आप यूपी के किसान हैं तो अब दूसरे राज्यों में भी बेच सकते हैं अपना उत्पाद
गाँव कनेक्शन | Dec 20, 2023, 12:10 IST
यूपी के किसान अपना कृषि उत्पाद राज्य के बाहर भी बेच सकेंगे और बाहर के किसान भी अपना माल उत्तर प्रदेश में बेच पाएँगे। इस सुविधा से कई बाजारों, खरीददारों, सर्विस प्रोवाइडर्स तक किसानों की पहुँच बढ़ेगी।
यूपी में किसानों के लिए अपनी ही फसल को अच्छी कीमत के लिए राज्य से बाहर बेच पाना आसान नहीं था, लेकिन अब ये संभव है।
अब उत्तर प्रदेश के किसान अपने राज्य के साथ साथ दूसरे राज्यों में भी अपने कृषि उत्पाद बेच पाएँगे।
उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने राज्य के किसानों को दूसरे राज्यों में अपने उत्पाद बेचने का मौका देने के लिये मंडी नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि अभी तक जो किसान उत्तर प्रदेश से बाहर अपना माल नहीं बेच सकते थे; उन्हें इजाज़त देने के लिए और खासतौर से उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए मंडी उत्पादन 28वाँ संशोधन-2023 को अमल में लाने के संबंध में प्रस्ताव आया था जिस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।
उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम, 1964 को संशोधित करके मंडी उत्पादन 28 वाँ संशोधन-2023 किया गया है। जिसके मुताबिक राज्य के बाहर से लाए गए कृषि उत्पाद को यहाँ के प्रोसेसिंग यूनिट्स खरीद सकती हैं, साथ ही उत्तर प्रदेश के किसान कहीं भी अपने कृषि उत्पाद को बेच सकेंगे।
इस संशोधन से नई प्रसंस्करण इकाइयाँ बनेंगी, जिससे यहाँ के किसानों को भी फायदा होगा।
इससे पहले केंद्र सरकार ने भी किसानों को अपनी फसल अपने राज्य से बाहर बेचने के लिए ई-नाम के तहत प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म (Platform of Platforms) की शुरुआत की थी। सरकार का मानना है कि पीओपी (POP) के शुरू होने से किसानों को उपज राज्य की सीमाओं से बाहर बेचने में सुविधा होगी।
इस सुविधा से कई बाजारों, खरीददारों, सर्विस प्रोवाइडर्स तक किसानों की डिजिटल रूप से पहुँच बढ़ती है और उनकी उपज की सही कीमत मिलती है। यही नहीं इससे बिजनेस लेन-देन में पारदर्शिता भी आती है।
कृषि गणना वर्ष 2010-11 के अनुसार उत्तर प्रदेश में 233.25 लाख किसान हैं, जो लगभग 165.98 लाख हेक्टेयर (68.7%) क्षेत्र में खेती करते हैं।
यूपी में गेंहूँ, चावल, दाल, तेल बीज और आलू यहाँ के प्रमुख कृषि उत्पाद हैं। राज्य की सबसे महत्वपूर्ण नकद फसल गन्ना है। बागवानी के लिये ये राज्य देश में सबसे महत्वपूर्ण है। यहाँ आमों का भी उत्पादन बहुतायत में किया जाता है।
अब उत्तर प्रदेश के किसान अपने राज्य के साथ साथ दूसरे राज्यों में भी अपने कृषि उत्पाद बेच पाएँगे।
उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने राज्य के किसानों को दूसरे राज्यों में अपने उत्पाद बेचने का मौका देने के लिये मंडी नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि अभी तक जो किसान उत्तर प्रदेश से बाहर अपना माल नहीं बेच सकते थे; उन्हें इजाज़त देने के लिए और खासतौर से उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए मंडी उत्पादन 28वाँ संशोधन-2023 को अमल में लाने के संबंध में प्रस्ताव आया था जिस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के सर्वांगीण विकास हेतु लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय...#UPCabinet pic.twitter.com/3AfY4YwgNq
— Government of UP (@UPGovt) December 20, 2023
किसानों को क्या-क्या होगा फायदा
इससे पहले केंद्र सरकार ने भी किसानों को अपनी फसल अपने राज्य से बाहर बेचने के लिए ई-नाम के तहत प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म (Platform of Platforms) की शुरुआत की थी। सरकार का मानना है कि पीओपी (POP) के शुरू होने से किसानों को उपज राज्य की सीमाओं से बाहर बेचने में सुविधा होगी।
इस सुविधा से कई बाजारों, खरीददारों, सर्विस प्रोवाइडर्स तक किसानों की डिजिटल रूप से पहुँच बढ़ती है और उनकी उपज की सही कीमत मिलती है। यही नहीं इससे बिजनेस लेन-देन में पारदर्शिता भी आती है।
कृषि गणना वर्ष 2010-11 के अनुसार उत्तर प्रदेश में 233.25 लाख किसान हैं, जो लगभग 165.98 लाख हेक्टेयर (68.7%) क्षेत्र में खेती करते हैं।
यूपी में गेंहूँ, चावल, दाल, तेल बीज और आलू यहाँ के प्रमुख कृषि उत्पाद हैं। राज्य की सबसे महत्वपूर्ण नकद फसल गन्ना है। बागवानी के लिये ये राज्य देश में सबसे महत्वपूर्ण है। यहाँ आमों का भी उत्पादन बहुतायत में किया जाता है।