ग्राम सभाओं को पता ही नहीं क्या होती है ग्राम स्वच्छता समिति

दिवेंद्र सिंह | Sep 16, 2016, 16:24 IST
India
प्रतापगढ़। ग्राम पंचायतों की स्वच्छता समिति ने अपने काम को केवल कागजों तक ही सीमित कर रखा है। असल में अधिकांश ग्राम सभाओं में किसी को यह पता ही नहीं कि ग्राम स्वच्छता समिति का मतलब क्या होता है।

प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 21 किमी. दक्षिण दिशा में शिवगढ़ ब्लॉक के भिखनापुर गाँव की विमला देवी (40 वर्ष) को ये नहीं पता कि ग्राम स्वच्छता समिति भी कोई चीज होती है। विमला देवी कहती हैं, “अभी हमारे यहां तो कभी भी सफाई नहीं होती, सफाई वाला भी कभी नहीं आता है। न ही हमारे गाँव में कभी फिनाइल या कोई पाउडर नहीं छिड़का जाता है।”

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर एक ग्राम स्वच्छता एवं स्वास्थ्य समिति का गठन किया जाता है, जिसमें प्रधान अध्यक्ष, एएनएम उपाध्यक्ष और आशा सदस्य सचिव होती हैं। पंचायती राज अधिनियम के तहत गठित ग्राम पंचायतों में स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति में छह सदस्य भी होते हैं, जिसका संचालन ग्राम प्रधान एवं एएनएम की ओर से किया जाता है, लेकिन समितियां अपने दायित्वों से भटक गई हैं। लोगों में भी जागरुकता का अभाव है, जिसकी वजह से लोग इस बारे में समझ नहीं पाते।

भिखनापुर ग्राम पंचायत ग्राम प्रधान प्रेम कुमार (35 वर्ष) इस बारे में कहते हैं, “अभी मुझे प्रधान बने ज्यादा दिन नहीं हुए हैं, मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। मैं एनएनएम से बात करता हूं।”

शासन द्वारा ग्राम पंचायतों में ग्राम स्वच्छता समिति का गठन करके इसकी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत में नियुक्त एएनएम को दी गई है। इस मद में छोटी-बड़ी ग्राम पंचायत के अनुसार पांच से पंद्रह हजार रुपए आते हैं।

ग्राम प्रधान और एएनएम के संयुक्त हस्ताक्षर से पैसा निकाल कर गाँव में साफ-सफाई, नालियों, गलियारों और कुओं में ब्लीचिंग पाउडर, फिनायल, मच्छर की दवा छिड़काव किया जाता है। दो दशक पहले तक ये कार्य स्वास्थ्य विभाग की टीम करती थी। जब से ये जिम्मेदारी ग्राम पंचायत टीम को दे दी गयी, तब से ये हो रहा है।

सदर विकासखंड के राजगढ़, भुपियामऊ, सगरा, पृथ्वीगंज, मानधाता ब्लॉक के दानपुर, जलालपुर, हैंसी, रामनगर, कटरागुलाब सिंह, शिवगढ़ ब्लॉक के सुल्तानपुर, गाजीबाग, भिखनापुर, देल्हूपुर, पवारपुर, सुजानपुर सडवाचंद्रिका के गड़वारा, उमरी, जगेशरगंज, गौरा, बाबूगंज, बंडा, रखहा, किशुनगंज जैसे सैकड़ों गाँवों में पिछले कई वर्षों से ब्लीचिंग पाउडर, या फिनाइल का छिड़काव ही नहीं हुआ।

सडवाचंद्रिका ब्लॉक के कोल बजरडीह गाँव की आशा बहू (50 वर्ष) सरोज सिंह बताती हैं, “पिछले चार साल से मैं आशा बहू हूं, एक बार भी ग्राम प्रधान ने समिति की बैठक नहीं की है।”

क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में गठित ग्राम स्वच्छता समिति का कार्य केवल कागजों तक ही सीमित होकर रह गया है। स्वच्छता और दवा छिड़काव का लेखा-जोखा केवल कागजों पर दिखाकर लाखों की धनराशि ग्राम पंचायतों में हजम की जा चुकी है। वहीं कई ग्राम पंचायतें ऐसी भी हैं, जिनमें योजना शुरुआती दौर से लेकर आज तक धरातल पर योजना क्रियान्वित ही नहीं हो सकी है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

Tags:
  • India

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.