ओला ने गाड़ी हटाई तो दो भाइयों से रच डाली ये खौफनाक साजिश

गाँव कनेक्शन | Aug 04, 2017, 20:10 IST

लखनऊ। एक बड़ी कंपनी से बदला लेने की जिद इस हद तक दो सगे भाइयों के सिर पर चढ़ गई कि उन्होंने एक डॉक्टर तक के अपहरण की खतरनाक साजिश रच दी। आरोपियों ने एक टैक्सी कंपनी के परमानेंट ग्राहक का अपहरण कर कंपनी को बदनाम करने की योजना बनाई और इसके एवज में कंपनी के सीईओ से पांच करोड़ रुपए की फिरौती तक की रकम मांग डाली।

मामला दिल्ली का है, जहां एक डॉक्टर को अगवा कर पांच करोड़ रुपए की फिरौती मांगने वाले सगे भाईयों को यूपी एसटीएफ ने मेरठ से दबोच लिया। आरोपी भाइयों ने प्राइवेट टैक्सी कंपनी ओला से बदला और उसे बदमान करने के लिए इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था।

दिल्ली के प्रीति बिहार निवासी डॉ. श्रीकांत गौड़ को बीते छह जुलाई को दिल्ली से अगवा कर लिया गया था। इसके बाद किडनैपर डॉक्टर को छोड़ने के एवज में ओला कंपनी के सीईओ से पांच करोड़ रुपए की फिरौती मांग रहे थे।

दिल्ली पुलिस मामले की जांच में जुटी लेकिन जब उसे किडनैपरों के मेरठ में होने की जानकारी हुई तो उसने एसटीएफ मेरठ से सहयोग मांगा। इसके बाद एसटीएफ मेरठ व दिल्ली पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया। एसटीएफ ने डॉ. श्रीकांत गौड़ को शुक्रवार को मेरठ जिले के शताब्दीनगर थाना परतापुर से सकुशल बरामद कर लिया। साथ ही एसटीएफ ने सगे भाई दादरी निवासी सुशील और अनुज मेरठ को भी दबोच लिया। एसटीएफ ने आरोपियों के कब्जे से दो तमंचे, दो खोखा, चार जिंदा कारतूस और नौ सौ रुपए नगद बरामद किए हैं।

एसटीएफ डीआईजी मनोज तिवारी का कहना है कि किडनैपरों के दूसरे साथियों की तलाश में दबिश दी जा रही है जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

क्या है पूरा मामला

वहीं पूछताछ में आरोपी सगे भाईयों अनुज व सुशील ने एसटीएफ को बताया कि, कई वर्षों से उनकी वैगन आर कार ओला कंपनी में चल रही थी लेकिन फर्जी तरीके से ग्राहकों से रुपए कमाने के चक्कर में कंपनी में शिकायत हो गई थी। इसके बाद कंपनी ने उनकी गाड़ी हटा दी थी। बाद में फिर से जाली दस्तावेज बनाकर अपनी गाड़ियों को कंपनी में लगाया था लेकिन इस बार भी कंपनी को इसकी भनक लग गई और उनकी गाड़ियां दोबारा से निकाल दी गई। इसके बाद कंपनी को सबक सिखाने के लिए उन्होंने ओला कंपनी के ग्राहक डॉ. श्रीकांत गौड़ को अगवा कर कंपनी के सीईओ से पांच करोड़ रुपए की फिरौती मांगने की योजना बनाई।

आरोपी भाईयों ने दो बार कंपनी से उनकी गाड़ी हटाए जाने के बाद तीसरी बार उन्होंने फर्जी दस्तावेज और सॉफ्टवेयर में झोलझाल कर अपनी वैगन आर कार ओला में लगवा ली थी। जब डॉ. श्रीकांत ने कहीं जाने के लिए कार बुलाई तो दोनों भाई ही कार लेकर पहुंचे और डॉ. को बैठा कर उन्हें अगवा कर लिया। अपहरण के समय दोनों भाइयों के अलावा दो और आरोपी भी थे। वहीं पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, वह डॉ. को लेकर बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहे थे, ताकि उन तक पुलिस पहुंच न पाए। इस दौरान उन्होंने अपने कई साथियों की भी मदद ली।

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