By Sachin Dhar Dubey
गांव कनेक्शन के सर्वे में मध्य प्रदेश इंटरनेट से जानकारी हासिल करने के मामले में 43.3 प्रतिशत ग्रामीणों के साथ सबसे आगे है तो हरियाणा 15.8 फीसद के साथ सबसे फिसड्डी।
गांव कनेक्शन के सर्वे में मध्य प्रदेश इंटरनेट से जानकारी हासिल करने के मामले में 43.3 प्रतिशत ग्रामीणों के साथ सबसे आगे है तो हरियाणा 15.8 फीसद के साथ सबसे फिसड्डी।
By Sachin Dhar Dubey
By Sachin Dhar Dubey
With the increase in the function of digital marketing there is a subsequent rise in the employment opportunities in the field
With the increase in the function of digital marketing there is a subsequent rise in the employment opportunities in the field
By Sachin Dhar Dubey
डिजिटल मार्केटिंग में रोजगार के अवसर: ऑनलाइन शॉपिंग के अलावा अब शिक्षा से लेकर मेडिकल जैसी सुविधाओं में भी डिजिटल मार्केटिंग अपने पैर पसार चुका है। अब जब डिजिटल मार्केटिंग के उपयोग में इजाफा हो रहा है तो इसमें रोजगार के अवसर भी तेजी से विकसित हो रहे हैं।
डिजिटल मार्केटिंग में रोजगार के अवसर: ऑनलाइन शॉपिंग के अलावा अब शिक्षा से लेकर मेडिकल जैसी सुविधाओं में भी डिजिटल मार्केटिंग अपने पैर पसार चुका है। अब जब डिजिटल मार्केटिंग के उपयोग में इजाफा हो रहा है तो इसमें रोजगार के अवसर भी तेजी से विकसित हो रहे हैं।
By Sachin Dhar Dubey
For the past 15 years, Dindauri's Ludwa village has its differently-abled teacher Ratanlal Nanda commutes upon a mule to the school. He takes over two hours to cover a distance of seven kms
For the past 15 years, Dindauri's Ludwa village has its differently-abled teacher Ratanlal Nanda commutes upon a mule to the school. He takes over two hours to cover a distance of seven kms
By Sachin Dhar Dubey
लेमनग्रास से निकलने वाले तेल की बाजार में बहुत मांग है। लेमन ग्रास से निकले तेल को कॉस्मेटिक्स, साबुन और तेल और दवा बनाने वाली कंपनियां खरीद लेती हैं। यही वजह है कि किसानों का इस फसल की ओर रूझान भी बढ़ा है।
लेमनग्रास से निकलने वाले तेल की बाजार में बहुत मांग है। लेमन ग्रास से निकले तेल को कॉस्मेटिक्स, साबुन और तेल और दवा बनाने वाली कंपनियां खरीद लेती हैं। यही वजह है कि किसानों का इस फसल की ओर रूझान भी बढ़ा है।
By Sachin Dhar Dubey
बच्चों में याद्दाश्त का विकास तभी से होने लगता हैं जब वह दो से तीन हफ्ते के होते हैं। उम्र के इसी पड़ाव से बच्चे माता-पिता की गंध पहचानने लगते हैं। इसी के साथ वह थोड़ी बहुत हरकतें करना शुरू कर देते हैं।
बच्चों में याद्दाश्त का विकास तभी से होने लगता हैं जब वह दो से तीन हफ्ते के होते हैं। उम्र के इसी पड़ाव से बच्चे माता-पिता की गंध पहचानने लगते हैं। इसी के साथ वह थोड़ी बहुत हरकतें करना शुरू कर देते हैं।