एड्स रोगी भी दे सकते हैं स्वस्थ शिशु को जन्म
दरख्शां कदीर सिद्दीकी | Nov 30, 2016, 20:40 IST
लखनऊ। एचआईवी एड्स के रोगी भी स्वस्थ शिशुओं को जन्म दे सकते हैं। एचआईवी पॉजीटिव पुरुष और महिला आपस में शादी करते हैं और सामान्य दम्पत्ति की तरह स्वस्थ शिशु चाहते हैं तो वह भी संभव है। हालांकि कुछ वर्ष पूर्व डब्लूएचओ और एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने इस पर रोक लगा रखी थी।
एचआईवी एड्स को लेकर समाज में तरह-तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। जिसमें आज भी एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के साथ छूआछूत और भेदभाव किया जाता है। समाज से कटे होने की वजह से आज भी वह उपेक्षापूर्ण जीवन जीने पर मजबूर रहते हैं। ऐसे एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को सामान्य जीवन जीने के लिए नई उम्मीद जगाई है। केजीएमयू के एआरटी सेंटर के डॉ. सौरभ पॉलीवाल ने बताया कि एड्स कोई अनुवांशिक बीमारी नहीं है, इसलिए यह पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में नहीं जा सकती है। एड्स रोगी भी स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकते हैं।
कुछ समय पहले तक एचआईवी पॉजिटिव मरीज आपस में शादी तो कर सकते थे, लेकिन गाइडलाइन के अनुसार बच्चे पैदा नहीं कर सकते थे। वहीं नई दवाओं के आने के बाद से माता-पिता से इन्हें संतान में जाने से भी रोका जा सकता है। इस कार्यक्रम का नाम है प्रीवेन्शन पेरेन्ट टू चाइल्ड ट्रांसमिशन (पीपीटीसीटी) है। इसके तहत सीडी-4 काउंट के कम होने का इंतेजार किये बिना, एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिला की एआरवी थेरेपी शुरू कर दी जाती है। जिससे गर्भावस्था में पूरी होने तक वायरल लोड कम हो जाता है। वहीं बच्चे के पैदा होने के बाद भी उसकी भी थेरेपी चलाई जाती है। शिशु की 18 माह तक जांच की जाती है। अगर बच्चा एचआईवी निगेटिव होता है तो उसके बाद से बच्चा नार्मल की श्रेणी में माना जाता है। गर्भावस्था से मां के एआरटी थेरेपी लेने से बच्चे में एचआईवी संक्रमण की संभावना 90 प्रतिशत तक कम हो जाती है।
डॉ. सौरभ ने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती की डिलीवरी के दौरान बेहद सावधानी की जरुरत होती है। डिलीवरी के लिए डॉक्टरों को एचआईवी किट दी जाती है जिसे बाद में डिस्पोज कर दिया जाता है। वहीं प्रसव और सिजेरियन के समय सबसे ज्यादा सावधानी रखनी पड़ती है। मां और बच्चे को किसी भी तरह से कट लगने पर शिशु तक संक्रमण पहुंच सकता है। इसलिए इस समय डॉक्टरों को सावधानी रखने की जरुरत पड़ती है।
इसी परिप्रेक्ष्य में केजीएमयू के एआरटी प्लस सेंटर में एचआईवी पॉजिटिव कई लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है जो कि शादी के इच्छुक हैं। सेंटर में अब तक 250 एचआईवी पॉजिटिव लोग शादी के लिए रजिस्ट्रेशन हो चुका है। जिनमें से 10 जोड़ों के बच्चे भी हो चुके हैं, जो पूरी तरह से स्वस्थ हैं और एचआईवी मुक्त हैं।