आलू की कीमतों में तेजी, खरबूजा किसानों की बल्ले-बल्ले, 5000 रुपए क्विंटल का मिल रहा रेट

Arvind Shukla | Apr 11, 2018, 10:37 IST

लखनऊ। आम लोगों के लिए एक अच्छी ख़बर और एक झटके वाली ख़बर है। अच्छी ख़बर है कि गर्मियों की शुरुआत में हरी पत्ते वाली सब्जियां सस्ती हैं। जबकि आलू की कीमतों मे तेजी बनी हुई है। लखनऊ मंडी के कारोबारियों के मुताबिक किसान अब आलू कोल्ड स्टोर पहुंचा चुका है और तसल्ली से बेच रहा है इसलिए आलू का रेट महंगा है। खरबूजा उगाने वाले किसानों की बल्ले-बल्ले है।

सोमवार को उत्तर प्रदेश की लखनऊ मंडी में आलू का थोक का रेट 1000 से 1200 रुपए प्रति क्विंटल रहा। लखनऊ की नवीन गल्ला मंडी में आलू के आढ़ती मोईन अली कहते हैं, “ अच्छा आलू (चिप्सोना और 3797 किस्म समेत कई) 1100 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास है, जबकि इन दिनों आलू मंडी में कम आ रहा है। इसकी जो वजह है एक तो हरी सब्जियां सस्ती हैं, दूसरा किसान और ज्यादा रेट के इंतजार में तुरंत स्टोर से आलू निकाल नहीं रहा।’

लखनऊ की बात करें तो गोमती नगर और अलीगढ़ जैसे इलाकों में फुटकर में आलू (ठेलो और दुकानों पर) 20 रुपए किलो तक बिका रहा है। जबकि इसी में थोड़ा छोटा और दूसरे दर्जे का आलू 20 रुपए का सवा किलो है।

आलू की कीमतों में फिलहाल तेजी। फोटो- अरविंद शुक्ला मंडी के थोकभाव में प्याज के दाम लुढ़के हुए हैं। मंडी में आम कारोबारियों के लिए प्याज 50 से 70 रुपए का पांच किलो बिक रहा है। अदरक 30 से 40 रुपए किलो, चुकंदर 30 से 45 रुपए का पांच किलो, पालक 10 रुपए की ढाई किलो, भिंड़ी 150 रुपए की पांच किलो बिक रही हैं। आवक बढ़ने के साथ ही खीरे की कीमतों में काफी गिरावट देखने को मिल रही है। खीरा 1 रुपया प्रति पीस तक पहुंच गया है।

सफेद खरबूजे से आधी कीमत पर बिका देसी खरबूजा।

खरबूजे के किसान कमा रहे मुनाफा

इन दिनों में मंडियों में सफेद खरबूजा सबसे महंगा बिक रहा है। ताईवानी या बंदायू से आने वाले खरबूजा सोमवार को 50 रुपए किलो बिका। जबकि देसी खरबूजा 25 रुपए प्रति किलो पर रहा। सीजनल फलों के आढ़ती गुडड् सिंह बताते हैं, अभी खरबूजा काफी महंगा है, जिन किसानों ने अगैती खरबूजा लगाया था वो उन्हें अच्छा रेट मिल रहा है। अभी कुछ दिन महंगाई रह सकती है। गर्मी बढ़ने पर आवक बढ़ने पर रेट कम भी हो सकते हैं।”

यूपी में जब आलू की खुदाई शुरु हुई थी फरवरी में तो शुरुआती कीमतें 4 रुपए प्रति किलो के आसपास थीं, लेकिन वक्त के साथ कीमतें लगातार बढ़ीं। होली के दूसरे हफ्ते में कीमतें 1400 रुपए प्रति क्विंटल तक भी पहुंच गई थीं। यूपी ही नहीं मध्य प्रदेश में भी आलू की कीमतों में तेजी देखी गई थी।

अगैती खरबूजा किसानों को फायदा पिछले दिनों गांव कनेक्शन से बात करते हुए बाराबंकी के डीएचओ जय करण सिंह ने यूपी में आलू की कीमतों पर सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य का दबाव भी बताया था। पिछले वर्ष हुई आलू की दुर्गति के बाद योगी सरकार आलू की सरकारी खरीद शुरु थी, इस बार उसका रेट 549 रुपए प्रति क्विटंल तय किया था। हालांकि खुदाई शुरु होने के बाद लगातार ऊपर ही रहे हैं। देश में पिछले वर्ष मार्च अप्रैल आलू की कीमतें 20 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थीं।

बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक सरकारी अनुमान के मुताबिक वर्ष 2017-18 में करीब 493 लाख टन आलू पैदा होने का अनुमान है, जो वर्ष 2016-17 के 486 लाख टन उत्पादन से करीब 2 फीसदी अधिक है।

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