बिहार चुनाव 2025: अलीनगर और मोकामा सीटों पर कड़ा मुकाबला, रुझानों में बढ़त किसकी?
Gaon Connection | Nov 14, 2025, 13:51 IST
अलीनगर और मोकामा- बिहार चुनाव 2025 की दो सबसे चर्चित सीटों पर रुझानों ने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है। अलीनगर में बीजेपी उम्मीदवार और लोकप्रिय गायिका मैथिली ठाकुर लगातार बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि मोकामा में गिरफ्तारी के बावजूद अनंत सिंह फिर आगे चल रहे हैं।
मैथिली ठाकुर दरभंगा की अलीनगर सीट पर लगातार बढ़त बनाए हुए हैं। यहां आरजेडी उम्मीदवार बिनोद मिश्र दूसरे नंबर पर हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझान सामने आने लगे हैं। इस बार कई सीटें ऐसी हैं जिन पर पूरे राज्य की नजर टिकी हुई है, और उनमें अलीनगर और मोकामा सबसे चर्चित सीटों में शामिल हैं।
अलीनगर: मैथिली ठाकुर की बढ़त
दरभंगा के अलीनगर में बीजेपी ने लोकप्रिय गायिका मैथिली ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। शुरुआती रुझानों में वे लगातार आगे चल रही हैं।
दूसरे स्थान पर आरजेडी के बिनोद मिश्र हैं, लेकिन मैथिली ठाकुर की बढ़त स्थिर बनी हुई है।
उनकी लोकप्रियता, सोशल मीडिया जुड़ाव और स्थानीय युवाओं का समर्थन इस बढ़त के प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।
रुझानों के बाद समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए मैथिली ठाकुर ने कहा, "बहुत अच्छा लग रहा है. जिस दिन से मैंने राजनीति में क़दम रखा है उस दिन से ही मन में कोई संशय आया ही नहीं।"
उन्होंने कहा, "मुझे अपने क्षेत्र के लोगों का बहुत प्यार मिला. मैं अब अगले पांच साल के लिए भी बिल्कुल रेडी हूँ।"
मोकामा: फिर चर्चा में अनंत सिंह
मोकामा सीट हमेशा से सुर्खियों में रहती है और इस बार भी वजहें कम नहीं हैं।
जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह इस बार भी मैदान में हैं। मतदान से ठीक पहले उन्हें एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह हत्या जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थक दुलारचंद यादव की थी, जिसमें अनंत सिंह मुख्य आरोपी बनाए गए।
इसके बावजूद रुझानों में अनंत सिंह आगे चल रहे हैं। दूसरे नंबर पर RJD की उम्मीदवार वीणा देवी हैं, जो इलाके के बाहुबली नेता सूरजभान सिंह की पत्नी हैं।
मोकामा की पुरानी सियासी जंग
मोकामा की राजनीति हमेशा से बाहुबली नेताओं के इर्द-गिर्द घूमती रही है।
अनंत सिंह (58 वर्ष) का परिवार पिछले 35 सालों से इस क्षेत्र में दबदबा बनाए हुए है।
साल 2000 में सूरजभान सिंह ने इस दबदबे को तोड़ा था, जब उन्होंने अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को हराया था।
दिलीप सिंह कभी सूरजभान सिंह के करीबी थे, लेकिन 2000 के बाद राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल गए।
दिलीप सिंह राबड़ी देवी सरकार में मंत्री भी रहे और 1990 व 1995 में मोकामा से विधायक बने।
साल 2005 के बाद से अनंत सिंह लगातार मोकामा से जीतते आए हैं, कभी जेडीयू से, कभी आरजेडी से, और कभी निर्दलीय। लेकिन उन्हें हराना अभी तक किसी पार्टी या उम्मीदवार के लिए आसान नहीं रहा है।
इस बार मोकामा में सुरक्षा व्यवस्था, बाहुबल, पारिवारिक दबदबा और स्थानीय समीकरण, ये सभी मुद्दे एक बार फिर चुनाव की दिशा तय करते दिखाई दे रहे हैं। अलीनगर में पहली बार ऐसी स्थिति दिख रही है कि एक सांस्कृतिक चेहरा (मैथिली ठाकुर) राजनीतिक मैदान में उतरकर मजबूत चुनौती दे रहा है। दोनों सीटों के परिणाम बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण संदेश दे सकते हैं—एक तरफ नई पीढ़ी की एंट्री, दूसरी तरफ पुराने सियासी किलों की मजबूती का इम्तिहान।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझान सामने आने लगे हैं। इस बार कई सीटें ऐसी हैं जिन पर पूरे राज्य की नजर टिकी हुई है, और उनमें अलीनगर और मोकामा सबसे चर्चित सीटों में शामिल हैं।
अलीनगर: मैथिली ठाकुर की बढ़त
दरभंगा के अलीनगर में बीजेपी ने लोकप्रिय गायिका मैथिली ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। शुरुआती रुझानों में वे लगातार आगे चल रही हैं।
दूसरे स्थान पर आरजेडी के बिनोद मिश्र हैं, लेकिन मैथिली ठाकुर की बढ़त स्थिर बनी हुई है।
उनकी लोकप्रियता, सोशल मीडिया जुड़ाव और स्थानीय युवाओं का समर्थन इस बढ़त के प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।
रुझानों के बाद समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए मैथिली ठाकुर ने कहा, "बहुत अच्छा लग रहा है. जिस दिन से मैंने राजनीति में क़दम रखा है उस दिन से ही मन में कोई संशय आया ही नहीं।"
उन्होंने कहा, "मुझे अपने क्षेत्र के लोगों का बहुत प्यार मिला. मैं अब अगले पांच साल के लिए भी बिल्कुल रेडी हूँ।"
मोकामा: फिर चर्चा में अनंत सिंह
मोकामा सीट हमेशा से सुर्खियों में रहती है और इस बार भी वजहें कम नहीं हैं।
जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह इस बार भी मैदान में हैं। मतदान से ठीक पहले उन्हें एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह हत्या जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थक दुलारचंद यादव की थी, जिसमें अनंत सिंह मुख्य आरोपी बनाए गए।
इसके बावजूद रुझानों में अनंत सिंह आगे चल रहे हैं। दूसरे नंबर पर RJD की उम्मीदवार वीणा देवी हैं, जो इलाके के बाहुबली नेता सूरजभान सिंह की पत्नी हैं।
मोकामा की पुरानी सियासी जंग
मोकामा की राजनीति हमेशा से बाहुबली नेताओं के इर्द-गिर्द घूमती रही है।
अनंत सिंह (58 वर्ष) का परिवार पिछले 35 सालों से इस क्षेत्र में दबदबा बनाए हुए है।
साल 2000 में सूरजभान सिंह ने इस दबदबे को तोड़ा था, जब उन्होंने अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को हराया था।
दिलीप सिंह कभी सूरजभान सिंह के करीबी थे, लेकिन 2000 के बाद राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल गए।
दिलीप सिंह राबड़ी देवी सरकार में मंत्री भी रहे और 1990 व 1995 में मोकामा से विधायक बने।
साल 2005 के बाद से अनंत सिंह लगातार मोकामा से जीतते आए हैं, कभी जेडीयू से, कभी आरजेडी से, और कभी निर्दलीय। लेकिन उन्हें हराना अभी तक किसी पार्टी या उम्मीदवार के लिए आसान नहीं रहा है।
इस बार मोकामा में सुरक्षा व्यवस्था, बाहुबल, पारिवारिक दबदबा और स्थानीय समीकरण, ये सभी मुद्दे एक बार फिर चुनाव की दिशा तय करते दिखाई दे रहे हैं। अलीनगर में पहली बार ऐसी स्थिति दिख रही है कि एक सांस्कृतिक चेहरा (मैथिली ठाकुर) राजनीतिक मैदान में उतरकर मजबूत चुनौती दे रहा है। दोनों सीटों के परिणाम बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण संदेश दे सकते हैं—एक तरफ नई पीढ़ी की एंट्री, दूसरी तरफ पुराने सियासी किलों की मजबूती का इम्तिहान।