सड़क दुर्घटना में भाई की मौत के बाद युवा ग्राम प्रधान अपने गाँव में बाँटते हैं हेलमेट
सड़क दुर्घटना में भाई की मौत के बाद युवा ग्राम प्रधान अपने गाँव में बाँटते हैं हेलमेट

By Ramji Mishra

भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हर घंटे 19 लोग अपनी जान गँवा देते हैं। ऐसे ही एक हादसे में ग्राम प्रधान अभय प्रताप सिंह ने अपने भाई को खो दिया, जिसके बाद उन्होंने हेलमेट पहनने के बारे में जागरूकता अभियान शुरू किया; अब वो न सिर्फ हेलमेट पहनने के लिए सभी को प्रेरित करते हैं बल्कि गाँवों में बाँटते भी हैं।

भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हर घंटे 19 लोग अपनी जान गँवा देते हैं। ऐसे ही एक हादसे में ग्राम प्रधान अभय प्रताप सिंह ने अपने भाई को खो दिया, जिसके बाद उन्होंने हेलमेट पहनने के बारे में जागरूकता अभियान शुरू किया; अब वो न सिर्फ हेलमेट पहनने के लिए सभी को प्रेरित करते हैं बल्कि गाँवों में बाँटते भी हैं।

महिलाओं की सामाजिक आजादी के लिए एक स्वतंत्रता सेनानी ने गांव में खोला था कन्या गुरुकुल
महिलाओं की सामाजिक आजादी के लिए एक स्वतंत्रता सेनानी ने गांव में खोला था कन्या गुरुकुल

By Ramji Mishra

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के एक छोटे से गाँव रुद्रपुर में एक स्वतंत्रता सेनानी द्वारा स्थापित किये गए कन्या गुरुकुल में आज भी कई बालिकाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव शास्त्री ने वर्ष 1983 में महिलाओं की सामाजिक आजादी के लिए इस कन्या गुरुकुल की स्थापना की थी।

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के एक छोटे से गाँव रुद्रपुर में एक स्वतंत्रता सेनानी द्वारा स्थापित किये गए कन्या गुरुकुल में आज भी कई बालिकाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव शास्त्री ने वर्ष 1983 में महिलाओं की सामाजिक आजादी के लिए इस कन्या गुरुकुल की स्थापना की थी।

मंदिरों वाला गाँव : यूपी के इस गाँव में हैं 35 मंदिर, सुबह-शाम गूंजती है घंटों की आवाज
मंदिरों वाला गाँव : यूपी के इस गाँव में हैं 35 मंदिर, सुबह-शाम गूंजती है घंटों की आवाज

By Ramji Mishra

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के गाँव ब्रम्हावली में 35 स्थापित मंदिर हैं। ख़ास बात यह है कि इस गाँव के लोगों ने न सिर्फ अपने गाँव में मंदिर बनवाए हैं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी कई मंदिर बनाने में अपना योगदान दिया है।

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के गाँव ब्रम्हावली में 35 स्थापित मंदिर हैं। ख़ास बात यह है कि इस गाँव के लोगों ने न सिर्फ अपने गाँव में मंदिर बनवाए हैं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी कई मंदिर बनाने में अपना योगदान दिया है।

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ती गर्मी और गिरते भूजल स्तर के साथ, उत्तर प्रदेश में सिंचाई को लेकर हो रहे हैं हिंसक संघर्ष
ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ती गर्मी और गिरते भूजल स्तर के साथ, उत्तर प्रदेश में सिंचाई को लेकर हो रहे हैं हिंसक संघर्ष

By Ramji Mishra

उत्तर प्रदेश में 74,660 किलोमीटर लंबा नहर सिंचाई नेटवर्क है और इसमें रजबहा और छोटी नहरें शामिल हैं। लेकिन फिर भी लगभग 78% सिंचाई की जरूरत भूजल से पूरी होती है, जिससे भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। सिंचाई को लेकर अक्सर विवाद होते रहते हैं जोकि हिंसक होते जा रहे हैं और पिछले हफ्ते ऐसी ही एक झड़प में एक किसान की मौत हो गई।

उत्तर प्रदेश में 74,660 किलोमीटर लंबा नहर सिंचाई नेटवर्क है और इसमें रजबहा और छोटी नहरें शामिल हैं। लेकिन फिर भी लगभग 78% सिंचाई की जरूरत भूजल से पूरी होती है, जिससे भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। सिंचाई को लेकर अक्सर विवाद होते रहते हैं जोकि हिंसक होते जा रहे हैं और पिछले हफ्ते ऐसी ही एक झड़प में एक किसान की मौत हो गई।

उत्तर प्रदेश: 2018 में सेवा समाप्त होने के बाद भी 94 हजार शिक्षा प्रेरकों का 30-40 महीने का बकाया मानदेय कौन दिलाएगा?
उत्तर प्रदेश: 2018 में सेवा समाप्त होने के बाद भी 94 हजार शिक्षा प्रेरकों का 30-40 महीने का बकाया मानदेय कौन दिलाएगा?

By Ramji Mishra

साक्षर भारत मिशन के तहत नियुक्त किए गए शिक्षा प्रेरकों को मात्र 2000 रुपए महीने का मानदेय मिलता था। मार्च 2018 में अचानक उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। उस दौरान प्रदेश के 94000 से ज्यादा प्रेरकों में किसी का 30 महीने से मानदेय बकाया था किसी का 40 महीने से। कई वर्षों से संघर्ष कर रहे प्रेरकों ने अब चुनावी महौल में फिर अपनी आवाज़ बुलंद की है।

साक्षर भारत मिशन के तहत नियुक्त किए गए शिक्षा प्रेरकों को मात्र 2000 रुपए महीने का मानदेय मिलता था। मार्च 2018 में अचानक उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। उस दौरान प्रदेश के 94000 से ज्यादा प्रेरकों में किसी का 30 महीने से मानदेय बकाया था किसी का 40 महीने से। कई वर्षों से संघर्ष कर रहे प्रेरकों ने अब चुनावी महौल में फिर अपनी आवाज़ बुलंद की है।

निःस्वार्थ भाव से घायल पशुओं की सेवा और मृत पशुओं की समाधि बनाने वाले भगत राम
निःस्वार्थ भाव से घायल पशुओं की सेवा और मृत पशुओं की समाधि बनाने वाले भगत राम

By Ramji Mishra

रमेश जायसवाल के घर की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं है लेकिन उनका हौंसला उन्हे हर रोज सड़कों पर भेजता है ताकि वह असहाय पशुओं की मदद कर सकें।

रमेश जायसवाल के घर की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं है लेकिन उनका हौंसला उन्हे हर रोज सड़कों पर भेजता है ताकि वह असहाय पशुओं की मदद कर सकें।

इशरत जहां की कहानी मौसम की मार से पीड़ित हर एक किसान के दर्द की कहानी है
इशरत जहां की कहानी मौसम की मार से पीड़ित हर एक किसान के दर्द की कहानी है

By Ramji Mishra

उनका धान पक चुका था और किसानों ने उसकी कटाई के बाद उसे अपने खेतों में बड़े करीने से व्यवस्थित बंडलों में रख दिया था। उन्हें उम्मीद थी कि सूरज की रोशनी उनकी फसल में बची थोड़ी नमी को खत्म कर देगी। लेकिन पिछले तीन दिनों में हुई भारी बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है और वे कर्ज में दब गए हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट

उनका धान पक चुका था और किसानों ने उसकी कटाई के बाद उसे अपने खेतों में बड़े करीने से व्यवस्थित बंडलों में रख दिया था। उन्हें उम्मीद थी कि सूरज की रोशनी उनकी फसल में बची थोड़ी नमी को खत्म कर देगी। लेकिन पिछले तीन दिनों में हुई भारी बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है और वे कर्ज में दब गए हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश: भारी बारिश से रामपुर जिले में बर्बाद हो गई उड़द की फसल
उत्तर प्रदेश: भारी बारिश से रामपुर जिले में बर्बाद हो गई उड़द की फसल

By Ramji Mishra

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में उड़द की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है, क्योंकि यहां पर बारिश और बाढ़ से फसल बर्बाद हो गई है।

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में उड़द की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है, क्योंकि यहां पर बारिश और बाढ़ से फसल बर्बाद हो गई है।

गन्ने की फसल न बिकने पर शुरू किया सिरका बनाना, आज हो रही बढ़िया कमाई
गन्ने की फसल न बिकने पर शुरू किया सिरका बनाना, आज हो रही बढ़िया कमाई

By Ramji Mishra

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में तीन साल पहले इनका गन्ना नहीं बिका, ऐसे में गन्ने का रस निकालकर उन्होंने सिरका बनाना शुरू कर दिया। आज उनका सिरका बनाने का व्यवसाय बढ़िया चलने लगा है।

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में तीन साल पहले इनका गन्ना नहीं बिका, ऐसे में गन्ने का रस निकालकर उन्होंने सिरका बनाना शुरू कर दिया। आज उनका सिरका बनाने का व्यवसाय बढ़िया चलने लगा है।

खेत की मिट्टी की सेहत के लिए वरदान है नाडेप कंपोस्ट,  आसान है इसे तैयार करने का तरीका
खेत की मिट्टी की सेहत के लिए वरदान है नाडेप कंपोस्ट, आसान है इसे तैयार करने का तरीका

By Ramji Mishra

जिस तरह से वैज्ञानिक किसानों को रासायनिक खाद और कीटनाशकों से दूरी बनाने की सलाह दे रहे हैं, ऐसे में किसानों के मन में सवाल आता है कि अगर रासायनिक उर्वरक नहीं तो फिर क्या? कृषि विज्ञान केन्द्र, शाहजहाँपुर के वैज्ञानिक नरेंद्र प्रसाद आज ऐसी ही एक खाद के बारे में बता रहे हैं।

जिस तरह से वैज्ञानिक किसानों को रासायनिक खाद और कीटनाशकों से दूरी बनाने की सलाह दे रहे हैं, ऐसे में किसानों के मन में सवाल आता है कि अगर रासायनिक उर्वरक नहीं तो फिर क्या? कृषि विज्ञान केन्द्र, शाहजहाँपुर के वैज्ञानिक नरेंद्र प्रसाद आज ऐसी ही एक खाद के बारे में बता रहे हैं।

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