ऊसर जमीन पर लहलहा रही धान की फसल

गाँव कनेक्शन | Sep 10, 2018, 10:15 IST
जहांगीराबाद रोड स्थित नेबलेट फार्म में स्थित 110 हेक्टेयर ऊसर जमीन का सुधार किया जा रहा है। प्रथम चरण में लगभग 50 हेक्टेयर ऊसर जमीन पर ऊसर सुधार के नियमों के अनुसार धान रोपाई का कार्य किया गया है
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बाराबंकी। जनपद में जहांगीराबाद रोड स्थित नेबलेट फार्म में स्थित 110 हेक्टेयर ऊसर जमीन का सुधार किया जा रहा है। प्रथम चरण में लगभग 50 हेक्टेयर ऊसर जमीन पर ऊसर सुधार के नियमों के अनुसार धान रोपाई का कार्य किया गया है। जिसके निरीक्षण के लिए रविवार को शाशन से आई आधिकारियों की टीम ने पूरे कार्य को बारीकी से जांचा परखा।

राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड निर्माण प्रखण्ड दो लखनऊ के तत्वावधन में ऊसर सुधार कार्य किया जा रहा है। रविवार को एक टीम नेबलेट फार्म पहुंच कर मौके का निरीक्षण किया। पूर्व संयुक्त प्रबन्ध निदेशक कृषि डा. जेपी सिंह ने बताया, " ऊसर भूमि में भी अच्छी धान की फसल पैदा हो रही है। आमतौर पर ऊसर भूमि के सुधार में लम्बा समय लगता है लेकिन मौके पर लगी फसल काफी बेहतर है।"

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परियोजना प्रबंधक फ़र्रूख़ाबाद डा. डीबी सिंह ने बताया, " बेहतर देखभाल से ही अति शीघ्र ऊसर भूमि में सुधार हो रहा है। जितने हिस्से में धान की फसल लगी है उस पर गेहूं और जई की फसलें बोई जाएंगी।" अवर अभियंता सत्यनाम सिंह नें बताया," खरीफ की फसल के बाद रबी की फसल का उत्पादन लिया जायेगा। ऊसर भूमि पर लगी फसल की सराहना की।"

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क्या होती है ऊसर जमीन

ऊसर या बंजर वह भूमि है जिसमें लवणों की अधिकता हो। ऐसी भूमि में कुछ नहीं अथवा बहुत कम उत्पादन होता है। उत्तर प्रदेश के हजारों किसान जमीन होने के बाद भी ऊसर होने के कारण उस पर खेती नहीं कर पाते, क्योंकि उनकों ये नहीं मालूम होता की उनकी जमीन भी कुछ आसान तरीकों से उपजाऊ हो सकती है जिसमें सरकार भी पूरा सहयोग कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार एक योजना के तहत ऊसर भूमि सुधरने में लगे किसानों को पूरे एक वर्ष तक भूमि में आई लागत को वहन करती है। उत्तर प्रदेश में लगभग 11.50 लाख हेक्टेयर भूमि ऊसर से प्रभावित है।

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ऊसर भूमि को सुधारने के लिए कई तरह की विधियां हैं जिनमें सबसे कारगर विधि ढैंचा बोना, मेढ़बंदी, स्क्रेपिंग, सब-प्लाटिंग, फ्लंसिंग और स्क्रेपिंग, जिप्सम मिक्सिंग आदि तरह की प्रक्रिया से जमीन को उपजाऊ बनाया जा सकता है। भारत मे लगभग 75 लाख हेक्टेयर भूमि ऊसर है वहीं विश्व में लगभग 9520 लाख हेक्टेयर भूमि ऊसर प्रभावित है।

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