सर्दियों में अपने बच्चों को निमोनिया से बचाकर रखें
गाँव कनेक्शन | Dec 30, 2016, 11:55 IST
स्वयं डेस्क/ दीपांशु मिश्रा (कम्युनिटी जर्नलिस्ट) 21 वर्ष
लखनऊ। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बीमारियों की शुरुआत हो जाती है। इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानियां आपके नन्हें मुन्ने को झेलनी पड़ती है। क्योंकि सर्दियों में उन्हें बीमारियों का ज्यादा खतरा रहता है और आपके नवजात को जो बीमारी सबसे ज्यादा परेशान करती है, वह निमोनिया है। इसलिए बच्चे को निमोनिया से बचाना होती जरूरी है। इसके बारे में बता रही हैं लखनऊ के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. रूपा शर्मा-
डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्ट्रेप्टोकोक्स निमोनिया पांच साल से छोटी उम्र के बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने व मृत्यु होने का प्रमुख कारण है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक पांच साल से छोटी उम्र के 1,20,000 बच्चों की मौत निमोनिया की वजह से होती है और भारत में हर एक मिनट पर एक बच्चे की निमोनिया की वजह से मौत हो जाती है।
निमोनिया कई तरीकों से फैल सकता है। वायरस और बैक्टीरिया अक्सर बच्चों के नाक या गले में पाए जाते हैं और अगर वे सांस से अंदर चले जाएं तो फेफड़ों में जाकर खांसी या छींक की बूंदों से हवा नली के जरिए भी फैल सकते हैं। छोटे बच्चे के फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं होते हैं, हवा नली तंग होती है, इसलिए कमजोर पौष्टिकता और रोगप्रतिरोधक प्रणाली वाले बच्चों को निमोनिया होने का ज्यादा खतरा होता है।
अगर बच्चों को सर्दियों में ठीक तरह से कपड़े ना पहनाए जाएं या फिर अधिक देर ठंडी हवा में रखा जाए तो नवजात को निमोनिया हो सकता है। इसके अलावा छोटे बच्चों में निमोनिया के लक्षणों को आसानी से पहचाना जा सकता है। जब नवजात की सांसे तेजी से चलने लगे, दस्त पतले हो जाएं, बच्चे को बुखार आ जाए या फिर बच्चे की नाक बंद हो जाए तब भी आपको समझना चाहिए कि आपका शिशु निमोनिया की चपेट में आ गया है।
लखनऊ। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बीमारियों की शुरुआत हो जाती है। इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानियां आपके नन्हें मुन्ने को झेलनी पड़ती है। क्योंकि सर्दियों में उन्हें बीमारियों का ज्यादा खतरा रहता है और आपके नवजात को जो बीमारी सबसे ज्यादा परेशान करती है, वह निमोनिया है। इसलिए बच्चे को निमोनिया से बचाना होती जरूरी है। इसके बारे में बता रही हैं लखनऊ के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. रूपा शर्मा-
क्या कहता है शोध
कैसे फैलता है
बचाने के उपाय
- उचित पौष्टिक आहार और पर्यावरण की स्वच्छता के जरिए निमोनिया को रोका जा सकता है।
- निमोनिया के बैक्टीरिया का इलाज एंटीबायॉटिक से हो सकता है, लेकिन केवल एक-तिहाई बच्चों को ही एंटीबायॉटिक्स मिल पाते हैं।
- इसलिए जरूरी है कि सर्दियों में बच्चों को पूरी तरह से ढंक कर रखना चाहिए ताकि ठंडी हवा ना लग सकें। इसके लिए एक साल से छोटे बच्चे को ऊनी कपड़े, मोजे, कैप आदि पहनाकर रखें।
- अपने बच्चों को धूप में बिठाये और खुले हवादार कमरों में रखें।
- रात में ज्यादा ठंड होने पर कमरे को गर्म रखने का उपाय करें।
- सर्दी-खांसी होने पर अगर बच्चा दूध नहीं पी रहा हो या तेज बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।