मध्य प्रदेश में कूड़े में क्यों फेंक दिए गए कई कुंतल अमरूद, हैरान करने वाली है वजह, देखिए वीडियो

गाँव कनेक्शन | Nov 20, 2020, 19:35 IST
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मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में सैकड़ों कैरेट अमरुद किसानों और व्यापारियों ने सड़क किनारे और कूड़े वाली गाड़ियों में फेंक दिए। इंदौर मंडी में अमरूद लेकर पहुंचे किसानों का कहना था कि रेट इतने कम मिल रहे हैं अगर इन्हें वापस लेकर गए तो गाड़ी का किराया तक नहीं निकलेगा इसलिए इन्हें फेंकना ही अच्छा है। सिर्फ किसानों ही नहीं, व्यापारियों ने भी खरीद के बावजूद माल नहीं बिकने पर उसे फेंक दिया।

मध्य प्रदेश में किसानों के व्हाट्सएप ग्रुप में अमरुद को सड़क किनारे फेंकते और कूड़े वाली गाड़ी में ताजे ताजे अमरूद फेंकते कई वीडियो शुक्रवार को पोस्ट किए गए। वीडियो में कई किसान और कारोबारी कह रहे हैं कि मंडी में पूरी कैरेट (20 किलो से ज्यादा) का रेट 40 से 50 और 100 रुपए तक मिल रहे है। जबकि पिछले साल यही अमरुद 250 से 500 रुपए कैरेट तक था। कई किसान कह रहे हैं कि कोरोना के चलते लोग ठंड वाले फल नहीं खा रहे हैं इसलिए रेट बहुत नीचे चले गए हैं।

मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले में गुढ़ा गांव के बागवान सुरेश पाटीदार के पास इस बार डेढ़ एकड़ अमरुद की बाग है, जिसमें पिंक ताइवान अमरुद लगे हैं। लेकिन कोई खरीददार नहीं मिल रहे हैं। सुरेश पाटीदार फोन पर गांव कनेक्शन को बताते हैं, " ये वीडियो आज मेरे पास भी आए हैं। भले ही ये इंदौर मंडी है का है लेकिन हालात सब जगह ऐसे हैं। पिछले साल हमने 15 रुपए किलो थोक में अमरुद बेचा था लेकिन इस बार कोई हमारा 5 रुपए किलो भी लेने को तैयार नहीं है। किसी तरह एक कारोबारी से 5 रुपए किलो में सौदा तय हुआ था लेकिन वो लेने नहीं आया। हमारा डेढ़ एकड़ में ही कम से कम एक लाख से ज्यादा का नुकसान हो जाएगा। पिछले साल इसी बाग से ढ़ाई लाख रुपए मिले थे।"

सुरेश पाटीदार आगे बताते हैं कि रेट कम होने की वजह अच्छी पैदावार के साथ ही कम खपत भी है। वो बताते हैं," कोरोना के चलते लोग अमरुद कम खा रहे हैं। अमरुद सर्दियों का फल है, लोग सिर्फ अमरुद ही नहीं पपीता भी कम खा रहे हैं। पिछले साल पपीते का थोक रेट 30-25 रुपए का था इस बार 8-9 रुपए का रेट मिल रहा है।"

पिछले करीब एक महीने से अमरुद की नई फसल मार्केट में आ रही है। व्यापारियों के मुताबिक शुरुआत में रेट ठीक रहे लेकिन जैसे जैसे सर्दियां आती गईं, रेट कम होते गए हैं।

मध्य प्रदेश में इंदौर से लेकर मंदसौर और नीमच तक फल का कारोबार करने वाले व्यापारी अमरुद का भाव पूछने पर कहते हैं, "अमरुद की हालत बहुत खराब है। बाजार में भाव ही नहीं मिल रहा है। फसल भी अच्छी हो गई है और लोग खा भी कम रहे हैं। गए साल (पिछले साल) नीचम में 5 रुपए किलो का भाव है जबकि पिछले साल 12 से 15 रुपए किलो का थोक में भाव था। पिछले साल की अपेक्षा इस बार एक चौथाई भी रेट नहीं है।'

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