अलीगढ़ में यहाँ मुफ़्त कथक सीखती हैं लड़कियाँ

Ambika Tripathi | Nov 02, 2023, 09:00 IST
अक्सर आपने महिलाओं को अपने बच्चों के लिए अपना करियर छोड़ते देखा होगा, लेकिन मीनाक्षी नागपाल की अलग कहानी है, वे अपनी बेटी से प्रभावित होकर अलीगढ़ में बच्चियों को मुफ़्त में कथक डांस की ट्रेनिंग दे रही हैं।
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कंचन और गुंजन डांस तो बहुत अच्छा करती हैं, लेकिन उन्हें कोई बताने वाला नहीं था कि आगे क्या किया जाए, ऐसे में उनके जैसी लड़कियों की मदद के लिए आगे आईं उनकी कथक गुरू मीनाक्षी नागपाल।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 340 किलोमीटर दूर अलीगढ़ में मीनाक्षी नागपाल कथक की क्लास चलाती हैं, वो भी मुफ़्त।

"मेरा शुरू से ही डांस और गाने में मन लगता था, लेकिन फिर गाना छोड़कर पूरी तरह से डांस में रम गई; शादी हुई फिर बच्चे हुए तो उन्हें छोड़कर जाना मुश्किल था।" मीनाक्षी नागपाल ने गाँव कनेक्शन से कहा।

वो आगे कहती हैं, "अपनी बेटी दीक्षा को भी डांस सिखाना शुरू कर दिया और वो जब कुछ बड़ी हुई तो वो आस पास के बच्चों को घर बुलाकर डांस सिखाने लगी, उसे देखकर लगा कि जब मेरी छोटी बच्ची ऐसा कुछ कर सकती है तो मैं क्यों नहीं, बस यही से मेरे डांस एकेडमी की शुरुआत हुई।"

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मीनाक्षी नागपाल अपनी बेटी दीक्षा नागपाल के साथ

साल 1998 में मीनाक्षी ने अलीगढ़ में संगीतिका संगीत एवं नृत्य कला केंद्र की शुरुआत की। मीनाक्षी की बेटी दीक्षा भी आगे पढ़ाई पूरी करने के लिए दिल्ली चली गई और फिर मुंबई में गणेश आचार्य जैसे कोरियोग्राफर के साथ भी काम किया है।

साल 2013 से मीनाक्षी ने सरकारी स्कूलों में जाकर क्लासिकल डांस के लिए लड़कियों का ऑडिशन लेना शुरू किया।

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23 साल की कंचन सिंह ने भी मीनाक्षी नागपाल से डांस सीखा है और आज एक प्राइवेट स्कूल में डांस टीचर हैं। कंचन सिंह गाँव कनेक्शन से बताती हैं, "साल 2016 में 11वीं में थी तो पता चला कि टीआर गर्ल्स इंटर कालेज में क्लासिकल डांस का ऑडिशन चल रहा है, वहाँ पर मैंने ऑडिशन दिया और मैं सेलेक्ट भी हो गई।"

वो आगे कहती हैं, "जब मेरा सेलेक्शन हो गया तब मैंने अपने घर पर बताया सब बहुत खुश हुए; लेकिन मैं क्लासिकल डांस के बारे में ज़्यादा जानती नहीं थी, मैम ने हम पर बहुत मेहनत की। मैंने संगीत विशारद किया और आज स्कूल में डांस टीचर हूँ, साथ में पढ़ाई भी चल रही है।"

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संस्थान में संगीत विशारद की छह साल की पढ़ाई होती है, साल 2013 में मीनाक्षी ने इसकी शुरुआत की थी। मीनाक्षी कहती हैं, "पहले बैच में 16 बच्चियों का सिलेक्शन हुआ था, बाद में 20 बच्चियाँ हो गईं थी; बच्चियों का कोर्स पूरा होने के बाद उनकी जॉब भी लग गई है, मैं जितनी बच्चियों का खर्चा उठा सकती हूँ, उतनी ही जिम्मेदारी ली है और पहला बैच पूरा कर लिया अब दूसरे बैच के लिए ऑडिशन लेना शुरू करेंगे।"

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जुलाई महीने से मीनाक्षी ने कथक के माध्यम से रामलीला की प्रस्तुति शुरू की है, जिसकी लोग काफी तारीफ़ कर रहे हैं।

22 साल की गुंजन भी मीनाक्षी की शिष्याओं में एक हैं। गुंजन भी टीआर गर्ल्स कालेज में 11वीं में पढ़ रहीं थीं, जब वहाँ पर ऑडिशन हुआ था। गुंजन के पिता नहीं है और उनकी माँ घर संभालती हैं। गुंजन गाँव कनेक्शन को बताती हैं, "जब मेरा सलेक्शन हो गया तब मैं बहुत खुश हुई और आज मेरा ग्रेजुएशन भी पूरा हो गया अभी मैं संगीतिका में ही बॉलीवुड और क्लासिकल डांस सिखाती हूँ।"

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