बेमौसम बारिश से गेहूं को फायदा, सब्जियों को पहुंचा नुकसान

गाँव कनेक्शन | Feb 06, 2019, 13:34 IST

मोहित शुक्ला

सीतापुर। बेमौसम बारिश होने से गेहूं गन्ना को लाभ पहुँचा है तो वहीं दलहनी फसल मसूर, चना, सब्जियों के खेत में जल भराव से नुकसान होने की भी सम्भावना है। ऐसे में किसानों को फसलों की सुबह-शाम निगरानी की बहुत आवश्यकता है।

बीती पांच फरवरी को हुई बारिश और सर्द हवाओं ने मौसम बदल दिया। किसान राजेश कुमार यादव ने गाँव कनेक्शन को बताया, "इस वर्ष ठंडक न होने की वजह से गेहूं की फसल काफी प्रभावित दिख रही थी, लेकिन बारिश से कुछ फसल में लाभ जरूर मिलेगा।"

वहीं किसान छविनाथ शुक्ला बताते हैं, "पक्की खड़ी सरसों की फसल पर बेमौसम बारिश और तेज़ हवाओं से काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में जो भी दाना था वो आधे से ज़्यादा खेत में ही झड़ गया।"

बेमौसम बारिश से गेहूं को फायदा, सब्जियों को पहुंचा नुकसानएक और किसान सरदार हरभजन सिंह बताते हैं, "गेहूं गन्ना को काफी हद तक फायदा हुआ है, अगर बारिश नही होती तो इस बार गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचता लेकिन असामयिक बारिश हम किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी।"

फसलों में रोग लगने की बढ़ती है संभावना, ऐसे करें बचाव

वहीं इस बारे में कृषि विज्ञान केंद्र कटिया के कृषि विशेषज्ञ डॉ. दया श्रीवास्तव बताते हैं, "बारिश से आज के समय में गेहूं की फसल में रतुआ नामक रोग लग सकता है, जिसको पीला-भूरा किट बोलते हैं, इसके बचाव के लिए मौसम खुलने पर प्रोटिकोनाजोल 2 एमएल प्रति लीटर की मात्रा से छिड़काव करें, जबकि दलहनी फसल मसूर, चना में रस चूसक रोग का प्रकोप बढ़ सकता है इसके बचाव के लिए किसान भाइयों को मौसम खुलने पर एनिडाक्लोक्रेट 1 एमएल प्रति लीटर के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं।"

डॉ. दया बताते हैं, "वहीं मटर की खेती में चुड्रिल आसिता नामक रोग लग सकता है, इसके बचाव के लिए भी मौसम खुलने पर 3 ग्राम सल्फर प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव कर सकते हैं, जबकि आलू की फसल में पत्तियों में झुलसा रोग लग सकता है, इससे बचाव के लिए किसान भाइयों को फ़ेना मोडोन इसके साथ मे मैक्रोजिन का 2 से ढाई ग्राम प्रतिलीटर का छिड़काव कर सकते हैं।"

Tags:
  • Wheat
  • vegetables
  • rain in uttar pradesh
  • rain