लेफ्ट हैंडर्स डे विशेष: सब बाएं हाथ का खेल है

Deepak Acharya | Aug 13, 2018, 12:19 IST
लेफ़्ट हैंडर्स डे पर पढ़िए आखिर क्यों बाएं हाथ से लिखते हैं लोग। कई बरसों तक वैज्ञानिक यही तय नहीं कर पाए थे कि बाएं हाथ से लिखना व्यक्ति का सामान्य लक्षण है या अनुवांशिक।
#बाएं हाथ का काम
बड़े-बड़े काम को अंजाम देना कई लोगों के लिए बाएं हाथ का खेल हो सकता है लेकिन मुझ जैसे हज़ारों लाखों लोगों के लिए हर काम को अंजाम देने का बीड़ा हमेशा हमारा बायां हाथ ही उठाता है। आज "लेफ़्ट हैंडर्स डे" है यानि आज के दिन दुनिया के उन तमाम लोगों को याद किया जाता है जो अपना हर काम बाएं हाथ से करते हैं, वामहस्त हैं। बाएं हाथ का इस्तमाल करने वाले लोगों का अपना एक इतिहास रहा है। कई सदियों तक बाएं हाथ के बाशिंदों को तुच्छ नज़रों से देखा जाता था, उन्हें "टोना-टोटका करने वाले लोग" कहकर भी पुकारा जाता रहा। अंग्रेजी भाषा में तो इन्हें बाकायदा "सिनिस्टर्स" कहा गया। सिनिस्टर्स शब्द का इस्तमाल उन लोगों के लिए किया जाता था जिन्हें देखने पर आप महसूस करते हैं कि आपसे साथ कुछ बुरा घटने वाला है यानी इन्हें बुराई का सूचक माना गया और इन्हें देखना या इनसे बातें करना भी अपशकुन के तौर पर देखा जाता था। यहां तक कि वामहस्त लोगों से बात करने में भी लोग हिचकिचाते थे। ये उस दौर की बात थी जब विज्ञान ने अपने पैर पूरी तरह पसारने शुरु नहीं किए थे। समय बदलता गया और आहिस्ता-आहिस्ता वामहस्त लोगों को समाज ने सामान्य समझना शुरु किया और दाएं और बाएं हाथ के लोगों के बीच का तुलनात्मक विश्लेषण कम होने लगा। पर विज्ञान लगातार इस बात की खोज करने में लगा रहा कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि कुछ लोग वामहस्त होते हैं।

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कई सालों तक वैज्ञानिक यही सोचते रहे कि यह वामहस्त होना सामान्य लक्षण है या व्यक्ति का अनुवांशिक लक्षण है। कुछ शोधों से ये जानकारी निकल कर आई कि यह अनुवांशिक लक्षण है और इस लक्षण का वाहक कोई एक जीन है। लेकिन, कौन सा जीन और शरीर की किस कोशिका के किस क्रोमोसोम में ये जीन है, लंबे समय तक किसी ने खोज नहीं पाया। काफी लंबे अंतराल के बाद PCSK6 नामक एक जीन समूह की पहचान की गई और बताया गया कि इन्ही जीन्स की वजह से किसी व्यक्ति का वामहस्त होना या ना होना निर्धारित होता है। तब से लेकर आज तक इस विषय पर काफी गहरी शोध निरंतर जारी है। जेनेटिक्स विषय के एक प्रचलित जर्नल 'प्लॉस जेनेटिक्स' में प्रकाशित एक रपट के अनुसार PCSK6 जैसे एक से कहीं ज्यादा जीन्स मिलकर ये तय करते हैं कि व्यक्ति वामहस्त होगा या नहीं।

दरअसल हर जीन्स के दो हिस्से होते हैं जिन्हें एलील्स कहा जाता है और इन एलील्स में कई बार, बार-बार अकस्मात बदलाव आते हैं जिन्हें म्यूटेशन कहा जाता है। म्यूटेशन की वजह से अनुवांशिक लक्षणों में बदलाव भी आता है। प्लॉस जेनेटिक्स की उस रपट में बताया गया कि PCSK6 जैसे जीन्स के एक ही दिशा वाले एलील्स में बार-बार म्यूटेशन हो तो उस व्यक्ति के शरीर का उसी दिशा वाला हिस्सा ज्यादा सक्रिय हो जाता है। यदि जीन्स के बाएं हिस्से वाले एलील्स में म्यूटेशन हो तो व्यक्ति वामहस्त हो जाता है। वैज्ञानिक शोधकर्ताओं ने समय-समय पर इस विषय पर नई-नई धारणाओं को प्रस्तुत कर इसे प्रमाणित भी किया है। एक शोध यह भी बताती है कि हमारे मस्तिष्क का जो हिस्सा ज्यादा सक्रिय होता है ठीक उसके विपरीत दिशा में शरीर का बाकी हिस्सा सक्रिय होता है। यानी वामहस्त लोगों के मस्तिष्क का दायां हिस्सा ज्यादा सक्रिय होता है। कई शोधें इस बात को भी इंगित करती हैं कि वामहस्त लोगों की आयु दाहिने हाथ वाले लोगों की तुलना में कम होती है लेकिन अब तक किसी शोध ने वामहस्त लोगों की कार्यक्षमता में कमी या किसी तरह की अनुवांशिक बुराईयों को साबित नहीं कर पाया है। इस विषय की वैज्ञानिक गहराई को एक लेख में समेट पाना मुश्किल है।

वामहस्त होने की वजह से मुझे व्यक्तिगत तौर पर कई तरह की समस्याओं का सामना बचपन से लेकर अब तक करना पड़ा है। कैंची, कंप्यूटर माउस, गिटार, हारमोनियम. स्वाइप मशीन्स, स्क्रू ड्रायवर्स, फॉर्क, सायकल की घंटी जैसी सैकड़ों वस्तुओं को चलाने में असहजता होती रही। बार-बार मुझपर इस बात का दबाव दिया जाता था कि मैं दाएं हाथ से ही भोजन करूं जबकि ऐसा करना मेरे लिए तकलीफदेह था, मुझे ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती थी। शायद वामहस्त पाठक मेरी समस्याओं को बेहतर समझ पाएं। हम जैसे लोगों की इसी तरह की समस्याओं को भुनाने में बाज़ार ने भी कमी ना की। ब्रिटेन में तो बाकायद वामहस्त लोगों की जरूरतों के हिसाब से "ओनली फ़ॉर लेफ़्ट" और "द लेफ्ट हैंड स्टोर" जैसे स्टोर्स खुल चुके हैं और कई अन्य देशों में वामहस्त लोगों की जरूरतों को ध्यान में रख बाज़ार में सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। ऑनलाइन बाज़ार भी वामहस्तों के लिए सामान परोसने लगा है। अब आम लोगों की सोच में बदलाव आ चुका है, वामहस्त लोग 'सिनिस्टर्स' नहीं कहलाते हैं अपितु इन्हें बेहद प्रतिभावान माना जाने लगा है। मैरी क्यूरी, नेपोलियन बोनापार्ट, ओपरा विन्फ्रे, बिल क्लिंटन, हेनरी फोर्ड, लिओनार्डो दा विन्सी, अलबर्ट आइंस्टीन, एडविन एल्ड्रीन, बिल गेट्स, बराक ओबामा, नरेन्द्र मोदी, अमिताभ बच्चन, रतन टाटा, सचिन तेंदुलकर, कपिल शर्मा जैसे अनेक वामहस्त लोगों ने सफलताओं के आसमान को चूमकर साबित कर दिया है कि इन लोग के लिए कोई काम असंभव नहीं, सब बाएं हाथ का खेल है।

(लेखक गाँव कनेक्शन के कंसल्टिंग एडिटर हैं और हर्बल जानकार व वैज्ञानिक भी।)

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