पटरियों पर नहीं पानी में दौड़ती है ये मेट्रो, अयोध्या जा रहे हैं तो कर सकते हैं सवारी

गाँव कनेक्शन | Feb 24, 2024, 11:21 IST
श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या में अब वाटर मेट्रो दौड़ रही है, जल्द ही मथुरा और काशी में भी घूमने आने वाले इसकी सवारी कर सकेंगे।
#ayodhya
पानी में मेट्रो की सवारी, सुन कर चौक गए न ? लेकिन ये सच है; अयोध्या में पटरियों की बजाय पानी में दौड़ रही है मेट्रो।

अयोध्या आने वाले लोगों के लिए श्री राम की नगरी का इस पर बैठ कर दर्शन किसी अजूबे से कम नहीं है।

ये वाटर मेट्रो तुलसीदास घाट से गुप्तार घाट तक श्रद्धालुओं और सैलानियों को सफर कराएगी। पूरे प्रदेश में यह पहली वाटर मेट्रो सेवा है, जिसे जल्द ही वाराणसी और मथुरा में भी शुरू किया जा रहा है।

प्रदेश की ये पहली अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वाटर मेट्रो सरयू नदी के किनारे संत तुलसी घाट से 14 किलोमीटर का सफर गुप्तार घाट तक तय करेगी। इसमें एक साथ करीब 50 यात्रियों के बैठने की सुविधा है।

पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस वाटर मेट्रो का संचालन शुरू किया गया है।

पश्चिम बंगाल के कोलकाता से चलकर बिहार के पटना होते हुए जल मार्ग के रास्ते ही 16 दिन में ये मेट्रो अयोध्या के सरयू तट पहुँची है। इस वाटर मेट्रो के साथ जेटी भी अयोध्या पहुंचाई गई है जो वाटर मेट्रो और घाट के बीच सेतु का काम करेगी। अभी अयोध्या में दो वाटर मेट्रो जेटी के साथ पहुँच चुकी हैं।

370522-20240224164518
370522-20240224164518

सरकार की तरफ से अयोध्या में पर्यटन को और समृद्ध करने के लिए तथा जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वाटर मेट्रो का संचालन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी दौरे के समय वर्चुअल माध्यम से अयोध्या में वाटर मेट्रो का शुभारंभ किया।

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) ने तीनों प्रमुख शहरों के लिए तीन वाटर मेट्रो का निर्माण केरल के कोचीन शिपयार्ड में कराया है। इन सभी शहरों में वाटर मेट्रो का संचालन प्रदेश सरकार का पर्यटन विभाग कराएगा। इसके लिए वाराणसी और अयोध्या में वाटर मेट्रो पहुँच चुकी है, तीसरी मथुरा पहुंचाई जानी है।

क्या ख़ास है इस वाटर मेट्रो में

50 सीटर एमवी (मोटर व्हिकल) बोट यानी वाटर मेट्रो का नाम कैटा मेरन वैसेल बोट है। इस वाटर मेट्रो बोट को पूरा एयरकंडीशन बनाया गया है, जिसमें यात्रियों की जानकारी के लिए डिस्प्ले भी लगाया गया है।

यात्रियों के केबिन के आगे बोट पायलट का केबिन अलग बनाया गया है। एक बार में इलेक्ट्रिक से चार्ज होकर यह वाटर मेट्रो बोट एक घंटे की यात्रा पूरी कर सकती है। इस दौरान यह एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन यानी अयोध्या के संत तुलसी घाट से गुप्तार घाट तक 14 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर लेगी।

किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए इस बोट में जीवन रक्षक जैकेट्स और दूसरे उपकरण भी रखे गये हैं।

इससे पहले कहा शुरू हुई वाटर मेट्रो

देश की पहली वाटर मेट्रो को केरल के कोच्चि में शुरू किया गया। जो 10 द्वीपों को जोड़ती है। इसे आठ इलेक्ट्रिक हाइब्रिड नौकाओं के साथ शुरू किया गया।

कोच्चि वाटर मेट्रो को 1136.83 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया गया। इसमें यात्रा की कीमत तो कम है ही साथ ही ट्रैफिक नहीं होने के कारण समय की भी बचत होती है। यात्रा के शुरूआती दौर में इसे 75 किलोमीटर तक के लिए शुरू किया गया।

Tags:
  • ayodhya
  • Ram mandir

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.