उत्तर प्रदेश: 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हाईकोर्ट का बड़ा निर्णय, 90-97 अंकों पर रहेगा कटऑफ

Daya Sagar | May 06, 2020, 07:04 IST
जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस करूणेश सिंह पवार की न्यायपीठ ने फैसला सुनाते हुए सरकार को 3 महीने के भीतर ही भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने का भी निर्देश दिया है। डेढ़ साल से इस पूरी प्रक्रिया में फंसे छात्रों और अभ्यर्थियों ने फैसले पर खुशी जताई है।
#teachers
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने निर्णय सुनाते हुए कटऑफ अंक को 90-97 अंक निर्धारित किया, जिसकी मांग प्रदेश के लाखों अभ्यर्थी लगातार कर रहे थे। हालांकि इस निर्णय से प्रदेश में कार्यरत शिक्षामित्रों की उम्मीदों को झटका भी लगा है, जो लगातार कट ऑफ कम रखने की मांग कर रहे थे।

जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस करूणेश सिंह पवार की न्यायपीठ ने फैसला सुनाते हुए सरकार को 3 महीने के भीतर ही भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने का भी निर्देश दिया। इससे पहले राज्य सरकार ने भी कट ऑफ अंक 90-97 निर्धारित किया था, जिसे कुछ अभ्यर्थियों ने कोर्ट में चुनौती दी थी।

अभ्यर्थियों ने जताई खुशी

गांव कनेक्शन से फोन पर बात करते हुए शिवानी गांधी ने हाई कोर्ट के इस आदेश पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, "लॉकडाउन के इस कठिन समय में यह हम जैसे लाखों अभ्यर्थियों के लिए एक बेहद खुशी का पल है। मैं बता नहीं सकती कि मैं कितना खुश हूं। इस पूरी लड़ाई में मीडिया का भी साथ मिला, उनका भी दिल से शुक्रिया।" गौरतलब है कि गांव कनेक्शन लगातार इस मुद्दे को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से उठाता रहा है।

इस लड़ाई को कोर्ट में लड़ने वाले अभ्यर्थी शिवेंद्र प्रताप सिंह गांव कनेक्शन को फोन पर बताते हैं, "पिछला साल पूरा निराशाजनक गया था। यह साल भी अभी तक ऐसा ही जा रहा था। लेकिन यह हमारे लिए बहुत बड़ी जीत है। अब यह कोशिश होगी कि कोई इस आदेश को उच्च अदालतों में चुनौती ना दें ताकि इस भर्ती प्रक्रिया पर पुनः ना कोई विराम लगे।"

345871-343430-jobs
345871-343430-jobs

लंबी रही है लड़ाई

इस भर्ती की अधिसूचना जनवरी, 2019 में जारी हुई थी, जिसे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरवरी, 2019 के अंत तक पूरा कराने का आश्वासन दिया था। हालांकि कोर्ट में यह मामला लंबे समय तक खींच गया, जिसकी वजह से अधीर लाखों अभ्यर्थी राजधानी लखनऊ और प्रदेश के सभी कोनों में लगातार धरना प्रदर्शन और हड़ताल भी कर रहे थे।

6 जनवरी, 2019 को 69000 सीटों के लिए आयोजित 'सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा' में 4 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा के एक दिन बाद शासन ने इस परीक्षा का कट-ऑफ निर्धारित किया। शासन द्वारा घोषित इस कट ऑफ के खिलाफ कुछ अभ्यर्थी कोर्ट में चले गए। तब से यह मामला लगातार कोर्ट में चल रहा था।

मामले की सुनवाई के दौरान अभ्यर्थी लगातार इस बात से दुःखी थे कि सरकार इस मामले की सुनवाई के प्रति गंभीर नहीं है, क्योंकि सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता (अटार्नी जनरल) बहुत कम ही उपस्थित हो रहे थे। इसको लेकर ये अभ्यर्थी लगातार प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और अन्य प्रमुख अधिकारियों से मिल रहे थे।

345873-343435-8263143014539594047737657448115474774097920o
345873-343435-8263143014539594047737657448115474774097920o

अधिकारियों और मंत्रियों द्वारा सुनवाई ना होने पर इन अभ्यर्थियों ने दर्जनों बार लखनऊ और प्रदेश के अन्य जिलो में धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन किया था। जनवरी, 2019 में इन अभ्यर्थियों ने विरोध का अनोखा तरीका अपनाते हुए प्रोस्टर प्रोटेस्ट किया था। इन अभ्यर्थियों का कहना था कि अटार्नी जनरल कोर्ट में उपस्थित ना होकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी अवमानना कर रहे हैं।

गौरतलब है कि जनवरी, 2019 में जारी इस परीक्षा की अधिसूचना के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया था कि फरवरी, 2019 तक भर्ती की सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी भी अभ्यर्थियों को लगातार आश्वास्त कर रहे थे कि अगली आने वाली सुनवाईयों में प्रदेश के महाधिवक्ता जरूर उपस्थित रहेंगे।

345872-rdescontroller-2
345872-rdescontroller-2

प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की है भारी कमी

बेसिक शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में एक लाख 43 हजार 926 शिक्षकों की कमी है। शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून के अनुसार प्राइमरी स्कूलों में छात्रों और अध्यापकों का अनुपात 30:1 होना चाहिए। सेंटर फॉर बजट एंड गर्वनेंस एकाउंटबिलिटी (सीबीजीए) और चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) के एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में यह अनुपात 50:1 है।

गांव कनेक्शन ने अपने पड़ताल में पाया है कि शिक्षकों की यह कमी ग्रामीण क्षेत्र में अधिक है। जैसे-जैसे आप शहर से दूर गांवों की ओर बढ़ने लगते हैं प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या घटने लगती है। उम्मीद है कि इस शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के पूरे होने से यह कमी पूरी हो सकेगी।

पढ़ें शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का पूरा संघर्ष- यूपी: नौकरी नहीं सुनवाई के लिए भटक रहे हैं 69000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी

शिक्षक भर्ती परीक्षार्थियों का 'पोस्टर प्रोटेस्ट', भर्ती जल्द पूरा करने की मांग

बड़ी खबर: जल्द आएगा 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम, कोर्ट ने किया फैसला सुरक्षित

उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा: 'किसी तरह मैनेज हो रहा है'







Tags:
  • teachers
  • story

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.