आज ही के दिन पाकिस्तान से अलग हुआ था बांग्लादेश, देखिए विद्रोह की तस्वीरें

Shefali Srivastava | Mar 26, 2017, 13:43 IST
India
लखनऊ। भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश आज 46वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आज ही के दिन पाकिस्तान से मुक्त होकर बांग्लादेश स्वतंत्र देश घोषित हुआ था। इससे पहले वह पूर्वी पाकिस्तान कहलाता था।

1947 में अंग्रेजों से आजादी मिलने के साथ ही ब्रिटिश इंडिया को भारत और पाकिस्तान में बांट दिया गया था, तब पाकिस्तान के दो हिस्से थे। एक भारत के पश्चिमी हिस्से में पश्चिम पाकिस्तान जो राजनीतिक रूप से ज्यादा शक्तिशाली था और दूसरा हिस्सा भारत के पूर्वी हिस्से में जो पूर्वी पाकिस्तान कहलाया। देश के राजकाज में पूर्वी पाकिस्तान की ज्यादा नहीं चलती थी और यह बात वहां के लोगों को नहीं भाती थी। जब उर्दू को राजभाषा घोषित कर दिया गया तो पूर्वी पाकिस्तान में रहने वाले बांगलाभाषियों का असंतोष और बढ़ गया।

25 मार्च की देर रात राष्ट्रपिता माने जाने वाले बंगबंधु शेख मुजीब-उर-रहमान ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम का आह्वान किया और देश को आजाद घोषित कर दिया। हालांकि इस संघर्ष में बहुत खूनखराबा हुआ और लाखों लोगों ने भागकर पड़ोसी देश भारत में शरण ली। अगले नौ महीने तक चली आजादी की यह लड़ाई पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक गृहयुद्ध बन गई और भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तानी सेना की हार के साथ खत्म हुई।

तस्वीरों में देखिए बांगलादेश की आजादी के संघर्ष की कुछ शक्तिशाली तस्वीरें-



बांग्लादेश विभाजन की क्रांति की अलख पहले ही जग चुकी थी। 1969 में सामूहिक विद्रोह के दौरान एक गली में निकाले जुलूस का नेतृत्व करता बच्चा। (साभार: द गार्जियन) पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी इस मुहिम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। युद्ध के लिए तैयारी करती महिलाएं (साभार: द गार्जियन) 1972 में बांग्लदेश के जवानों के ट्रेनिंग कैंप की तस्वीर (साभार: द गार्जियन) मुक्ति वाहिनी (बांग्लादेश आर्मी) का एक जवान लड़ाई के दौरान घायल हुए अपने साथी को कंधे पर ले जाता हुआ (साभार: द गार्जियन) 1971 की लड़ाई में आधुनिक हथियारों के साथ परंपरागत हथियारों का भी इस्तेमाल हुआ था (साभार: द गार्जियन) महिला जवान ग्रैनेड की तस्करी करके ले जाते हुए (साभार: द गार्जियन) भारत में एक शरणार्थी शिविर की तस्वीर (साभार: द गार्जियन) करीब चार लाख महिलाओं में से एक बीरांगना की तस्वीर, बीरांगना का अर्थ ‘बहादुर महिला’ है जो युद्ध के दौरान बलात्कार का शिकार हुई थीं (साभार: द गार्जियन) कलाकारों का समूह नेशनल एसेंबली मीटिंग के स्थगन के विरोध पर 1971 में एक जुलूस निकालते हुए (साभार: द गार्जियन) 1972 में जेल से छूटने पर शेख मुजिबर रहमान के काफिले की तस्वीर, रहमान बांग्लादेश के पहले प्रधानमंत्री नियुक्त हुए थे (साभार: द गार्जियन)
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