सूकर पालन से सलाना कर रहे लाखों की कमाई

Diti Bajpai | Jan 26, 2018, 11:01 IST
पशुपालन विभाग
लखनऊ। अमर सिंह पिछले पांच वर्षों से सूकर पालन करके लाखों की कमाई कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। सूकर पालन कम कीमत पर और कम समय में अधिक आय देने वाला व्यवसाय है।

उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले से करीब 25 किमी दूर गंगापुर कला गाँव में ढाई बीघा में अमर का सूकर फार्म बना हुआ है। अमर बताते हैं, “जब मैंने इस फार्म को शुरू किया था तक मेरे पास 15 सूकर थे और आज करीब 150 सूकर हैं। यह मांस के लिए जल्दी तैयार भी हो जाते हैं। एक साल में इनका वजन सवा कुंतल से ज्यादा होता है।

19वीं पशुधन गणना 2012 में देश में सूकरों की संख्या 10.29 मिलियन है। सूकर पालन में आने वाले खर्च के बारे में अमर बताते हैं, “एक सूकर पर पूरे साल में पांच हजार रुपए का खर्चा आता है और बाजार में 12 हजार रुपए में बिकता है। पिछले साल मैंने इस व्यवसाय से एक लाख 20 हजार की आमदनी हुई थी। इससे एक फायदा और भी है कि यह एक वर्ष में दो बार बच्चे पैदा करती है और एक बार में 6-12 बच्चों को जन्म देती है।”

अनिता सिंह ने सामाजिक बंदिशों को तोड़कर सूकर पालन व्यवसाय शुरू किया।

सूकर पालन को बढ़ावा देने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा सूकर प्रशिक्षण केंद्र में किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसके साथ ही सूकर पालन के लिए अनुदान भी दिया जाता है। सूकर पालन की खासियत बताते हुए अमर बताते हैं, “सूकर का मांस अत्यधिक पौष्टिक होता है उसमें वसा ज्यादा होता है और पानी की मात्रा कम होती है। इनकी डिमांड जितनी अन्य राज्यों में है उतनी ही अपने प्रदेश में है।”

अगर आप सूकर पालन शुरु करना चाहे तो इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं

टेलीफोन नंबर-0522-2741991-2741992 टोल फ्री नंबर- 18001805141



दैनिक आहार की मात्रा

  • ग्रोअर सूकर (वजन 12 से 25 किलो तक): प्रतिदिन शरीर वजन का छह फीसदी अथवा 1 से 1.5 किलो ग्राम दाना मिश्रण।
  • ग्रोअर सूकर (26 से 45 किलो तक): प्रतिदिन शरीर वजन का 4 फीसदी अथवा 1.5 से 2.0 किलो दाना मिश्रण।
  • फिनिशर पिग: 2.5 किलो दाना मिश्रण।
  • प्रजनन के लिए नर सूकर: 3.0 किलो।
  • गर्भवती सूकरी: 3.0 किलो।
  • दुधारु सूकरी: 3.0 किलो और दूध पीने वाले प्रति बच्चे 200 ग्राम की दर से अतिरिक्त दाना मिश्रण। अधिकतम 5.0 किलो।
  • दाना मिश्रण को सुबह और दोपहर में दो बराबर हिस्से में बांट कर खिलाएं।

सूकरों का आहार

सूकरों का आहार जन्म के एक पखवारे बाद शुरू हो जाता है। मां के दूध के साथ-साथ छौनों (पिगलेट) को सूखा ठोस आहार दिया जाता है, जिसे क्रिप राशन कहते हैं। दो महीने के बाद बढ़ते हुए सूकरों को ग्रोवर राशन और वयस्क सूकरों को फिनिशर राशन दिया जाता है और गर्भवती एवं दूध देती सूकरियों को भी फिनिशर राशन ही दिया जाता है। अलग-अलग किस्म के राशन को तैयार करने के लिए इन दाना मिश्रण का इस्तेमाल करना चाहिए।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Tags:
  • पशुपालन विभाग
  • रामपुर
  • सूकर पालन
  • दैनिक आहार
  • Finisher pig
  • फिनिशर राशन

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.