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400 फीट तक उड़ान भरने वाले ड्रोन के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का 90 प्रतिशत हिस्सा ग्रीन जोन के रूप में खुला

देश में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग और उसे उड़ाने को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने कुछ नए नियम बनाए हैं।
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अगर आप ड्रोन उड़ाते हैं तो अब आपको कुछ बातों को उसे उड़ाने से पहले जानना ज़रूरी है।

नियमों के अनुसार अब ग्रीन जोन में 400 फुट तक और हवाई अड्डे की परिधि से आठ से बारह किलोमीटर के बीच के क्षेत्र में 200 फुट तक उड़ान के लिए इजाज़त की ज़रूरत नहीं होगी।

‘ग्रीन ज़ोन’ का मतलब 400 फुट की ऊर्ध्वाधर दूरी तक का हवाई क्षेत्र है जिसे हवाई क्षेत्र के नक्शे में रेड ज़ोन या येलो जोन के रूप में नामित नहीं किया गया है

यही नहीं, अब रिमोट पायलट सर्टिफिकेट के लिए आपको दौड़ भाग नहीं करनी पड़ेगी। डीजीसीए-अधिकृत रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (आरपीटीओ) से ही आपको सर्टिफिकेट मिल जाएगा जो ड्रोन उड़ाने वाले रिमोट पायलट के लिए मान्य है।

ख़ास बात ये है कि अब आप रिमोट पायलट सर्टिफिकेट (आरपीसी) लेने के लिए भारतीय पासपोर्ट न होने पर सरकार की तरफ से जारी पहचान-पत्र की कॉपी भी दे सकते हैं। इसमें मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पते का प्रमाण भी आरपीसी जारी करने के लिए मान्य है।

नागरिक नागर विमानन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि सरकार ने ड्रोन पायलट लाइसेंस की ज़रूरत को ख़त्म करते हुए ड्रोन (संशोधन) नियम, 2022 को 11 फरवरी 2022 को अधिसूचित कर दिया है।

ड्रोन के हस्तांतरण और पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) को रद्द करने के लिए प्रक्रिया आसान कर दी गई है। नियमों में कहा गया है कि माइक्रो ड्रोन (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए) और नैनो ड्रोन के लिए किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।

पिछले साल यानी 1 फरवरी 2022 को ही केंद्रीय बजट के हिस्से के रूप में ड्रोन स्टार्ट-अप का समर्थन करने और ड्रोन को सर्विस के रूप में (डीआरएएएस) बढ़ावा देने के लिए मिशन ‘ड्रोन शक्ति’ की घोषणा की गई है।

जनरल वीके सिंह के मुताबिक ड्रोन आयात नीति को भी अधिसूचित किया गया है, जिसमें विदेशी ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध है और ड्रोन के आयात को मुक्त कर दिया गया है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा कृषि ड्रोन की खरीद के लिए मौद्रिक अनुदान कार्यक्रम की घोषणा पहले ही की जा चुकी है जिससे ज़्यादा से ज़्यादा किसान भाइयों को इसका लाभ मिल सके।

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