प्रदूषण के कारण बढ़ रहे दमे के मरीज़
गाँव कनेक्शन | Nov 08, 2016, 18:10 IST
अस्थमा या दमा ये श्वसन तंत्र की बीमारी है जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है क्योंकि श्वसन मार्ग में सूजन आ जाने के कारण वह संकुचित हो जाती है। इस कारण छोटी-छोटी सांस लेनी पड़ती है, छाती मे कसाव जैसा महसूस होता है, सांस फूलने लगती है और बार-बार खांसी आती है। इसकी सबसे बड़ी वजह लगातार बढ़ रहा प्रदूषण है। अस्थमा कभी भी ठीक नहीं हो सकता है लेकिन कई प्रकार के उपचार के द्वारा इसके लक्षणों को नियंत्रण में लाया जा सकता है। इसके बारे में बता रहे हैं चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. रवि कुमार-
अस्थमा का एटैक आने के बहुत सारे कारणों में वायु का प्रदूषण भी एक कारण है। अस्थमा के एटैक के दौरान वायु मार्ग के आसपास के मसल्स में कसाव और वायु मार्ग में सूजन आ जाती है, जिसके कारण हवा का आवागमन अच्छी तरह से हो नहीं पाती है। दमा के रोगी को सांस लेने से ज़्यादा सांस छोड़ने में मुश्किल होती है। एलर्जी के कारण श्वसनी में बलगम पैदा हो जाता है जो कष्ट को और भी बढ़ा देता है। एलर्जी के अलावा भी दमा होने के बहुत से कारणों में से कुछ इस प्रकार है-
• बाहर का वायु प्रदूषण
• सुगंधित सौन्दर्य प्रसाधन
• सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस और साइनसाइटिस का संक्रमण
• सर्दी के मौसम में ज़्यादा ठंड
दमा के लक्षण की बारे में बात करते ही पहली बात जो मन में आती है, वह है सांस लेने में कठिनाई। दमा का रोग या तो अचानक शुरू होता है या खांसी, छींक या सर्दी जैसे एलर्जी वाले लक्षणों से शुरू होता है।
दमा का कोई इलाज नहीं होता है लेकिन दवा या कुछ घरेलू उपायों के द्वारा इसके असर को कम किया जा सकता है-
1. एक लीटर पानी में दो बड़ा चम्मच मेथी के दाने डालकर आधा घंटे तक उबालें, उसके बाद इसको छान लें। दो बड़े चम्मच अदरक का पेस्ट एक छलनी में डालकर उस रस निकाल कर मेथी के पानी में डालें। उसके बाद एक चम्मच शुद्ध शहद इस मिश्रण में डालकर अच्छी तरह से मिला लें। दमा के रोगी को यह मिश्रण प्रतिदिन सुबह पीना चाहिए।
2. दो छोटे चम्मच आंवला का पाउडर एक कटोरी में ले और उसमें एक छोटा चम्मच शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। हर रोज सुबह इस मिश्रण का सेवन करें।
3. एक कटोरी में शहद लें और उसको सूंघने से दमा के रोगी को सांस लेने में आसानी होती है।
4. ज़रूरत के अनुसार सरसों के तेल में कपूर डालकर अच्छी तरह से गर्म करें। उसको एक कटोरी में डालें। फिर वह मिश्रण थोड़ा-सा ठंडा हो जाने के बाद सीने और पीठ में मालिश करें। दिन में कई बार से इस तेल से मालिश करने पर दमा के लक्षणों से कुछ हद तक आराम मिलता है।
5. गरमागरम कॉफी पीने से भी दमा के रोगी को आराम मिलता है क्योंकि यह श्वसनी के मार्ग को साफ करके सांस लेने की प्रक्रिया को आसान करता है।
6. एक कटोरी में एक छोटा चम्मच अदरक का रस, अनार का रस और शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। उसके बाद एक बड़ा चम्मच इस मिश्रण का सेवन दिन में चार से पांच बार करने से दमा के लक्षणों से राहत मिलती है।
साधारणत: जाड़े के मौसम में ठंड के कारण दमा का रोग भयंकर रूप धारण करता है। इसलिए इस समय इन घरेलू उपचारों के सहायता से दमा रोग के कष्ट को तो कुछ हद तक काबू में किया जा सकता है, साथ ही कुछ बातों पर ध्यान से दमा रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है-
•मुंह से सांस न लें क्योंकि मुंह से सांस लेने पर ठंड भीतर चला जाता है जो रोग को बढ़ाने में मदद करता है।
कारण
- घर का धूल भरा वातावरण
• बाहर का वायु प्रदूषण
• सुगंधित सौन्दर्य प्रसाधन
• सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस और साइनसाइटिस का संक्रमण
- धूम्रपान
- अधिक मात्रा में शराब पीना
- व्यक्ति विशेष का कुछ विशेष खाद्द-पदार्थों से एलर्जी
- महिलाओं में हार्मोनल बदलाव
• सर्दी के मौसम में ज़्यादा ठंड
एलर्जी के बिना भी हो सकता है दमा
- तनाव या भय के कारण
- अतिरिक्त मात्रा में प्रोसेस्ड या जंक फूड खाने के कारण
- ज़्यादा नमक खाने के कारण
- आनुवांशिकता के कारण आदि।
लक्षण
- सांस लेने में कठिनाई होती है।
- सीने में जकड़न जैसा महसूस होता है।
- दमा का रोगी जब सांस लेता है तब एक घरघराहट जैसा आवाज होती है।
- सांस तेज लेते हुए पसीना आने लगता है।
- बेचैनी-जैसी महसूस होती है।
- सिर भारी-भारी जैसा लगता है।
- जोर-जोर से सांस लेने के कारण थकावट महसूस होती है।
- स्थिति बिगड़ जाने पर उल्टी भी हो सकती है आदि।
घरेलू उपचार
1. एक लीटर पानी में दो बड़ा चम्मच मेथी के दाने डालकर आधा घंटे तक उबालें, उसके बाद इसको छान लें। दो बड़े चम्मच अदरक का पेस्ट एक छलनी में डालकर उस रस निकाल कर मेथी के पानी में डालें। उसके बाद एक चम्मच शुद्ध शहद इस मिश्रण में डालकर अच्छी तरह से मिला लें। दमा के रोगी को यह मिश्रण प्रतिदिन सुबह पीना चाहिए।
2. दो छोटे चम्मच आंवला का पाउडर एक कटोरी में ले और उसमें एक छोटा चम्मच शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। हर रोज सुबह इस मिश्रण का सेवन करें।
3. एक कटोरी में शहद लें और उसको सूंघने से दमा के रोगी को सांस लेने में आसानी होती है।
4. ज़रूरत के अनुसार सरसों के तेल में कपूर डालकर अच्छी तरह से गर्म करें। उसको एक कटोरी में डालें। फिर वह मिश्रण थोड़ा-सा ठंडा हो जाने के बाद सीने और पीठ में मालिश करें। दिन में कई बार से इस तेल से मालिश करने पर दमा के लक्षणों से कुछ हद तक आराम मिलता है।
5. गरमागरम कॉफी पीने से भी दमा के रोगी को आराम मिलता है क्योंकि यह श्वसनी के मार्ग को साफ करके सांस लेने की प्रक्रिया को आसान करता है।
6. एक कटोरी में एक छोटा चम्मच अदरक का रस, अनार का रस और शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। उसके बाद एक बड़ा चम्मच इस मिश्रण का सेवन दिन में चार से पांच बार करने से दमा के लक्षणों से राहत मिलती है।
साधारणत: जाड़े के मौसम में ठंड के कारण दमा का रोग भयंकर रूप धारण करता है। इसलिए इस समय इन घरेलू उपचारों के सहायता से दमा रोग के कष्ट को तो कुछ हद तक काबू में किया जा सकता है, साथ ही कुछ बातों पर ध्यान से दमा रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है-
- इन्हेलर को अपने पास रखें।
•मुंह से सांस न लें क्योंकि मुंह से सांस लेने पर ठंड भीतर चला जाता है जो रोग को बढ़ाने में मदद करता है।