडी की खेती हम मजदूरों से करवाई थी लेकिन एक खेत में जरा सी लापरवाही से खेत में भूनगी का रोग लग गया था जिससे राम बहादुर का काफी नुकसान हो गया। वो तो समय रहते उसका उपचार करवा दिया नहीं तो सारी फसल बर्बाद हो जाती।”
भिंडी की खेती में लगने वाले रोगों के बारे में बताते हुए खुशहाली कृषि केंद्र के शिवगढ़ के इंचार्ज रविन्द्र प्रताप सिंह (35 वर्ष) बताते हैं, “जोराई रोग में हरे रंग का कीड़ा लगता है, जो सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इससे बचने के लिए किसानों को बायर की फेम और लरविन को साथ मिला कर पानी के साथ छिड़काव करना चहिए। अगर भुनगी रोग लग जाए तो उसके लिए इमिटा क्लोराइड का छिड़काव करना चहिए।”
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