दूध न देने वाली गायों को बेकार न समझें, इनसे भी कर सकते हैं अच्छी कमाई

vineet bajpai | Feb 15, 2018, 15:18 IST

सागर/ नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)। बहुत से किसान उन गायों को छुट्टा छोड़ देते हैं जो गायें दूध देना बंद कर देती हैं। लेकिन शायद उनको ये पता नहीं है कि वो उन गायों से भी अच्छी कमाई कर सकते हैं जो गायें दूध नहीं देती।

आपने अक्सर सड़कों पर, खेतों में गायों को आवारा घूमते हुए देखा है, जिनकी वजह से ट्रैफिक भी प्रभावित होता है और कई बार इन जानवरों की वजह से एक्सीडेंट भी हो जाते हैं जिसमें लोगों की जान भी चली जाती हैं।

अब आप सोच रहे होंगे ये सब तो सही है लेकिन बिना दूध देने वाली गाय से कैसे लाखों कमा सकते हैं, तो आइये हम आपको एक ऐसे किसान से मिलवाते हैं जिनके पास 14 गायें हैं और वो उन गायों का सिर्फ दूध ही इस्तेमाल मे नहीं लेते बल्कि उनके गोबर और मूत्र को भी इस्तेमाल में ले रहे हैं और अच्छा खासा लाभ कमा रहे हैं।

जिला और ब्लॉक सागर के राजीवनगर तिली सागर गाँव के आकाश चौरसिया जो करीब सात वर्षों से पूरी तरह से जैविक खेती करते हैं, किसी भी रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करते हैं उसकी जगह पर गाय के गोबर से जैविक खाद बनाकर खेत में डालते हैं।

आकाश बताते हैं, ''हम गाय का दूध तो लेते ही हैं उसके अलावा गाय के गोबर से हम बायो गैस बनाते है, जिसका इस्तेमाल खाना पकाने में किया जाता है जिससे गैस के पैसे बचते हैं और उसके बाद उसकी स्येलरी से हम जैविक खाद बनाकर खेत में डालते हैं, जिससे हमे बाहर से खाद नहीं खरीदनी पड़ती है।''

वो आगे बताते है, ''इसे बाद गाय का जो मूत्र होता है उससे कीटनाशक तैयार करते हैं, उसका इस्तेमाल भी हम अपनी फसल में करते हैं, जिससे हमे बाज़ार से कुछ भी खरीदना नहीं पड़ता है और पैसे खर्च नहीं करने पड़ते हैं।''

आमतौर पर जब किसान रासायनिक खादों और कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं तो एक एकड़ में में करीब 7000 रुपए का खर्च आता है, लेकिन जब उसकी जगह पर गाय के गोबर और उसके मूत्र से बनी खाद का इस्तेमाल करते हैं तो इसकी बचत हो जाती है और खेती की लागत काफी कम हो जाती है।


इन सब चीजों के साथ-साथ आकाश अब गोबर गैस से लाइट बनाने की तैयारी भी कर रहे हैं।
इसके साथ ही सागर जिले से करीब 130 किमी दूर उत्तर दिशा में स्थित नरसिंहपुर जिले के करताज गाँव के किसान राकेश दुबे के पास तीन गायें हैं जिसके दम पर 40 एकड़ में जैविक खेती करते हैं। वो एक रुपए का भी रासायनिक खाद या कीटनाशक बाजार से खरीद कर नहीं लाते हैं। उसकी जगह पर गाय के गोबर और मूत्र का इस्तेमाल करते हैं।

राकेश बताते हैं, "बहुत से लोग उन गायों को बेकार समझ कर छोड़ देते हैं जो दूध नहीं देती, लेकिन किसान उन गायों के गोबर और मूत्र या इस्तेमाल करके हजारों रुपए की बचत कर सकते हैं।" वो बताते हैं कि इसका एक फायदा ये भी है कि आप जो भी अनाज पैदा करेंगे वो पूरी तरह से जैविक होगा और इससे बिमारियों का खतरा नहीं होता है। इसलिये जो किसान गायों को छोड़ देते हैं उनको चाहिए कि वे उन गायों को छोड़ने के बजाय उनके गोबर और मूत्र का इस्तेमाल करें और हजारों रुपए बचायें।



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