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जीवनशैली में बदलाव बचाएगा लो ब्लड प्रेशर से

Bidyut Majumdar | Jan 16, 2017, 19:51 IST
खानपान
लखनऊ। लो ब्लड प्रेशर की समस्या आजकल ज्यादातर लोगों में आम है। इसके पीछे भी इसी तरह के कारण हो सकते हैं। ऐसे में जीवनशैली और खानपान में सुधार व अन्य तरह से सतर्कता रखकर बहुत हद तक इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

इस बीमारी के बारे में लखनऊ के डॉक्टर एमए खान बता रहे हैं-

क्यों होता है ब्लड प्रेशर

ब्लड प्रेशर का लो होना या हाइपोटेंशन की तकलीफ, मतलब है रक्त के दबाव का 90/60 से भी कम होना। सामान्य तौर पर थोड़ा-बहुत या बिना लक्षणों के ब्लड प्रेशर का लो हो जाना कोई समस्या पैदा नहीं करता लेकिन यदि इसके लक्षण स्पष्ट नजर आने लगें और बार-बार यह तकलीफ उभरने लगे, तो यह किसी अंदरूनी समस्या की ओर इशारा हो सकता है। जैसे- मस्तिष्क, हृदय तथा अन्य प्रमुख अंगों तक रक्त के प्रवाह का अपर्याप्त होना।

कई बार बहुत देर तक बैठे या लेटे रहकर उठने पर या लंबे समय तक खड़े रहने पर भी ब्लड प्रेशर लो हो सकता है। इसे पोस्चरल हाइपोटेंशन कहा जाता है। कई सारी अन्य ऐसी स्थितियां हैं, जो लो ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती हैं। इनमें गर्भावस्था, हार्मोनल समस्याएं जैसे थाइरॉइड या डायबिटीज आदि, कुछ विशेष औषधियां, अल्कोहल का अधिक सेवन, हृदय संबंधी अनियमितताएं, रक्त वाहिकाओं का चौड़ा होना या फैलना और लिवर डिसीज आदि शामिल हैं। वहीं दुर्घटना, बीमारी या किसी अन्य कारण से ब्लड प्रेशर का एकदम से बहुत लो हो जाना खतरे का संकेत भी हो सकता है।

लक्षण

चक्कर आना या सिर घूमना

चक्कर खाकर गिर जाना

एकाग्रता में कमी होना

धुंधला दिखाई देना

त्वचा का ठंडा पड़ जाना

त्वचा का चिपचिपा या पीला पड़ जाना

सांस का असामान्य होना

थकान लगना आदि।

सलाह

पानी भरपूर मात्रा में पीएं। इससे रक्त की मात्रा में वृद्धि होती है। लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने के बाद उठने पर यदि आपको समस्या होती है तो उठने की गति को नियंत्रित करें। सुबह सोकर उठते समय तेजी से उठने की जगह पहले लेटे-लेटे कुछ गहरी सांसें लीजिए। सोते समय सिर को थोड़ा ऊंचा रखना भी काफी मदद करेगा

अपने डॉक्टर के मार्गदर्शन से व्यायाम को नियमित रूप से अपनाइए।

भोजन को छोटे-छोटे कई टुकड़ों में बांटकर खाइए।

आलू, चावल, पास्ता, नूडल्स और ब्रैड जैसे हाई कार्बोहाइड्रेट फूड का सेवन

कम से कम करें।

अल्कोहल का सेवन बंद करने की कोशिश करें।

चाय या कॉफी का सेवन लाभ दे सकता है लेकिन इसकी मात्रा को लेकर डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

10-15 किशमिश के दाने रात में भिगो दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें, जिस पानी में किशमिश भिगोई थी आप उस पानी को भी पी सकते हैं।

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