तमिलनाडु मुख्यमंत्री पलानीसामी ने पेश किया विश्वास प्रस्ताव, विपक्ष का हंगामा, विधानसभा अध्यक्ष सदन से बाहर गए
Sanjay Srivastava | Feb 18, 2017, 14:37 IST
चेन्नई (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीसामी ने शनिवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। पलानीसामी के विश्वास प्रस्ताव पेश करते ही सदन में गर्मागर्म बहस शुरू हो गई। तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल मार्शल के साथ सदन से बाहर चले गए। जिस वजह से तमिलनाडु विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही बाधित हो गई। सदन की कार्यवाही अपराह्न् तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विपक्ष के नेता एम.के. स्टालिन ने विधानसभा अध्यक्ष से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के विधायक एस. सेम्मालाई को बोलने की अनुमति देने के लिए कहा। सेम्मालाई एआईएडीएमके में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम खेमे के विधायक हैं।
सेम्मालाई को एआईएडीएमके प्रेजिडियम चैयरमैन ई. मधुसूदनन ने मुख्य सचेतक नियुक्त किया था। वह खुद भी पन्नीरसेल्वम गुट के नेता हैं। विपक्षी डीएमके, कांग्रेस तथा पन्नीरसेल्वम गुट गुप्त मतदान की मांग कर रहे हैं।
दो दिन पहले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले पलानीसामी को राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था लेकिन उन्होंने आज ही अपना बहुमत साबित करने का विकल्प चुना। कोयंबटूर उत्तर के विधायक अरुण कुमार की ओर से मतदान में अनुपस्थित रहने की घोषणा किए जाने पर विद्रोही ओ पनीरसेल्वम खेमे को बल मिला था। इससे पहले मेलापोर के विधायक और पूर्व डीजीपी आर नटराज ने सरकार के खिलाफ मतदान का फैसला किया था।
इन दोनों के फैसले के बाद पलानीसामी खेमे के पास अब एक रिक्ति वाले 234 सदस्यीय सदन में 122 विधायक रह गए हैं। द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि खराब स्वास्थ्य के चलते सदन में मौजूद नहीं थे। वहीं, पनीरसेल्वम के खेमे ने सेम्मलई को विधानसभा में पार्टी का सचेतक नियुक्त किया है और इस संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेज दिया है।
तमिलनाडु विधानसभा में शनिवार को शक्ति परीक्षण के दौरान भारी शोर-शराबे और अराजकता की स्थिति के मद्देनजर सदन के अध्यक्ष पी. धनपल ने विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के विधायकों को सदन से बाहर भेज दिया और सदन की कार्यवाही अपराह्न् तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी। उन्होंने द्रमुक विधायकों को सदन से बाहर भेजने का आदेश सदन की कार्यवाही संक्षिप्त स्थगनादेश के बाद फिर शुरू होने के बाद दी।
विपक्षी दल मुख्यमंत्री ई.के. पलनीस्वामी की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान की मांग कर रहे हैं।
विपक्ष के नेता एम.के. स्टालिन ने विधानसभा अध्यक्ष से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के विधायक एस. सेम्मालाई को बोलने की अनुमति देने के लिए कहा। सेम्मालाई एआईएडीएमके में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम खेमे के विधायक हैं।
सेम्मालाई को एआईएडीएमके प्रेजिडियम चैयरमैन ई. मधुसूदनन ने मुख्य सचेतक नियुक्त किया था। वह खुद भी पन्नीरसेल्वम गुट के नेता हैं। विपक्षी डीएमके, कांग्रेस तथा पन्नीरसेल्वम गुट गुप्त मतदान की मांग कर रहे हैं।
दो दिन पहले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले पलानीसामी को राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था लेकिन उन्होंने आज ही अपना बहुमत साबित करने का विकल्प चुना। कोयंबटूर उत्तर के विधायक अरुण कुमार की ओर से मतदान में अनुपस्थित रहने की घोषणा किए जाने पर विद्रोही ओ पनीरसेल्वम खेमे को बल मिला था। इससे पहले मेलापोर के विधायक और पूर्व डीजीपी आर नटराज ने सरकार के खिलाफ मतदान का फैसला किया था।
इन दोनों के फैसले के बाद पलानीसामी खेमे के पास अब एक रिक्ति वाले 234 सदस्यीय सदन में 122 विधायक रह गए हैं। द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि खराब स्वास्थ्य के चलते सदन में मौजूद नहीं थे। वहीं, पनीरसेल्वम के खेमे ने सेम्मलई को विधानसभा में पार्टी का सचेतक नियुक्त किया है और इस संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेज दिया है।
तमिलनाडु विधानसभा की कार्यवाही अपराह्न् 3 बजे तक स्थगित
विपक्षी दल मुख्यमंत्री ई.के. पलनीस्वामी की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान की मांग कर रहे हैं।