उन्नाव गैंगरेप: सीबीआई तय करेगी विधायक की गिरफ्तारी होगी या नहीं
Mohit Asthana | Apr 12, 2018, 10:34 IST
उन्नाव गैंगरेप मामले में योगी सरकार ने सीबीआई जांच का फैसला लिया है। मामले में उन्नाव के बांगरमऊ विधायक का नाम रेप के आरोपी के रूप में आ रहा है। विधायक के खिलाफ अपहरण, बलात्कार आईपीसी की धारा 363,366,376,506 और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसआईटी की शुरूआती रिपोर्ट में कुलदीप सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्णय लिया गया है। आपको बतादें कि 260 दिन बाद विधायक पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमा पीड़िता की मां की तहरीर पर उन्नाव के माखी थाने में दर्ज हुआ। कुलदीप के साथ शशि सिंह भी नामजद है। पीड़िता की मां की तहरीर में दो लोगों पर रेप का नामजद मुकदमा दर्ज।
जहां तक गिरफ्तारी की बात है तो डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है। अब सीबीआई अपनी जांच और विवेचना के बाद तय करेगी कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी हो या नहीं।
363
अपहरण के लिए
366
विवाह आदि के करने को विवश करने के लिए किसी स्त्री को व्यपहृत करना
376
बलात्कार के लिए
506
अपराधिक धमकी के लिए
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एसआईटी की शुरूआती रिपोर्ट में कुलदीप सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्णय लिया गया है। आपको बतादें कि 260 दिन बाद विधायक पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमा पीड़िता की मां की तहरीर पर उन्नाव के माखी थाने में दर्ज हुआ। कुलदीप के साथ शशि सिंह भी नामजद है। पीड़िता की मां की तहरीर में दो लोगों पर रेप का नामजद मुकदमा दर्ज।
जहां तक गिरफ्तारी की बात है तो डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है। अब सीबीआई अपनी जांच और विवेचना के बाद तय करेगी कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी हो या नहीं।
वहीं उन्नाव जिलाधिकारी द्वारा दी गई रिपोर्ट में जिला अस्पताल की लापरवाही भी सामने आई है ।जिसके बाद डॉक्टर डीके द्धिवेदी सीएमएस, डॉ प्रशांत उपाध्याय, ईएमओ को निलंबित किया गया है साथ ही डॉ. मनोज कुमार आर्थोसर्जन, डॉ. जीपी सचान सर्जन और डॉ. गौरव अग्रवाल को उचित चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में कमी के लिए अनुशासनिक कार्यवाही शुरू की गई है। इसके अलावा सफीपुर सीओ कुंवर बहादुर सिंह को भी सस्पेंड किया गया है। साथ ही परिवार को सुरक्षा प्रदान की गई है।
बतादें देर रात विधायक कुलदीप सिंह एसएसपी दीपक कुमार से मिलने उनके कार्यालय आए थे। उस समय कयास लगाया जा रहा था कि सेंगर समर्पण करेंगे लेकिन उन्होंने सरेंडर नहीं किया और वापस लौट आए। सेंगर ने कहा कि मैं एसएसपी दफ्तर ये बताने आया था कि मैं भगोड़ा नहीं हूं।
आईपीसी की धाराएं
अपहरण के लिए
366
विवाह आदि के करने को विवश करने के लिए किसी स्त्री को व्यपहृत करना
376
बलात्कार के लिए
506
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