एसएसपी ऑफिस : लोग यहां आते हैं और व्यवस्था और सरकार को कोसते हुए लौट जाते हैं

Ashwani Kumar Dwivedi | May 11, 2018, 18:34 IST
Uttar Pradesh politics
लखनऊ। चरित्र प्रमाण पत्र के लिए एक मार्च 2018 को एसएसपी कार्यालय लखनऊ में आवेदन जमा कराया था, कई बार थाने के चक्कर के लगाए, कप्तान ऑफिस जाओ तो वहां पूछते हैं कि थाने से कब रिपोर्ट लगी, कब एसएसपी कार्यालय भेजीं गयी, एलआईयू जाओ तो वो एसएसपी ऑफिस की डिटेल मांगते हैं और इस तरह लोग फ़ुटबाल की तरह एलआईयू से थाना और थाना से कप्तान ऑफिस दौड़ते रहते हैं

आठ बार एसएसपी साहब के दफ्तर गए, यूपी पुलिस के ट्वीट पेज पर शिकायत करायी, तब जाकर सत्तावन दिन बाद चरित्र प्रमाण पत्र मिल पाया ये कहना है जनपद लखनऊ के अरविन्द कुमार का जो की थाना मड़ियांव अंतर्गत गायत्री नगर के निवासी हैं

जनहित गारंटी अधिनियम के बारे में पूछने पर वो बताते है, "मुझे इस नियम के बारे में कोई जानकारी नहीं है थाना /पुलिस के काम है और सरकारी कामों में दौड़ना तो पड़ता ही है बिना दौड़े -धूपे ये सब काम कहां हो पाते हैं।"

आठ बार एसएसपी साहब के दफ्तर गए, यूपी पुलिस के ट्वीट पेज पर शिकायत करायी, तब जाकर सत्तावन दिन बाद चरित्र प्रमाण पत्र मिल पाया
अरविंद कुमार

लखनऊ जनपद के एसएसपी कार्यालय के पुलिस वेरिफिकेशन रूम में प्रतिदिन सैकड़ों लोग आते हैं और काम न होने पर व्यवस्था और सरकार को कोसते हुए लौट जाते हैं। यहां ड्यूटी पर तैनात आरक्षी पंकज दीक्षित का कहना है कि जनपद के सभी थानों के वेरिफिकेशन यहां आते हैं स्टाप कम हैं ऐसे में क्या करें और थानों से रिपोर्ट समय पर नहीं मिलती देरी होनें का एक कारण ये भी है

नाम न छपने की शर्त पर वहीँ मौजूद एक आरक्षी बताते हैं की सत्यापन रिपोर्ट को थाने पर मुंशी 100-50 रुपए के लालच में रोक लेते है, जब तक उन्हें कुछ मिल न जाए तब तक वो रिपोर्ट नहीं भेजना चाहते, एसएसपी ऑफिस से तो सत्यापन के पेपर उसी दिन भेज दिए जाते हैं पर 20-25 दिन तक तो थाने वाले रिपोर्ट ही नहीं भेजते इसी वजह से चरित्र सत्यापन में देरी होती है और लोग नाराज यहां के स्टॉप पर होते हैं

सत्तावन दिन बाद मिला चरित्र प्रमाण पत्र सिटिजन चार्टर पर जब गाँव कनेक्शन द्वारा आईजी रेंज सुजीत पाण्डेय से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग में सिटिजन चार्टर लागू है और प्रत्येक कार्य के लिए समय सीमा निर्धारित है

जानिये सिटिजन चार्टर के बारे में ....

साल 2011 में जब उत्तर प्रदेश में जनहित गारंटी अधिनियम जारी हुआ तो उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग द्वारा भी सिटिजन चार्टर लागू किया गया

प्राथमिकी को तत्काल दर्ज करना सही –गलत की जांच बाद में,

पोस्टमार्टम रिपोर्ट की सत्यापित छायाप्रति 3 दिन में

खोये हुए व्यक्तियों की सूचना पर तत्काल कार्यवाही

प्रार्थना पत्रों को अन्य विभागों में अग्रसारण के लिए 3 दिन

पुलिस विभाग से सम्बंधित प्रार्थना पत्रों का निर्धारण 3 दिन

पब्लिक फंक्शन के मामलो में अनापत्ति प्रमाण पात्र 4 दिन में

न्यायालय से प्राप्त सूचनाओ का तामिला 3 दिन में

शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण का सत्यापन 7 दिन में

व्यक्तिगत चरित्र सत्यापन 5 दिन में

थानों पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण 7 दिनों में

पंजीकृत ठेकेदारों का सत्यापन 25 दिन में

जानिए जनहित गारंटी अधिनियम के बारे में...

जनहित गारंटी अधिनियम उत्तर प्रदेश में वर्ष 2011 में लागू किया गया था जिसमे 25 विभागों के लिए 123 सेवाओ को जनहित गारंटी अधिनियम के तहत शामिल किया गया जिसमे उर्जा विभाग, लघु उद्योग, श्रम विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महिला कल्याण, पर्यावरण, लोक निर्माण, बांट एवं माप, समाज कल्याण, पशुधन विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन, प्राविधिक शिक्षा, गृह विभाग, मनोरंजन एवं कर, वाणिज्य कर, उच्च शिक्षा शामिल हैं।

राजस्व विभाग में आय, जाति, निवास, अविवादित भूमि का नामान्तरण, किसान बही के लिए 20 कार्य दिवस निर्धारित किये गये व नगर विकास विभाग में नामान्तरण के लिए 45 कार्य दिवस, नवीन जल आपूर्ति कनेक्शन के लिए 30 कार्य दिवस,जन्म -मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 45 कार्य दिवस, एपीएल राशन कार्ड के लिए 30 कार्य दिवस निर्धारित किये गये हैं

इस विषय पर बात करने पर लखनऊ के नगर चौगवां निवासी अधिवक्ता मनोज कुमार बताते हैं कि ये सब सिर्फ कागजो पर है इन योजनाओ का सही से कार्यान्वयन नहीं हो पा रहा है आय, जाति, निवास के लिए भी अभी भी आवेदकों निर्धारित समय सीमा से कहीं अधिक दौड़ना पड़ता है।"

उत्तर प्रदेश सरकार के ट्वीट के अनुसार प्रदेश में जनहित गारंटी अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू किया जायेगा व 25 के स्थान पर 32 विभागों को इसमें शामिल करते हुए 224 सेवाओ को ऑनलाइन कर दिया गया हैं, जल्द ही सभी विभागों की 244 सेवाओ को ऑनलाइन कर दिया जाएगा।

यूपीसीएम् द्वारा ट्वीट फोटो लोक सेवा प्रबंधन के सयुक्त सचिव बाबूराम बताते हैं कि शाषनादेश में 90 अतिरिक्त सेवाओ को जोड़ा गया है प्रदेश में जनहित गारंटी अधिनियम लागू है और नागरिक सेवाओ के लिए समय सीमा निर्धरित है साथ ही इन सेवाओ को ऑनलाइन किया गया है

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