कीमतों पर अंकुश के लिए 10 लाख टन गेहूं जारी करेगी सरकार
Sanjay Srivastava | Nov 03, 2016, 18:35 IST
नई दिल्ली (भाषा)। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि सरकार गेहूं की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए खुले बाजार में बिक्री के लिए बफर स्टॉक से 10 लाख टन गेहूं जारी करेगी।
मंत्री ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में अभी तक 12 लाख टन गेहूं का आयात किया गया है जो बाजार में गेहूं के पर्याप्त स्टॉक की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निजी आयात चालू वित्तवर्ष में 30 लाख टन का हो सकता है। उन्होंने गेहूं के आयात शुल्क में आगे और कटौती की किसी संभावना अथवा सरकार द्वारा अपनी ओर से गेहूं के आयात किए जाने की संभावना से इनकार किया। दशहरा और दीवाली के दौरान घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए 23 सितंबर को गेहूं पर आयात शुल्क को 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया था।
रामविलास पासवान खाद्य मंत्री
गेहूं की कीमतों में तेजी का रुख है और दिल्ली के थोक बाजार में इसकी दरों में करीब 250 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आई है। दलहनों और गेहूं की कीमतों में तेजी के बारे में पूछने पर पासवान ने कहा कि केंद्र के पास दलहनों और गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है तथा उन्होंने आवश्यक खाद्य जिंसों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकारों को अधिक कुछ नहीं करने के लिए दोषी ठहराया।
पासवान ने कहा, हमने अपने बफर स्टॉक से राज्यों को 40,000 टन दलहन का आवंटन किया है लेकिन उन्होंने केवल 20,000 टन का ही उठान किया है। उन्होंने कहा कि कीमतों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी से राज्य सरकारें भाग नहीं सकतीं।
उन्होंने कहा कि दलहनों को दलने के लिए राज्यों को आधारभूत ढांचा तैयार करना चाहिए। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार के विभिन्न उपायों को रेखांकित करते हुए पासवान ने कहा, सरकार कीमतों को नियंत्रित करने में सक्षम है। दलहनों को छोड़कर खाद्य जिंसों की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है।
बाद में खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मौजूदा सीमाशुल्क स्तर पर गेहूं का आयात सस्ता बैठता है और इसमें आगे और कमी करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
कृषि मंत्रालय के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2015-16 (जुलाई से जून) में बढ़कर 9.35 करोड़ टन हो गया जो पिछले साल आठ करोड 65.3 लाख टन था। हालांकि उद्योग जगत ने वर्ष 2015-16 में गेहूं उत्पादन कम यानी 8.5 करोड़ टन से 8.6 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया है।
मंत्री ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में अभी तक 12 लाख टन गेहूं का आयात किया गया है जो बाजार में गेहूं के पर्याप्त स्टॉक की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निजी आयात चालू वित्तवर्ष में 30 लाख टन का हो सकता है। उन्होंने गेहूं के आयात शुल्क में आगे और कटौती की किसी संभावना अथवा सरकार द्वारा अपनी ओर से गेहूं के आयात किए जाने की संभावना से इनकार किया। दशहरा और दीवाली के दौरान घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए 23 सितंबर को गेहूं पर आयात शुल्क को 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया था।
हमने खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत करीब 30 लाख टन गेहूं जारी किया। हमने अपने भंडार से ओएमएसएस के तहत 10 लाख टन गेहूं और जारी करने का फैसला किया है।
केंद्र के पास दलहनों और गेहूं का पर्याप्त स्टॉक
राज्यों ने अभी तक 20,000 टन दलहन का उठान किया
उन्होंने कहा कि दलहनों को दलने के लिए राज्यों को आधारभूत ढांचा तैयार करना चाहिए। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार के विभिन्न उपायों को रेखांकित करते हुए पासवान ने कहा, सरकार कीमतों को नियंत्रित करने में सक्षम है। दलहनों को छोड़कर खाद्य जिंसों की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है।
बाद में खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मौजूदा सीमाशुल्क स्तर पर गेहूं का आयात सस्ता बैठता है और इसमें आगे और कमी करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
कृषि मंत्रालय के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2015-16 (जुलाई से जून) में बढ़कर 9.35 करोड़ टन हो गया जो पिछले साल आठ करोड 65.3 लाख टन था। हालांकि उद्योग जगत ने वर्ष 2015-16 में गेहूं उत्पादन कम यानी 8.5 करोड़ टन से 8.6 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया है।